डॉ. रामवीर देख रहा हूं आज देश के हुए हैं कुछ ऐसे हालात, मित्रों से भी नहीं है सम्भव खुल कर कर लें दिल की बात। आशंका सी रहती है कि मित्र कहीं न बदल गया हो, पहले चौकीदार बना था अब मोदी परिवार हुआ हो। अगर किसी ने खाई हुई है पहले से ही गुडमार बूटी, तो उसको कोई भी मिठाई नहीं कदापि लगती मीठी। जो घंटों बैठे रहते हैं टीवी पर ही नजर गडाए, ब्रेनवाश्ड उन बेचारों को नहीं कोई भी समझा पाए। भक्त तो पहले भी होते थे लेकिन होते नहीं थे अन्धे, अब अन्धा होना है जरूरी बनने को मोदी के बन्दे। मोदी ही आदर्श है जिनका केवल मोदी की ही मानते, अस्ल में मोदी के अतिरिक्त और किसी को नहीं जानते। इक मोदी और आधा शाह डेढ लोग ही देश चलाएं, बाकी बचे वे मन्दिर जाएं और खुशी से घंटा बजाएं। अगर रोज नहीं जा सकते तो एक बार कांवड ले आएं, एक वर्ष के पुण्य की एफ डी करवा कर निश्चिन्त हो जाएं।