ऐसे भ्रष्टाचारियों को भला कैसे सेवानिवृत कर दें फरीदाबाद (म.मो.) 31 अक्तूबर को सेवा निवृत हुए सुपरिंटेंडिंग इंजीनीयर रवि कुमार को तीन नवम्बर से फिलहाल आगामी एक वर्ष के लिये सेवा विस्तार देकर हरियाणा के राज्यपाल प्रसन्न हैं। जी हां, अफसरशाही जो भी आदेश-पत्र जारी करती है उसमें राज्य के गवर्नर सदैव प्रसन्न होते हैं। यह आदेश शहरी लोकल बॉडीज के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता ने अपने हस्ताक्षर से जारी किया है।
रवि कुमार बमुश्किल ले-देकर एक डिप्लोमाधारक हैं। इन्होंने कभी किसी इंजीनीयरिंग कॉलेज की शक्ल तक नहीं देखी, इसके बावजूद भी नगर निगम इनको सेवानिवृत्त होने के बाद भी सेवा में बनाये रखना चाहती है। इनमें ऐसे क्या गुण हैं जो शासन-प्रशासन को अन्य किसी डिप्लोमाधारक में न मिल सकें। जानकार बताते हैं कि यह महाशय रिश्वत खाने व ऊपरवालों को खिलाने में काफी महारत रखते हैं। उपलब्ध जानकारी के अनुसार सेक्टर 30-31 के आस-पास स्थित स्प्रिंग फील्ड कॉलोनी के कॉलोनाइज़र ने बिजली विभाग को एक करोड़ रुपये जमा कराना था, लेकिन उसने रवि कुमार से सांठ-गांठ करके 23,77,538/- रुपये नगर निगम की ओर से जमा करा दिया। जाहिर है कि रवि ने कॉलोनाइज़र पर यह मेहरवानी मुफ्त में तो नहीं ही की होगी।
इसके बाद निगमायुक्त खुल्लर के वक्त भी इसी कॉलोनी के लिये 45 लाख का चेक खुल्लर साहब से साइन करवा लिया था। लेकिन कॉलोनाइज़र से लेन-देन के चक्कर में वह बना-बनाया चेक दो-चार दिन निगम कार्यालय में ही पड़ा रह गया तो किसी ने इस घोटाले को सार्वजनिक कर दिया। भनक पाते ही खुल्लर ने चेक रद्द कर दिया।
सारे मामले में कॉलोनाइज़र के खिलाफ थाना एसजीएम नगर में आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया तथा रवि कुमार को चार्जशीट करके इन्क्वायरी का ड्रामा किया गया। बाद में मात्र 2 लाख रुपये जुर्माना करके रवि कुमार को अपने सुनहरे भविष्य में $फलने-फूलने का मौका दे दिया गया। नगर निगम से लुटाये गये वे 37 लाख गये तो गये। अब सोचिये ऐसे बढिया कलाकार रवि कुमार को भला सरकार रुलने के लिये कैसे छोड़ दे। यह सेवा विस्तार भी कोई मुफ्त में नहीं मिलता। इस पर भी 20-30 लाख का खर्चा आता है, अफसरों व नेताओं की भेंट करने पर।