ईएसआई कार्पोरेशन का बड़ा घोटाला

ईएसआई कार्पोरेशन का बड़ा घोटाला
May 05 17:41 2022

मज़दूरों से पैसा वसूलना काम है, सेवायें देना नहीं
रीदाबाद (म.मो.) केन्द्रीय श्रम मंत्रायल द्वारा नियंत्रित ईएसआई कार्पोरेशन फरीदाबाद-पलवल क्षेत्र के करीब पांच से छ: लाख मज़दूरों से, उनके वेतन का साढे चार प्रतिशत वसूल करती है, लेकिन इसके बदले सेवायें लेने का हक केवल 350792 मज़दूरों को ही दिया गया है। जी हां, यह कटु सत्य है जो कार्पोरेशन के रेकॉर्ड से निकल कर सामने आता है।

कार्पोरेशन के नियमानुसार जब अंशदाता श्रमिक का ईएसआई कार्ड बनता है तो उस पर उस डिस्पेंसरी का नाम लिखा जाता है जिससे वह अपना ईलाज करायेगा अथवा गंभीर बीमारी की हालत में बड़े अस्पतालों को रैफर किया जायेगा। यदि किसी श्रमिक को डिस्पेंसरी अलॉट नहीं की गई है तो वह कहीं से भी कोई ईलाज अथवा नकद लाभ लेने का हकदार नहीं होता। हां, केवल मृत्यु के मामले में उसके कफन-दफन का कुछ खर्चा कार्पोरेश बिना डिस्पेंसरी के भी दे सकती है।

कार्पोरेशन की योजनानुसार, कम्पनियों द्वारा भेजे गये दस्तावेज़ों के आधार पर श्रमिकों का ईएसआई कार्ड इसके लोकल ऑफिस  द्वारा बनाया जाता था। इसी कार्ड में बिना किसी भूल-चुक के डिस्पेंसरी का नाम अनिवार्य रूप से लिखा होता था। लेकिन बीते कुछ वर्षों से कार्पोरेशन ने अपना यह दायित्व कम्पनी मालिकान के कंधों पर डाल दिया है, जाहिर है इससे कार्पोरेशन का दफ्तरी खर्चा कुछ कम हो गया होगा। कंपनी मालिक भी इस काम को अपने गले पड़ी बेगार समझ कर जैसे-तैसे भुगता रहें हैं। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि श्रमिकों को अंशदान देने के बावजूद कार्पोरेशन से कोई सेवायें मिल सके या नहीं। इसी मानसिकता के साथ बनाये जा रहे कार्डों से डिस्पेंसरी का नाम लिखने की वे कोई जरूरत नहीं समझते।

यद्यपि इस हकीकत से कार्पोरेशन अनभिज्ञ नहीं हो सकती वह बखूबी समझती है कि अंशदान तो पांच-छ: लाख मज़दूरों से वसूला जा रहा है। जबकि सेवायें केवल 350792 मज़दूरों को दी जा रही है। जाहिर है कि इससे कार्पोरेशन के खर्च में भारी बचत हो रही है। इसलिये कार्पोरेशन क्यों चाहेगी कि सभी अंशदाता मज़दूर डिस्पेंसरियों में दर्ज किये जायें। कार्पोरेशन यह कह कर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती कि यह काम तो कंपनी मालिकों का है क्योंकि पैसा तो कार्पोरेशन वसूल कर रही है, मोटा मुनाफा तो कार्पोरेशन के खाते में जा रहा है न कि कंपनी मालिकों के।

इस घोटाले के बारे में कार्पोरेशन के क्षेत्रीय निदेशक से उनके फोन नम्बर 0129 2983193 पर सम्पर्क किया तो वहां मौजूद महिला कर्मचारी ने बताया कि निदेशक बाहर गये हुए हैं।
अन्य किसी अधिकारी से बात कराने को कहा तो उन्होंने 0129 2222980 पर बात करने को कहा। इस नम्बर पर मौजूद रिसेप्श्निष्ट ने बताया कि तमाम अधिकारीगण एनएच तीन स्थित मेडिकल कॉलेज गये हुए हैं, जहां पहली मई को केन्द्रीय श्रम मंत्री को आना है। जाहिर है कि ये निकम्मे एवं भ्रष्ट अधिकारी मज़दूरों के प्रति अपना दायित्व ठीक से निभाने की अपेक्षा मंत्री की अगवानी एवं चापलूसी के लिये चार दिन पहले ही उनके आगमन स्थल पर झाड़ू-पोछा लगाने पहुंच गये।

 

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Mazdoor Morcha
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