घोटालों का शहर बना सीएम सिटी गरीबों का राशन डकार रहे लुटेरे

घोटालों का शहर बना सीएम सिटी गरीबों का राशन डकार रहे लुटेरे
September 11 17:31 2022

करनाल (जेके शर्मा) भाजपायी सीनियर डिप्टी मेयर के डिपो होल्डर का भाई द्वारा किए गए फर्जीवाड़े का मामला अभी थमा नहीं कि करनाल में फर्जी बीपीएल कार्ड बनाकर सरकारी राशन हड़पने का खुलासा हो गया। नगर निगम के एससी, पूर्व तहसीलदार राजबख्श, डीटीप विक्रम, एचएसवीपी का जेई और सीनियर डिप्टी मेयर के भाई द्वारा फर्जीवाड़े के बाद सीएम सिटी को घोटाले की सिटी कहा जाने लगा है।

नए मामले में जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग में अधिकारियों ने डिपो होल्डर के संग मिलीभगत करके करीब 966 फर्जी बीपीएल कार्ड बना डाले। लाखों रुपए का राशन घोटाला सामने आने पर डीएफएससी ने जांच कमेटी बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए। खास बात यह है कि पारदर्शिता का दावा करने वाले जनप्रतिनिधियों सहित सरकार का कोई नुमाइंदा अभी तक खुलकर सामने नहीं आया है।

सिटी के सरकारी विभागों में घोटालों की बढ़ती लिस्ट का परिणाम है कि रविवार को प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री यहां चंद मिनट मीडिया कर्मियों को देने की बजाए पिछले दरवाजे से निकल गए। हालात जैसे भी हों, लेकिन प्रदेश सरकार की पारदर्शिता पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष का कहना है कि बिना राजनीतिक शह के एक रुपए का फर्जीवाड़ा संभव नहीं है, फिर करनाल में 5 माह से रोजाना कोई न कोई बड़े घोटाले का खुलासा कई सवाल खड़े करता है।

ऐसा नहीं है कि विभाग में फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने का यह कोई पहला मामला सामने आया है। इससे पहले भी 100 से अधिक फर्जी बीपीएल कार्ड पकड़े जा चुके हैं। इन फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने वाले डिपो होल्डर सहित विभाग के इंस्पेक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हो चुके हैं। आरोपी इंस्पेक्टर व डिपो होल्डर जेल की हवा खा रहे हैं, बावजूद इसके फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने का खेल जारी है।

करोड़ों का राशन घोटाला.. अधिकारी क्यों नहीं रखते निगरानी
अब सवाल यह उठते हैं कि सीएम सिटी होते हुए भी पिछले कई सालों में करोड़ों रुपए के राशन घोटाले हो चुके हैं। घोटालों को लेकर खुलासे तो होते हैं, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं। अधिकारी हर बार यह कह कर टाल देते हैं कि उनके द्वारा कमेटी गठित की गई है, जो जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट जब तक आती है, मामला ठंडा हो जाता है और जांच भी कागजों तक सीमित रह जाती है। अगर इन घोटालों को रोकना है तो अधिकारियों को निगरानी रखनी होगी।

फर्जी बीपीएल कार्ड पकड़े जाने पर.. कैसे जारी रहता राशन
बता दें कि जिन भी डिपो होल्डरों के यहां द्वारा फर्जी बीपीएल कार्ड पाए जाते हैं, विभाग की तरफ से उन डिपो धारकों की सप्लाई सस्पेंड कर दी जाती है। उस डिपो का राशन दूसरे डिपो पर भेज दिया जाता है। उसके बाद भी उन फर्जी बीपीएल का राशन बंद नहीं किया जाता।

सीनियर डिप्टी मेयर के डिपो होल्डर भाई की जांच ठंडे बस्ते में बता दें कि बीते दिनों सेक्टर 32-33 थाना में सीनियर डिप्टी मेयर के डिपो होल्डर भाई भारत भूषण पर डीएफएससी विभाग द्वारा एक शिकायत की जांच के बाद 44 फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने का मामला दर्ज करवाया था। पुलिस जांच कर रही है, लेकिन अब तक जांच में क्या सामने आया, इसकी जानकारी लोगों के सामने नहीं आई है। वहीं इन घोटालों को विपक्ष लगातार मुद्दा बना रहा है, लेकिन सत्ताधारी नेताओं की तरफ से इन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।

30 डिपो पर 966 फर्जी बीपीएल कार्ड मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यालय के और से जारी निर्देशों के अनुसार विभाग की ओर से पीपीपी में दर्ज आय और नाम के आधार पर राशन लेने वाले उपभोक्ताओं को चयनित करके ऑनलाइन डाटा का मिलान किया गया। ऑनलाइन डाटा के आधार पर जिलेभर के करीब 30 डिपो होल्डरों पर 966 फर्जी बीपीएल राशन कार्ड बने होने की बात सामने आई है। ऐसे में अब इन 30 डिपो धारकों पर गाज गिर सकती है।

करनाल ष्ठस्नस्ष्ट कुशल पाल बुरा ने बताया कि पिछले दिनों पहले विभाग की ओर से परिवार पहचान-पत्र में दी आय के आधार पर संबंधित नामों की सूची उनको सौंपी गई थी। विभाग के आदेशानुसार, जिले के सभी खंडों में उनके द्वारा पीपीपी में दर्ज आय और नाम के आधार पर मिलान किया गया, जिसमें 966 फर्जी बीपीएल कार्ड 30 डिपो पर पाए गए हैं। इन बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या कम या ज्यादा भी हो सकती है। इनकी जांच करने के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। जैसे ही कमेटी की जांच रिपोर्ट आती है, उसे मुख्यालय भेजा जाएगा, उसके बाद ही बनती कार्रवाई की जाएगी।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles