एक्सईएन पद्मभूषण के चार मंजिला निर्माण पर मेहरबान नगर निगम

एक्सईएन पद्मभूषण के चार मंजिला निर्माण पर मेहरबान नगर निगम
June 08 15:39 2024

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) नगर निगम का फर्जी डिग्री वाला एक्सईएन पद्मभूषण नासवा अकेले ही शहर को बर्बाद नहीं कर रहा है, उसके पद और रसूख का फायदा उठा कर परिवार की सदस्य स्वाति नासवा भी नियम कानून अपने ठेंगे पर रख कर अवैध निर्माण करा रही है। स्वाति नासवा ने नगर निगम से नक्शा तो नियमानुसार ढाई मंजिल का पास कराया लेकिन चार मंजिला हवेली खड़ी कर दी। परिवार का एक सदस्य एक्सईएन है और दूसरा मनोज नासवा पूर्व पार्षद, इनके शह पर स्वाति ने बिल्डिंग प्लान की तो धज्जियां उड़ाईं ही, फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) पर भी निर्माण करवा डाला। आसपास के जागरूक नागरिकों ने शिकायत की लेकिन अधिकारी के परिवार का मामला होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। हां, इतना जरूर हुआ कि शिकायत होने पर निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण कराया जा रहा है। लोगों ने निदेशालय में शिकायत की तो कारण बताओ नोटिस जारी कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गई।

नगर निगम एक्सईएन पद्मभूषण नासवा और पूर्व पार्षद मनोज नासवा की पारिवारिक सदस्य स्वाति नासवा ने सेक्टर 49 सैनिक कॉलोनी में 220 गज के प्लॉट 581-पी में निर्माण के लिए 13 मई 2021 को ऑनलाइन फार्म ऑफ सेंक्शन अंडर सेल्फ सर्टिफिकेशन के तहत भरा था। चूंकि फार्म एक्सईएन के पारिवारिक सदस्य का था तो निदेशक शहरी स्थानीय निकाय के निर्देश पर महज तीन दिन में नगर निगम की ओर से उन्हें स्वीकृति मिल गई। ऑनलाइन स्वीकृति में शर्त थी कि उन्हें यह निर्माण दो साल में 27 मई 2023 तक पूर्ण कर लेना होगा अन्यथा स्वीकृति स्वत: समाप्त हो जाएगी।

स्वाति नासवा ने पहले तो निर्माण ही निर्धारित समय सीमा में पूरा नहीं करवाया, वर्तमान में इस इमारत में निर्माण कार्य चल रहा है। अवैध निर्माण के खिलाफ तोडफ़ोड़ करने वाले एक्सईएन पद्मभूषण की शह पर स्वाति ने अपनी इमारत बनाने में सभी नियमों की जमकर धज्जियां उड़ा डालीं। स्टिल्ट पार्किंग के नाम पर पूरा एक फ्लोर ही बना डाला, एफएआर का अतिक्रमण कर डाला यानी हरियाणा बिल्डिंग कोड 2017 के सभी मानकों का उल्लंंघन कर डाला। ढाई मंजिल की जगह चार तल का बड़ा शानदार मकान बना डाला।
बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर निर्माण किए जाने पर सैनिक कॉलोनी के जागरूक नागरिकों ने कई बार नगर निगम में शिकायत की लेकिन पद्मभूषण नासवा ने अपने परिवार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं होने दी। हाल ही में महानिदेशक नगर एवं आयोजना टीएल सत्यप्रकाश ने 23 फरवरी 2023 के बाद बनाई गए चार मंजिला इमारतों की चौथी मंजिल तोडऩे का आदेश जारी किया था। जानकारी होने पर जागरूक नागरिकों ने स्वाति नासवा की चार मंजिला इमारत की शिकायत डायरेक्टर स्थानीय शहरी निकाय से कर दी।

ऊपर से कार्रवाई के आदेश आए तो पद्मभूषण नासवा ने कागजी कार्रवाई दिखाने का नाटक करवा दिया। उसने नाटक में संयुक्त आयुक्त नगर निगम जितेंद्र गर्ग को भी शामिल कर लिया। संयुक्त आयुक्त की ओर से स्वाति नासवा के नाम एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, खास बात यह है कि नोटिस जारी करने की तारीख ही नहीं डाली गई। नोटिस में कहा गया है कि स्वाति ने स्टैंडर्ड बिल्डिंंग प्लान का उल्लंघन किया है। स्टिल्ट, प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल को पूरी तरह कवर किया गया है, इसलिए तुरंत ही निर्माण कार्य को बंद किया जाए। यह भी पूछा गया है कि क्यों न निर्माण गिराने के ओदश जारी किए जाएं। नोटिस मिलने के तीन दिन के भीतर आप जवाब दें। निगम सूत्रों के अनुसार इस नोटिस में जानबूझ कर तारीख नहीं डाली गई है, ताकि उम्र भर में भी दिन पूरे ही न हों और स्वाति बचा हुआ निर्माण कार्य आराम से कराती रहें। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद इस पर तारीख भी डाल दी जाएगी। बताया जा रहा है कि मनोज नासवा भी निर्माण कार्य जल्द पूरा कराने के लिए परिवार का पूरा सहयोग दे रहा है।

इस संबंध में संयुक्त आयुक्त नगर निगम जीतेंद्र गर्ग से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव ही नहीं की। बताते चलें कि फर्जी डिग्री वाला एक्सईएन पद्मभूषण नासवा तोड़ फोड़ विभाग में रह कर मोटी कमाई करने के लिए बदनाम है। सत्ता पक्ष के विधायक-सांसद की शह पर विरोधियों के अतिक्रमण तोडऩा और मोटी रकम लेकर लोगों के अतिक्रमण छोडऩे के लिए वह बदनाम है। अवैध और अतिक्रमण के नाम पर गरीब लोगों की रेहडिय़ां उजाडऩे, अमीरों से पैसा लेकर उनका अवैध कब्जा छोडऩे के सैकड़ों कारनामे करने में माहिर पद्मभूषण के अपने घर की बात आई तो उसने संयुक्त आयुक्त तक को फर्जी कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को तैयार कर लिया।

नगर निगम को सुधारने के तेवर दिखाने वाली निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास भी लगता है कि पद्मभूषण, ओमदत्त जैसे भ्रष्ट और खाऊ कमाऊ कर्मचारियों के तेवर में पूरी तरह ढल चुकी हैं। संभवता यही कारण है कि अब वह भी पेयजल संकट, जलभराव समस्या जैसी जनता की समस्याओं के लिए सक्रिय रूप से आदेश न देकर मातहतों पर टाल देती हैं। अपने मातहतों पर निर्भर हो चुकी निगमायुक्त स्वाति नासवा या उसके अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई करेंगी ऐसा लगता नहीं, यदि उन्हें कार्रवाई करनी होती तो जिस तरह अन्य अवैध निर्माण गिरवाए जाते हैं इस पर भी कार्रवाई कर चुकी होतीं।

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Mazdoor Morcha
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