फरीदाबाद (म.मो.) दिनांक 23 अगस्त की शाम पांच बजे ड्यूटी खत्म करके सफाईकर्मी गोपाल व उसका सुपरवाइजर रविन्द्र अस्पताल से बाहर एक साथ निकले थे। दोनों चचेरे-मौसेरे भाई बताये जाते हैं। बाहर आंगन नामक रेस्तरां के सामने दोनों ने सिगरेट पी। उसके बाद दोनों में किसी बात को लेकर मार-पीटाई हो गई, थप्पड़-घुसें चले। कुछ कर्मचारियों का कहना है कि किसी महिला सुपरवाइजर को लेके दोनों में तकरार हुई थी।
थप्पड़-घूंसे खाकर गोपाल भाग कर अस्पताल में आ गया। सीसी टीवी फुटेज के मुताबिक जब उसने अस्पताल परिसर में प्रवेश किया तो उसके जिस्म पर कहीं कोई खून के निशान नहीं थे। गोपाल कैमरों की नज़र बचा कर एक ऐसी जगह चला गया जहां शीशे के टूटे गिलास इत्यादि पड़े थे। समझा जाता है कि वहां उसने किसी नोकीले शीशे से अपने चेहरे पर कट लगाया। इससे निकला खून उसके चेहरे पर फैल गया। अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में पहुंचे गोपाल को मरहम पट्टी करके दाखिल कर लिया गया।
गोपाल के अनुसार रविन्द्र ने पहले से बुला कर रखे गये बाऊंसरो से उस पर कातिलाना हमला कराया था। इसे लेकर अस्पताल के तमाम कर्मचारियों में सुपरवाइजर रविन्द्र के प्रति भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने यकायक काम बंद कर दिया। उधर अस्पताल प्रशासन ने तुरन्त एनएच तीन पुलिस चौकी को सूचित कर दिया जिस पर पुलिस ने रविन्द्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। इसके अलावा प्रशासन ने रविन्द्र सुपरवाइजर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
अस्पताल प्रशासन की ओर से सामयिक एवं तत्परता से की गई कार्रवाई से हड़ताल पर उतारू तमाम कर्मियों को भी सारा मामला समझ में आ गया। इसके साथ-साथ प्रशासन ने हड़ताल से मरीजों को होने वाले कष्ट से भी कर्मियों को आगाह कराया। सारे मामले को समझते हुए कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय वापस ले लिया।