हरियाणा के करनाल के गुरुद्वारा डेरा कार सेवा में संयुक्त किसान मोर्चा की बुधवार को मीटिंग हुई। मीटिंग में केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर बनाई गई कमेटी को संयुक्त किसान मोर्चा ने सिरे से खारिज कर आंदोलन चलाने की घोषणा कर दी। किसान नेता जोगिंद्र उगराहां, योगेंद्र यादव और रतनमान ने दो टूक कह दिया कि किसानों को कमेटी किसी हाल में मंजूर नहीं। सरकार पिछले दरवाजे से 3 कृषि कानूनों को लाना चाहती है। कमेटी में उन लोगों को शामिल किया जो शुरू से लेकर अंतिम दिन तक कानूनों की वकालत कर रहे थे। सरकार की मंशा को कामयाब होने नहीं देंगे।
किसान एमएसपी पर मांग रहे गारंटी कानून जोगिंद्र उगराहां ने कहा कि जो प्लान एसकेएम ने बनाया था उसे लागू करने के लिए करनाल में मीटिंग रखी गई थी। केंद्र सरकार ने कमेटी में किन लोगों को लिया जाएगा उसे साफ नहीं किया था। कमेटी किस लिए बनाई गई है, ये भी स्पष्ट नहीं है। किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी मांग रहे हैं, लेकिन सरकार इस बात को दूर रख रही है। जो किसानों को मंजूर नहीं। सरकार ने जो कमेटी बनाई है, उसमें पता नहीं किन-किन लोगों को खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद यूपी में हुए सम्मेलन में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया था कि एसकेएम कमेटी में नहीं जाएगा।
कमेटी को लेकर किसानों ने जताया था संदेह किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर कमेटी बनाने की बात कही थी, उसी वक्त किसानों ने कमेटी बनाने पर संदेह व्यक्त किया था। वह अब सही साबित हो चुका है। सरकार ने कमेटी में उन लोगों को शामिल किया है जो कानूनों की वकालत करते थे। हैरानी की बात यह है कि कमेटी का अध्यक्ष उसे बनाया है, जिसने कानूनों को बनाया था। कमेटी में 3 नेताओं के नाम मांगे हैं। वह कह रहे हैं कि एसकेएम नाम नहीं दे रहा है। जब हमें पता ही नहीं कि कमेटी किस लिए बनाई है। कमेटी एमएसपी पर कानून बनाने को लेकर है या कुछ और ?
सरकार की कमेटी में आरएसएस और बीजेपी के लोग उन्होंने आरोप लगाया कि कमेटी में 5 ऐसे लोगों को बैठा दिया जो आरएसएस और बीजेपी के हैं। यह सभी 3 कृषि कानूनों के समर्थक हैं। सरकार पिछले दरवाजे से तीनों कृषि कानूनों को लाने की कोशिश करेगी, इसलिए सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी में जाने और सहयोग का कोई मतलब नहीं है। हम सरकार की कमेटी को खारिज करते हैं और कमेटी का भंडाफोड़ करेंगे। हमें कमेटी नहीं चाहिए। सरकार पहले एक एमएसपी पर कानून बनाने का एग्रीमेंट दे।
7 अगस्त से लेकर 14 अगस्त तक होगा जय जवान जय किसान सम्मेलन उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की बैठक में जो निर्णय लिए थे उन्हें हरियाणा में लागू करने की योजना बनी थी। मीटिंग में फैसला हुआ कि 31 तक बकाया मांगों को लेकर सम्मेलन करना, 4 घंटों के लिए चक्का जाम करना।
सात अगस्त से 14 तक हर जिला स्तर पर जय जवान जय किसान सम्मेलन, जिसमें एक्स सर्विसमैन, बेरोजगारों के संगठन शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि एसकेएम किसानों के हकों के साथ खड़ा रहेगा। किसानों की जमीन नहीं छीनने देंगे। इसके लिए पांच अगस्त से सभी डीसी को ज्ञापन दिए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा हर मुद्दे पर लड़ेगा। अग्निपथ योजना का विरोध करने के लिए एसकेएम जय जवान जय किसान सम्मेलन आयोजित कर रहा है।