पलवल (म.मो.) शासक वर्ग की मिलीभगत से जनता को लूटने के लिये दिल्ली-मथुरा रोड पर गदपुरी के स्थान पर टोल नाका लगा दिया गया। कुछ दलाल नेताओं ने इसका नकली सा विरोध भी किया।
शहर के पूर्व विधायक एवं हरियाणा के कैबिनेट मंत्री रह चुके करण दलाल ने इस अवैध टोल नाके के विरुद्ध पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका अगस्त 2022 में दायर की थी। याचिका में स्पष्ट लिखा गया था कि यह नाका टोल के नियमों के विरुद्ध लगाया गया है। नियमों के अनुसार एक टोल नाके का दूसरे टोल नाके से जो फासला होना चाहिये, उसकी उल्लंघना करके यह नाका लगाया गया है। नियमों के अनुसार काम पूरा होने के बाद ही टोल वसूला जा सकता है जबकि पलवल में बनाई गई एलिवेटिड सडक़ अभी अधूरी है तथा बल्लबगढ़ वाला चार लेन का रेलवे ओवरब्रिज छ: लेन का बनाना था जो अभी तक शुरू नहीं किया गया।
याचिका में तमाम तथ्यों के सबूत दे दिये गये थे। हाईकोर्ट ने तमाम सबूत देखने के बावजूद न तो टोल कम्पनी की लूट पर कोई स्थगन आदेश दिया और न ही तुरन्त सुनवाई शुरू की। कम्पनी को खुली लूट जारी रखने का समय देते हुए सुनवाई की तारीख 30 नवम्बर रख छोड़ी। इस तारीख पर भी न तो टोल स्थगित किया गया और न ही कोई विस्तृत सुनवाई की गई। केस को लम्बा खींचने व उलझाये रखने के लिये एक जांच कमीशन का ड्रामा रच दिया। यह कमीशन याचिका में लगाये गये आरोपों की जांच करेगा।
है न कमाल। गदपुरी से करमन स्थित टोल तथा बदरपुर स्थित टोल का फासला हाईकोर्ट के सिवाय सबको दिख रहा है। इसके अलावा बल्लबगढ़ रेलवे ब्रिज तथा पलवल की अधूरी एलिवेटिड सडक़ अंधे को भी दिखाई दे रही है। लेकिन यह सब हाईकोर्ट को दिखाने के लिये उक्त कमीशन गठित करने का आदेश दिया गया है। यह कमीशन एक फरवरी 2023 को अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश करेगा।
दिखावे के लिये हाईकोर्ट ने कम्पनी तथा राजमार्ग प्राधिकरण को खूब हडक़ाया। इस ‘हडक़ावे’ से जनता को तो कुछ मिलने वाला है नहीं, हां यदि इस हडक़ावे की जगह टोल को स्थगित किया जाता तो जनता को राहत मिल पाती।