चंडीगढ़ मज़दूर मोर्चा ब्यूरो जनता को लूटने का कोई भी सम्भव प्रयास खट्टर महाशय छोडऩे को तैयार नहीं है। अभी तक आवासीय क्षेत्रों में कोई भी व्यापारिक गतिविधि नहीं की जा सकती थी। कोई छोटी सी भी दुकान अपने घर में खोल लेता था तो सरकारी चीचड़ महकमे उसको चिपट जाते हैं लेकिन अब सरकार न केवल यहां दुकाने व शो-रूम खुलवायेगी बल्कि उद्योग धंधे भी करवायेगी। इसके बदले खट्टर सरकार कनवर्जन शुल्क के रूप में सैंकड़ों करोड़ की वसूली करने की फिराक में है। जाहिर है कि सरकार की इस लूट नीति से आवासीय क्षेत्रों में अत्यधिक भीड़ एवं लोगों के आवागमन से निवासियों का शांतिमय जीवन दूभर हो जायेगा। नागरिकों के इसी शांतिमय जीवन को बनाये रखने के लिये योजनाबद्ध तरीके से नवनिर्मित शहरों को आवासीय, व्यवसायिक तथा औद्योगिक क्षेत्रों में बांट कर बसाया गया था। लेकिन अब खट्टर सरकार तमाम नियम कायदों को तोड़-मरोड़ कर अधिक से अधिक धन लूटने के चक्कर में चढ़ी हुई है।
लूट के इसी चक्कर में खट्टर ने नये सेक्टरों तथा पूराने शहरों में एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) बढ़ा कर दोगुणा से भी अधिक कर दिया है। पहले जिन सेक्टरों में ढाई मंजिला मकान बनाने की इजाजत थी उसे अब पांच तक कर दिया गया है। सेक्टरों के अलावा पुराने शहर की सडक़ें, सीवर तथा जलापूर्ति की व्यवस्था उसी के हिसाब में तैयार की गई थी। सर्वविदित है कि उक्त तमाम व्यवस्थायें आज पूरी तरह से चरमरा चुकी हैं जिन्हें सुचारू बनाये रखना सरकार के काबू से बाहर हो चुका है। इसके बावजूद सरकार ने, लालचवश एफएआर को दोगुणा तो कर ही दिया है और अब इन्हीं क्षेत्रों में व्यवसायिक तथा औद्योगिक कारोबार भी चलवाने जा रही है। समझना कठिन नहीं है कि इससे आम नागरिकों का रहना कितना कठिन हो जायेगा। अभी तक जो ओयो होटल अवैध रूप से गली-मुहल्लों में चले आ रहे हैं वे सब वैध हो जायेंगे।