फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) बीते दस वर्ष के शासनकाल में हरियाणा की भाजपा सरकार ने सैंकड़ों सरकारी स्कूल ये कह कर बंद कर दिए कि इनमें कोई पढऩे वाले बच्चे आते ही नहीं। बच्चे आकर करें भी क्या जब स्कूल में पढऩे-पढ़ाने का माहौल ही न हो? न ढंग की इमारत न पर्याप्त पढ़ाने वाले और न ही आवश्यक साज़ो-सामान। इसके बावजूद भी सरकारी शिक्षा बजट के नाम पर सैंकड़ों करोड़ डकारा जाता रहा।
राज्य की जनता को भ्रम जाल में फंसाए रखने के लिये शिक्षा के नाम पर सरकार ने प्रोपेगेंडा में कोई कसर नहीं छोड़ी। कभी बच्चों को टैबलेट अथवा मोबाइल फोन के नाम पर सैंकड़ों करोड़ के ठेके अपने चहेतों को दे दिये। कभी पाठ्य पुस्तकों को छापने के नाम पर, कभी संस्कृति मॉडल के नाम पर नौटंकी की गई तो अब स्कूलों में स्टेम सेल लैब चालू करने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन साइंस आदि की पढ़ाई कराने का ढिंढोरा पीटा जा सहा है। पढ़ाई-लिखाई से थोड़ा भी वास्ता रखने वाले लोग बखूबी समझ सकते हैंं कि ये सभी विषय उच्च वैज्ञानिक शिक्षण स्तर की मांग करते हैं। स्टेम सेल लैब के लिये जीव विज्ञान तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा ड्रोन के लिये गणित व भौतिक विज्ञान की पढ़ाई जरूरी है। दुर्भाग्य से इन उक्त विषयों की पढ़ाई की व्यवस्था सरकारी स्कूलों में न के बराबर है।
प्रोपेगेंडे की ये मुहिम बीते लगभग डेढ़ साल से चलाई जा रही है। चुनाव की इस बेला में तो इस मुहिम को बार-बार दोहराना तो अति आवश्यक समझा जा रहा है। इसके नाम पर किसी न किसी एजेंसी को करोड़ों रुपये का ठेका देकर सरकारी खजाने में सेंधमारी भी कर ली जाएगी।