फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) एनएच तीन स्थित मेडिकल कॉलेज-अस्पताल अपनी उत्कृष्ट फैकल्टी एवं बेहतरीन सेवाओं के लिये देश भर में प्रसिद्धि की नई-नई बुलंदियां छू रहा है। वहीं इस बेहतरीन संस्थान की छवि को दागदार बनाने में डॉक्टर जे मेहर सिंह कोई कसर छोडऩे को तैयार नहीं हैं। लगता है कि उन्हें संस्थान की बढ़ती लोकप्रियता हजम नहीं हो रही है।
अपनी उद्दंडता एवं महिला विरोधी मानसिकता का परिचय देते हुए इस नालायक डॉक्टर ने तीन अक्टूबर को एक गर्भवती महिला को केवल इसलिये अच्छा-खासा थप्पड़ जड़ दिया कि लिफ्ट में दोनों के बीच कोई कहा-सुनी हो गई। किसी भी प्रकार की कहा-सुनी, किसी को भी थप्पड़ मारने का अधिकार नहीं देती, चाहे वह बड़े से बड़ा डॉक्टर अथवा अधिकारी ही क्यों न हो।
अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ करने पर पता चला कि मेहर सिंह ठेके पर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर साइकेट्रिक विभाग में तैनात हैं। मरीज़ों को देखने में इनकी कोई रुचि नहीं रहती, हां दिन भर दायें-बायें घूमकर बीड़ी फूंकना व अस्पताल परिसर में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने में व्यस्त रहते हैं। वैसे भी इस विभाग में कभी भी 100 से अधिक की ओपीडी नहीं होती, जिन्हें देखने के लिये छह फैकल्टी, तीन एसआर तथा छ: पीजी डॉक्टर, यानी कि कुल 15 डॉक्टर रहते हैं। वार्ड में भी नाममात्र के ही मरीज भर्ती रहते हैं। ऐसे ही एक भर्ती मरीज़ को देखने उसकी पत्नी आई थी जिसे इस डॉक्टर ने थपड़ा कर अपने सिरफिरे होने का सबूत पेश कर दिया।
कायदे से तो अस्पताल प्रशासन को पीडि़त महिला की शिकायत का संज्ञान लेते हुए ऐसे नालायक डॉक्टर को संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिये था। परन्तु जब उन्होंने दोषी डॉक्टर के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की तो महिला ने मजबूरन पुलिस चौकी में पहुंच कर अपनी लिखित शिकायत दी। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार अस्पताल प्रशासन के रसूख एवं दबाव के चलते पुलिस ने अपराधी के विरुद्ध कोई कार्रवाई करने की बजाय लीपापोती करके मामले को रफा-दफा कर दिया।