फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत मिशन भी नोटबंदी की तरह फ्लॉप ही साबित हुआ है। पहले कार्यकाल में उन्होंने खुले में शौच करने वालों को सार्वजनिक रूप से बेइज्जत करने और जुर्माना लगाने जैसे एतिहासिक आदेश जारी करने के साथ ही शौचालय क्रांति लाने का ढोल पीटा था। तब सभी सरकारी भवनों के साथ ही हूडा परिसर में भी सार्वजनिक शौचालय स्थापित किया गया था।
हूडा का यह सार्वजनिक शौचालय स्थापना के बाद से ही बंद पड़ा है। प्लॉट धारकों और हूडा कार्यालय आने वालों की सुविधा के लिए स्थापित किए गया ये शौचालय लगभग दस वर्ष से इस्तेमाल और देखभाल न होने के कारण कबाडख़ाने में तब्दील हो चुका है। किसी नेता या चंडीगढ़ मुख्यालय से आला अधिकारी के आने पर ही दिखाने के लिए यह शौचालय साफ-सफाई कर खोल दिया जाता है। सफाई-पानी की व्यवस्था न होने के कारण कुछ दिन में ही इस्तेमाल बंद कर दिया जाता है।
पूर्व प्रशासक पीसी मीणा ने इन शौचालयों को सुचारु करवाया था लेकिन उनके जाने के बाद ये डंप कर दिए गए। हालांकि इसके संचालन के लिए स्वच्छता विभाग का कॉंट्रैक्ट हर साल रिन्यू कर फंड भी जारी किया जाता रहा। हाल ही में हूडा प्लॉट धारकों और आरडब्ल्यूए सेक्टर 55 के पदाधिकारियों ने संपदा अधिकारी सिद्धार्थ दहिया से मिलकर डंप पड़े शौचालयों को चालू करवाने और दिन में दो बार सफाई सुनिश्चित कराने की मांग की। संपदा अधिकारी ने अधीक्षक अभियंता संदीप दहिया को शौचालय सुचारु कराने के निर्देश जारी किए हैं। सुधी पाठक जान लें कि इस तरह के आदेश हर साल-छह महीने पर जारी किए जाते हैं लेकिन इनका पालन कुछ दिन तक ही होता है, फिर वही ढाक के तीन पात। देखना है कि इस बार हूडा का यह सार्वजनिक शौचालय खुला रहेगा या डंप हो जाएगा। संपदा अधिकारी सिद्धार्थ दहिया ने बताया कि सार्वजनिक शौचालय की हालत शीघ्र सुधार कर उसे चालू करवाया जाएगा। इसके साथ ही सर्दी के मौसम के मद्देनजर ई दिशा केंद्र अब शाम चार बजे तक खुला रखने की व्यवस्था की गई है, इससे आम लोगों को सहूलियत होगी।