फरीदाबाद (म.मो.) झूठी एवं निराधार घोषणा करने में भाजपाइ सरकारों का कोई मुकाबला नहीं। हरियाणा सरकार के चार मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिये 12 हजार करोड़ रुपये देने का प्रावधान इस बार के केन्द्रीय बजट में किया गया है। गौरतलब है कि राज्य में फिलहाल रोहतक मेडिकल कॉलेज में ही नर्सिंग कॉलेज है। इसके अलावा अनेकों नकली कॉलेज फर्जी प्रमाणपत्र देकर नर्स तैयार कर रहे हैं।
सुशिक्षित एवं योग्य नर्स उपलब्ध कराने के लिये केन्द्र सरकार ने राज्य के उन चार मेडिकल कॉलेजों को चिन्हित किया है जिन्हें बनाने का खर्च भी केन्द्र सरकार वहन करने का दावा कर रही है। ये कॉलेज जींद, भिवानी, नारनौल तो हैं ही चौथा इसमें छांयसे वाला अटल बिहारी वाजपेयी भी जोड़ दिया गया है।
जींद, भिवानी एवं नारनौल वाले कॉलेजों में से अभी तक केवल नारनौल वाले की ही आधी-अधूरी बिल्डिंग बन पाई है जबकि भिवानी व जींद वालों के लिये तो अभी तक खट्टर सरकार ने ग्राम पंचायतों से केवल ज़मीन पर ही कब्जा लिया है। ये कब्ज़ा भी कोई आज-कल में नहीं बल्कि बीते चार-पांच साल पहले का लिया हुआ है। कब्जा लेकर वहां के ग्रामीणों को बहकाने के लिये खट्टर तथा केन्द्रीय मंत्रियों ने मिल कर शिलान्यास भी कर दिये हैं। यानी करना-धरना कुछ नहीं केवल शोशेबाजी से ही काम चलाना है।
चौथा कॉलेज छांयसा का अटल बिहारी वाजपेयी है। कहने को तो यहां छात्रों को एमबीबीएस में दाखिला तो दे दिया गया है परन्तु वहां न तो पर्याप्त फैकल्टी है और न ही अस्पताल में कोई मरीज है। समझा जा सकता है कि ऐसे मेडिकल कॉलेज में कोई छात्र क्या तो पढ़ेगा और कोई मरीज क्या इलाज कराने आयेगा। इस तरह के मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेज भला कैसे चल पायेगा? किसी भी नर्सिंग कॉलेज के साथ अस्पताल का होना ठीक उतना ही जरूरी है जितना कि मेडिकल कॉलेज के साथ।
अब समझने वाली बात यह है कि जब मेडिकल कॉलेज ही नहीं है तो वहां नर्सिंग कॉलेज कैसे बनेंगे? न होगा नौ मन तेल न राधा नाचेगी, लिहाज़ा घोषणावीरों ने मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा तो पांच साल पहले कर दी थी और अब नर्सिंग कॉलेज बनाने की भी कर दी, बना कुछ भी नहीं और न ही कुछ बनने के आसार हैं। यहां एक मजेदार सवाल यह उठता है कि करनाल, गोहाना व नूंह स्थित मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज क्यों नहीं बनाये जा रहे? उक्त तीनों कॉलेज तो जैसे-तैसे भी हैं चल तो रहे ही हैं। यही तो कमाल की घुंडी है। नर्सिंग कॉलेज बनाने थोड़े ही है केवल घोषणा ही तो करनी है, इसलिये जान बूझ कर उन मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज बनाने की बात की जा रही है जो धरातल पर मौजूद ही नहीं है। वैसे हरियाणा सरकार ने करनाल, गोहाना व नूंह वाले कॉलेजों के साथ नर्सिंग कॉले बनाने के लिये बजट एलोकेट तो वर्षां पूर्व ही कर रखा है, कार्यान्वयन कब होगा कोई नहीं जानता।