जनता को लव जिहाद में फंसाकर सरकार जेब काटने में लगी
नई दिल्ली (म.मो.):क्या आप जानते हैं कि किस तरह से भारत सरकार आपकी जेब से पैसे निकाल रही है? इंडियन आयल की इंडेन गैस के नाम से घर-घर में विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से सप्लाई होती है। ठीक इसी प्रकार भारत गैस और एचपी भी घरेलु गैस सप्लाई करते हैं। मोदी सरकार के गठन के बाद से ही गैस के दाम बढ़ते चले जा रहे हैं। सत्ता में आते ही प्रधानमन्त्री मोदी ने आम जनता से अपील की कि जो लोग अपनी गैस सब्सिडी छोड़ सकते हैं वे छोड़ दें ताकि जरूरतमंद को इसका लाभ दिया जा सके। जाहिर है लोगों ने बड़े पैमाने पर गैस सब्सिडी छोड़ भी दी, पर क्या सच में मोदी सरकार ने जरूरत मंदों के लिए ऐसा करवाया था?
65 वर्षीय शोभा के पास इंडेन गैस के नाम से किसी का फोन आया और फोन पर उन्हें बताया गया कि कंपनी ने सर्वे आयोजित किया है जिसमे घर-घर जाकर कंपनी के लोग यह देखेंगे कि आपकी गैस ठीक काम कर रही है या नहीं, दिल्ली में बीते 45 सालों में ऐसा कभी कोई सर्वे नहीं हुआ था इसलिए शोभा को बात जमी नहीं। शोभा घर पर अकेली थीं और बुजुर्ग हैं तो उन्होंने तस्दीक करने के लिए अपने बेटे को इस बात की सूचना दी। उनके बेटे ने जब उसी फोन नंबर पर फोन करके पता किया कि यह किस प्रकार की जांच है तो यहाँ वहां कि बात करने के बाद फोन वाले व्यक्ति ने व्हाट्सएप्प पर अपने सीनीयर राजेश का नम्बर शोभा के बेटे सचिन को यह कहते हुए दिया कि राजेश इंडियन आयल के जीएम हैं।
राजेश से बात करने पर उन्होंने बताया कि वे इंडियन आयल के जीएम् नहीं हैं, वह तो दिल्ली मसूदपुर गाँव स्थित इंडेन गैस की सोना गैस एजेंसी के मैनेजर हैं। कंपनी ने सर्वे करना शुरू किया है और इस सर्वे के बदले कंपनी लगभग 240 रुपये उपभोक्ता से वसूलेगी। इसके अलावा यदि रेगुलेटर या गैस पाइप खराब है तो कंपनी उसे बदलने के अलग से चार्ज लेगी। राजेश की बताई बात की पुष्टि करने के लिए जब इंडियन आयल के उपभोक्ता केंद्र के दिए नंबर पर बात की गई तो वहां भी यही सूचना दी गई पर अंदाज अलग था। फोन पर एग्जीक्यूटिव से जब सचिन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि न तो हमने आपको सर्वे के लिए न्योता दिया है और न हमारी गैस में कोई दिक्कत है तो आपको हम किस बात के पैसे दें? यदि आप कोई सर्वे कर रहे हैं तो कंपनी खुद उसका खर्च वहन करे। इसके बाद एग्जीक्यूटिव ने सचिन को लगभग धमकाते हुए कहा कि आपसे कोई अलग से नहीं लिया जा रहा पैसा, सारे देश में हो रहा है सर्वे यदि आप नहीं देना चाहते तो मत दीजिये आपका गैस कन्नेक्शन काट देंगे।
सरकार की इस गुंडागर्दी की लूट में छिपा है सिर्फ और सिर्फ मुनाफा। दरअसल जब भी आप कोई गैस सिलेंडर लेते हैं तो उस पर दिए गए पैसे में कुछ राशि बतौर सुरक्षा बीमा कंपनी के पास जाता है। अब यदि किसी प्रकार की कोई दुर्घटना, लीकेज या रेगुलेटर से सम्बंधित कारणों से होती है तो कंपनी को बीमे की रकम पीडि़त को देनी पड़ती है। हलांकि ऐसे कितने मामलों में कम्पनी ने बीमा कि रकम चुकता की इसपर शोध होना चाहिए। कोई दुर्घटना न घटे इसके लिए कंपनी की जिम्मेवारी है कि वह अपने सिलेंडर, पाईप, और रेगुलेटर को दुरुस्त रखे। इसपर होने वाले खर्च में मैनपावर का खर्च भी शामिल है सो सरकार ने बड़ी चालाकी से इसे सर्वे के नाम पर पूरे देश की जनता से 240 रुपये वसूलने का जरिया बना लिया। यदि किसी की गैस पाइप या रेगुलेटर में कोई समस्या है तो इसे घर पर सिलेंडर पहुँचाने वाला व्यक्ति ही जिसके पास इसकी ट्रेंनिंग होती है ठीक कर देता था।
यदि सरकार सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहती है तो इन उपकरणों को दुरुस्त करने के लिए लगने वाली राशी ले ले। परन्तु आपकी पाइप, चूल्हा और रेगुलेटर सब ठीक है तो आपसे सिर्फ सर्वे के नाम पर 240 रुपये वसूल लेना साफ गुंडागर्दी है। सरकार ये गुंडागर्दी कर सकती है क्योंकि वह जानती है कि नेटफिलिक्स की सीरीज में मंदिर में चुम्बन वाले सीन पर लव जिहाद फैलने का डर देश के दिमाग में कंक्रीट से भी अधिक मजबूती से बैठ गया है।