फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) मोदी के झूठतंत्र के सहारे दो बार सांसद एवं मंत्री बने कृष्णपाल ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए बीेते दस साल में अपने लिए अकूत संपत्ति का साम्राज्य खड़ा कर लिया। जनता की जरूरतों को दरकिनार कर अपने फायदे के लिए विकास परियोजनाएं बनवाना और फिर उनके आधार पर अरबों की संपत्ति अर्जित करने, चेले चपाटों को कमाई वाले पद दिला कर घोटाले करवाना, विकास कार्यों में कमीशनखोरी आदि का खेल लोगों को समझ में आ गया। जवाबदेही और नैतिकता को ताक पर रखने वाले कृष्णपाल को जनता ने करप्शनपाल नाम दे दिया। तीसरी बार जनता के बीच वोट मांगने जा रहे मंत्री दस साल में किए गए काम तो बता नहीं पा रहे लेकिन जनता में उनके द्वारा खड़े किए गए साम्राज्य की चर्चाएं चारों ओर हो रही हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें ऐसा सांसद और जनप्रतिनिधि चाहिए जो जनहित काम कराए न कि येन केन प्रकारेण अपना ही विकास करने में लगा रहे।
कृष्णपाल गूजर जहां भी जनसंपर्क के लिए जा रहे हैं उनके साथ ही दस साल में उनके द्वारा अर्जित की गई संपत्ति की चर्चाएं भी जा रही हैं। दस साल में उनके द्वारा बनाई गई वो संपत्ति जिसकी जानकारी जनता को है, का ब्यौरा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके मुताबिक उनके पौत्र अमोलिक के नाम से शुरू की गई रियल एस्टेट कंपनी सेक्टर 81 में मॉल, सेक्टर 84 में पार्क व्यू सोसायटी, सेक्टर 85 में संकल्प सोसायटी, सेक्टर 86 में रेजीडेंसी सोसायटी, सेक्टर 88 में हाइट्स सोसायटी, सेक्टर 97 में ब्लूमवुड्स सोसायटी की मालिक है। इन मॉल और सोसायटियों में बेशकीमती दुकानें, फ्लैट व अन्य भवन हैं।
सेक्टर 28 में शॉपिंग कॉम्पेलेक्स भी मंत्री गूजर ने तमाम नियम कायदे ताक पर रखते हुए अवैध रूप से बनवाया है। इनके अलावा सेक्टर 89 में लंबी चौड़ी जगह में बना दिल्ली पब्लिक स्कूल भी मंत्री गूजर का है, मंत्री ने इस स्कूल की स्थापना शिक्षा व्यापार में कब्जा करने की नीयत से की थी, और सीएम खट्टर ने इसका उद्घाटन किया था। सत्ता के दम पर बाटा कंपनी की विवादित जमीन में से 11.54 एकड़ जमीन हाल ही में 156 करोड़ रुपयों में खरीदी गई है। यही नहीं उनके पीए किरन पाल खटाना के नाम गुडग़ांव में दो हजार गज में विला बन कर तैयार हो गया है। एनआईटी विधायक नीरज शर्मा ने सोशल मीडिया पर इसका खुलासा करते हुए बताया कि इस विला की कीमत पचास करोड़ रुपये है। जब किशनपाल के पीए की संपत्ति इतनी है तो मालिक की संपत्ति का अंदाज लगाया जा सकता है। सोशल मीडिया पर वायरल की गई इस जानकारी में आरोप लगाया गया है कि यह सारी संपत्ति फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र की जनता से लूटी गई है।
इस संपत्ति के अलावा कृष्णपाल द्वारा अर्जित की जाने वाली अघोषित आय का भी ब्यौरा दिया गया है। कृष्णपाल ने अपने खास भ्रष्टाचार के दागी धनेश अदलखा को नगर निगम की फाइनेंस कमेटी का अध्यक्ष बनवाया है। आरोप है कि फाइनेंस कमेटी का हेड होने के नाते धनेश नगर निगम के हर काम में 10 से 20 प्रतिशत तक कमीशन लेता है। नगर निगम का हर साल का बजट औसतन 1700 करोड़ का होता है, इस हिसाब से कृष्णपाल उसके चेले धनेश अदलखा के बीच हर साल 170 से 340 करोड़ रुपये तक की बंदरबांट होती है। बताते चलें कि धनेश अदलखा बिना काम पचास करोड़ रुपये का भुगतान किए जाने के केस में फंसे हैं तो हरियाणा फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष पद पर रहते हुए पंजीकरण के नाम पर रिश्वत लेने के केस में वह वांछित है। आरोप है कि धनेश फार्मासिस्ट पंजीकरण के लिए 70 हजार से एक लाख रुपये लेता है, वह पांच साल से अध्यक्ष है, प्रत्येक साल हजारों पंजीकरण होते हैं, गूजर और उसका चेला काउंसिल से भी प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये कमाते हैं। गूजर और खट्टर के ही इशारे पर पुलिस आज तक धनेश अदलखा को गिरफ्तार नहीं कर सकी है, नगर निगम में दो सौ करोड़ के घोटाले में धनेश अदलखा के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था लेकिन गूजर ने रसूख का इस्तेमाल करते हुए उसका नाम बाहर करवा दिया।
इनके अलावा हर प्रकार के विकास कार्यों के ठेके में बीस से तीस प्रतिशत कमीशन बंधा हुआ है। इससे भी गंभीर आरोप यह है कि गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों के कल्याण व विकास के लिए जो धन सरपंच, जिला परिषद सदस्य, ब्लॉक समिति सदस्य, नगर परिषद सदस्यो के खाते में भेजा जाता है वह 20 से 30 प्रतिशत पेशगी दिए जाने के बाद ही जारी किया जाता है। निर्वाचन अधिकारी को दिए गए शपथपत्र के अनुसार उनकी संपत्ति वर्ष 2014 में पहली बार चुनाव लड़ते समय 29.64 करोड़ थी जो पांच साल में 7.32 करोड़ रुपये बढ़ कर 2019 में 36.96 करोड़ हो गई।
दूसरे कार्यकाल में यह संपत्ति और तेजी से बढ़ते हुए 62.58 करोड़ रुपये हो गई। यदि देखा जाए तो केवल सेक्टर 89 स्थित डीपीएस स्कूल और सेक्टर 29 स्थित मॉल की जमीन व इमारत का ही आकलन किया जाए तो उनकी कीमत ही 62 करोड़ से कहीं ज्यादा होगी। लोगों का अनुमान है कि कृष्णपाल की फरीदाबाद-पलवल-गुडग़ांव और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पर यूपी बॉर्डर के पास 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। किसी बिल्डर, व्यवसायी, उत्पादक की आय इतनी गति से नहीं बढ़ती जितनी तेजी से गूजर की बढ़ी है जाहिर है कि ये ईमानदारी और मेहनत के जरिए नहीं बल्कि सत्ता का इस्तेमाल अपने हक में करके हासिल की गई होगी। गूजर की कुल संपत्ति का खुलासा तो तब ही होगा जब ईडी और इनकम टैक्स इसकी जांच कर परर्तें खोलेंगे।