फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा)। जुमलेबाज प्रधानमंत्री मोदी और घोषणावीर सीएम खट्टर से प्रेरित प्रशासनिक अधिकारी भी बड़ी बड़ी परियोजनाओं की घोषणा कर जनता को मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाने लगे हैं। गड्ढा मुक्त सडक़, स्वच्छ जल-वायु, साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने में नाकाम ये अधिकारी लंदन की तर्ज पर अत्याधुनिक पॉड टैक्सी चलाने की योजना बना रहे हैं लेकिन ये नहीं बता रहे हैं कि वो हवा में चलेगी या सडक़ पर या पानी में या रेल की लाइन पर। जनता को सेक्टर 78 में करीब आठ साल से लटके विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस कन्वेंशन सेंटर का भी प्रलोभन दिया जा रहा है।
एफएमडीए के मुख्य जिला नगर योजनाकार समर सिंह चौहान ने मीडिया को बताया है कि फरीदाबाद-नोएडा के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए पॉड टैक्सी चलाई जाएगी। एफएमडीए ने फरीदाबाद के 2041 के मास्टर प्लान में इसका प्रावधान किया है। वर्तमान में सेक्टर 65 से जेवर एयरपोर्ट तक बनाए जा रहे 31 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के साथ ही पॉड टैक्सी का रूट बनाया जाएगा। जिस तरह मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व केंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर की घोषणा के बाद मेट्रो पलवल और गुडग़ांव तक दौड़ रही है उसी तरह सरकार की चापलूसी कर नौकरी पक्की कर रहे समर सिंह चौहान की पॉड टैक्सी भी चल पड़ेगी। किशनपाल, खट्टर आदि नेता जनता को वरगला कर वोट पाने की खातिर हर चार-छह महीने में इसकी घोषणा करते रहते हैं। संदर्भवश बताते चलें कि मंझावली पुल का शिलान्यास के नौ साल बाद भी बन कर तैयार नहीं हो सका है। जिले के ‘होनहार अधिकारी’ नौ साल में मंझावली का पुल तो चला नहीं सके और समर सिंह चौहान पॉड टैक्सी चलाने का दावा कर रहे हैँ।
एफएमडीए के ही अधीक्षण अभियंता संदीप दहिया ने भी सेक्टर 78 में हरियाणा का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर जल्द बनाए जाने का दावा किया है। उनके अनुसार कन्वेंशन हॉल का डिजायन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट विमल पटेल ने तैयार किया है। सीएम खट्टर ने इस कन्वेंशन सेंटर की घोषणा अपने पहले मुख्यमंत्रित्व काल में की थी। तब से इस प्रोजेक्ट के कई बार डिजायन बन चुके और कई बार टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। अगर संदीप दहिया की मानें तो इस बार भी नए डिजायन को सरकार से मंजूरी के लिए भेजा गया है लेकिन मंजूरी मिलने से पहले ही उन्होंने टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। समझा जा सकता है कि इस बार भी सरकार उसी तरह मंजूरी देगी जैसी पहले भी कई बार दे चुकी है। सुधी पाठक जान लें कि विमल पटेल पर सेंट्रल विस्टा के लिए तीसरी दुनिया के देश सोमालिया की संसद के खारिज डिजायन को चुराने का आरोप है। चोरी के डिजायन के लिए मोदी सरकार ने इस गुजराती आर्किटेक्ट की कंपनी को 230 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। एक गुजराती कंपनी राजा नाहर सिंह स्टेडियम में लूटपाट कर भाग गई अब विमल पटेल को मौका दिया जा रहा है।
पॉड टैक्सी हो या कन्वेंशन सेंटर राजनीतिक विश्लेषक इसे जनता को विकास कार्यों की घुट्टी पिलाकर बेवकूफ बनाने की सरकारी कवायद मानते हैं। उनके मुताबिक चुनावी वर्ष है ऐसे में बड़े-बड़े विकास प्रोजेक्ट, मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, स्टेडियम, हाईवे, मैट्रो आदि की घोषणा कर जनता में सरकार की छवि बेहतर करने की जुगत लगाई जा रही है। चुनाव खत्म होने के बाद इन सारी घोषणाओं को चुनावी जुमला बता दिया जाएगा।
इन घोषणाओं का दूसरा आर्थिक पहलू भी है। सरकार को मोटा चंदा देने वाले धनपशु, रियल एस्टेट कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह के विकास प्रोजेक्ट की घोषणाएं की जाती हैं। किसी बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा का अर्थ होता है उस इलाके में आधारभूत संरचना का विकास और आधुनिक सेवाओं की उपलब्धता। ऐसे में उस इलाके की जमीन के दाम भी बढ़ते हैं। सीएम, उनके मंत्री या केंद्रीय मंत्री हर चार छह महीने पर इस तरह के प्रोजेक्ट की घोषणा करते हैं जिससे उस इलाके की प्रॉपटी के दाम बढ़ते हैं। जिस तरह मंझावली पुल आज तक नहीं बना, गुडग़ांव मेट्रो-पलवल मैट्रो की न कहीं ईंट लगी न ही नक्शा बना लेकिन इनके प्रस्तावित रूट के आसपास की जमीन के दाम घोषणा के बाद बढ़ गए उसी तरह अब सेक्टर 78 और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के इलाके में रियल एस्टेट कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए घोषणाएं की जा रही हैं। हूडा के पूर्व एसई राजीव शर्मा ने नेताओं की इन्ही घोषणाओं की बदौलत सेक्टर 78 और आसपास के इलाके में बड़ै पैमाने पर प्लॉटिंग कर अकूत संपत्ति बनाई थी। राजीव शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग कर नहरपार इलाके के प्रॉपर्टी डीलरों से मिलीभगत करके बेनामी अचल संपत्ति बनाई और फिर कभी कन्वेंशन सेंटर, तो कभी बड़ा बिजलीघर तो कभी किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रोजेक्ट शुरू होने की घोषणाएं करके प्लाटों के रेट बढ़ाकर मुनाफा कमाया। सिर्फ राजीव ही अकेले अधिकारी नहीं हैं बहुत से अन्य अधिकारी और सत्ता से जुड़े नेता व प्रॉपर्टी डीलर भी इस धंधे में शामिल हैं। यही वजह है कि अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए कभी सीएम खट्टर तो कभी केंद्रीय मंत्री गूजर इस तरह की घोषणाएं करते हैं, जाहिर है कि इन घोषणाओं का लाभ इन्हें भी मिलता है।