धूल खा रहे हैं मोदी के अमृत सरोवर, अधिकारी पी गए करोड़ों रुपये

धूल खा रहे हैं मोदी के अमृत सरोवर, अधिकारी पी गए करोड़ों रुपये
July 09 04:35 2024

एक और मोदी योजना, एक और राजनीतिक पाखंड, मोदी की तरह झूठ परोसने में माहिर अधिकारियों ने पोर्टल पर अपलोड कर दी फर्जी रिपोर्ट

ऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) देश को आजादी दिलाने और विश्व के तेजी से उभरते विकासशील देशों में शामिल कराने वाली कांग्रेस व उसके नेताओं के योगदान को कम करने की संघी मानसिकता से भरे प्रधानमंत्री मोदी को उनकी ही घोषणाएं ही नीचा दिखा रही हैं। स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के उपलक्ष में उन्होंने खुद को महान साबित करने के लिए 24 अप्रैल 2024 को अमृत सरोवर योजना की घोषणा की थी। इसके तहत हर जिले में 75 तालाब बनाए जाने थे या उनका जीर्णोद्धार किया जाना था। प्रधानमंत्री की घोषणा की ही तरह अधिकारी भी अमृत सरोवर बनाने में जुट गए। फरीदाबाद में कितने तालाब बनाए गए इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत सरकार के अमृत सरोवर पोर्टल पर ही दो भिन्न आंकड़े दिए गए हैं। राज्यों के आंकड़ों में फरीदाबाद में 33 अमृत सरोवर बनाने का दावा किया गया है जबकि फरीदाबाद जिले में केवल 26 तालाब ही बताए गए हैं। इन दोनों का झूठ भी वेबसाइट पर ही बयान कर दिया गया है।

अमृत सरोवर पोर्टल के अनुसार फरीदाबाद ब्लॉक में 11 तालाब पूर्ण हो चुके हैं। इनमें डबुआ 65, बुढ़ैना 46 के तालाब भी पूर्ण होना बताया गया है। जबकि इन जगहों पर अभी काम ही नहीं शुरू हुआ है, तालाब तो दूर की बात। इस संबंध में नगर निगम के मुख्य अभियंता ओमबीर ने बताया कि बुढ़ैना 27 व 46, डबुआ 65, बाजड़ी 30, 31 व 32, गोंच्छी 149 में अमृत सरोवर का काम शुरू नहीं हो पाया है क्योंकि अभी तक पटवारी ने तालाब की जगह का चिह्नांकन और सीमांकन नहीं किया है। बुढ़ैना 46 के तालाब की जमीन का तो कोर्ट केस भी चल रहा है। पटवारी यदि वहां तालाब की जमीन का डिमार्केशन कर देगा तो वहां काम शुरू करवाया जाएगा। यानी जहां अभी तालाब की जमीन की पहचान नहीं हो पाई है अमृत सरोवर पोर्टल पर वहां तालाब का काम पूर्ण भी हो चुका है।

पोर्टल खोलने पर अमृत सरोवर तालाबों का दूसरा झूठ भी सामने आ जाता है। फरीदाबाद ब्लॉक में जिन 11 तालाबों को पूर्ण दर्शाया गया है उन सभी में एक ही तालाब की फोटो अपलोड की गई है, उसमें भी पानी नहीं दिखा रहा है। बल्लभगढ़ ब्लॉक में 14 तालाब पूर्ण बताए गए हैं उनमें अधिकतर यमुना नदी के आसपास के क्षेत्र के हैं जो पहले से ही भरे हुए हैं। बताते चलें कि हर अमृत सरोवर योजना में तालाब की सफाई के साथ-साथ इसकी जल संचय क्षमता में वृद्धि, चारों तरफ ट्रैक, गऊ घाट और सीढिय़ों का निर्माण कराने का प्रावधान है। बल्लभगढ़ में केवल अटाली, हीरापूर, गढख़ेड़ा और मोहना गांव के तालाबों में कुछ निर्माण कराया गया है बाकी कहीं नहीं। तिगांव ब्लॉक में केवल कुराली गांव का पछिया तालाब है। सर्वविदित है कि अमृत सरोवरों का निर्माण मनरेगा मज़दूरों से करवाया जाना निर्धारित किया गया था लेकिन अधिकारियों ने जेसीबी से खुदाई करवा यह तालाब तैयार किया है, जेसीबी की तालाब खुदाई करते हुए फोटो भी अपलोड की गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अमृत सरोवर योजना का उद्देश्य बताया था कि इससे ग्रामीण आजीविका में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि पूर्ण सरोवरों को सिंचाई, मत्स्य पालन, बतख पालन, सिंघाड़े की खेती और पशुपालन जैसी विभिन्न गतिविधियों के लिये उपयोग में लाया जाएगा। प्रधानमंत्री के इस दावे को जिले के होनहार अधिकारियों ने झुठला दिया है। फरीदाबाद ब्लॉक में जिस तरह एक ही फोटो लगाकर दस तालाब बताए गए हैं उससे समझा जा सकता है कि कहीं कोई तालाब बनाया ही नहीं गया है, यदि बना भी है तो उसमें एक बूंद पानी नहीं है, ऐसे में क्या मछली पालन और क्या जलीय खेती, प्रधानमंत्री के थोथे वादों को यहां के अधिकारियों ने भी बखूबी अंजाम दिया है।

मोदी की घोषणा को करीब ढाई साल बीत गए हैं जिले में 75 तो क्या पंद्रह तालाब भी पूर्ण नहीं हो सके हैं। बताते चलें कि जिले के होनहार अधिकारियों ने शहर के प्राकृतिक तालाबों को तो विकास की भेंट चढ़ा दिया।

सेक्टर 55 मार्ग पर कभी धोबियों का तालाब के नाम से प्रसिद्ध तालाब होता था। इस पर पहले तो भू माफिया ने कब्जा कर डाला, रही सही कसर प्रशासन ने उसमें से सडक़ निकाल कर पूरी कर दी। जहां दो दशक पहले तक पानी भरा रहता था वहां अब सीमेंटेड सडक़ है। इससे लगता है कि तालाब तो क्या बनेंगे इनके नाम पर आने वाली रकम अधिकारी पानी की तरह पी रहे हैं।

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Mazdoor Morcha
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