डीसी की गाड़ी बिगड़ी तो सडक़ बनाने की सुध आई

डीसी की गाड़ी बिगड़ी तो सडक़ बनाने की सुध आई
April 11 16:46 2023

रीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) सेक्टर 15 व 15 ए की विभाजक सडक़ जो 15 ए की पुलिस चौकी से शुरु होकर जिमखाना क्लब तक जाती है, का नव निर्माण शीघ्र शुरू होने की बात चली है। करीब डेढ किलो मीटर लम्बी यह सडक़ पूर्णतया जर्जर हो चुकी है। जगह-जगह बने खड्डों में आये दिन आम लोगों की गाडिय़ां टूटती रही तो सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ा। पिछले दिनों जब डीसी की गाड़ी भी ऐसे किसी खड्डे में जाकर ठुकी तो इस सडक़ को बनाने की सुध आई।

विदित है कि डेढ किलो मीटर लम्बी इस सडक़ पर डीसी के अलावा सेशन जज, एडीसी व कई अन्य बड़े अधिकारियों के आवास हैं जो नित्य प्राय: इस सडक़ से होकर अपने कार्यालयों को जाते हैं। बाकी जनता की बात तो छोडिय़े, जि़ले के इन उच्चतम अधिकारियों के नित्य प्रति आवागमन के बावजूद इस सडक़ पर ध्यान न देना सरकार की काहिली का एक उदाहरण है। इस सडक़ के जर्जर होने का पहला कारण तो इसमें लगा घटिया माल व दूसरा कारण बरसाती पानी का लगातार खड़े रहना है। कहने को तो बरसाती पानी की निकासी के लिये लाइन डाली गई थी लेकिन वह केवल कागजों तक ही सीमित होकर रह गई लगती है।

अब इस सडक़ को करीब आठ करोड़ की लागत  से तारकोल की बजाय सीमेंट से बनाया जायेगा। इतना ही नहीं दो लेन वाली इस सडक़ को चार लेन का बनाने के साथ-साथ फुटपाथ व साइकिल ट्रैक भी बनाने की बात कही जा रही है। बरसाती पानी की निकासी के लिये पहले से बनी जो लाइन गायब हो चुकी है उसे फिर से बनाया जायेगा। इसके द्वारा पानी की निकासी हो पायेगी या नहीं, यह तो समय ही बतायेगा। रही बात साइकिल ट्रैक की, तो उसे समझने के लिये करीब तीन साल पहले 18 लाख की लागत से बने उस साइकिल ट्रैक को देखा जा सकता है जो बाटा मोड़ से कचहरी होते हुए बाइपास तक जाता है। आज यह साइकिल ट्रैक कहीं ढूंढने से भी नज़र नहीं आता।

सेक्टरों की योजना बनाने वाले योजनाकर को शायद इतनी समझ नहीं थी कि उसके द्वारा रखी गई सडक़ों की चौड़ाई पर्याप्त नहीं रहेगी। इसलिये अब चौड़ाई बढ़ाने के लिये सडक़ों के किनारे खड़े वृक्षों की बलि चढ़ाई जायेगी, जैसे कि सेक्टर 14 व 17 की विभाजक एवं बाइपास को हाइवे से जोडऩे वाली सडक़ के वृक्ष साफ कर दिये गये हैं। ‘हूडा’ के इन आधुनिक योजनाकारों से वे योजनाकार कहीं अधिक समझदार थे जिन्होंने 1948 में एनआईटी की योजना बनाते समय विभाजक सडक़ों की चौड़ाई 200 फीट व भीतरी सडक़ों की चौड़ाई 100 फीट तक रखी थी। यह बात अलग है जो राजनेताओं में अवैध कब्जे करा कर उन सडक़ों को संकरा कर दिया।

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Mazdoor Morcha
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