पलवल (मज़दूर मोर्चा) देश में नेताओं का दल बदलना चुनावी मौसम में मंडी में भावों की तरह एक आम बात हो चुकी है। हर दल बदलू नेता पिछली पार्टी की बुराई करते समय उसमें दासियों कमियां निकालते हुए वहां खाई हुई मलाई के उस स्वाद को भूल जाता है जो उसने सत्ता के साथ रहते चाटी थी। देश में हजारों छुटभैये से लेकर बड़े बड़े नेता बिना सत्ता के रह ही नहीं सकते हैं, वे बड़े-बड़े मौसम विज्ञानियों से भी बड़े मौसम विज्ञानी होते हैं जो आने वाली पार्टी को पहचान कर एक झटके में ही पुरानी पार्टी त्याग दे देते हैं। देश की राजनीति की इस दल बदलू, आया राम गया राम परंपरा में हरियाणा के विधायक गया लाल, बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश पलटू राम, राम दास आठवले, मौसम विज्ञानी के नाम से जाने वाले दिवंगत रामविलास पासवान की तरह फरीदाबाद के हर्ष कुमार भी अपना नाम दर्ज करवा कर इस परंपरा के वाहक बन गए हैं। शायद उन्हें भी याद नहीं होगा कि वे अब तक कितनी पार्टियां बदल चुके हैं। पिछले दस वर्ष में से पहले पांच बीजेपी व उसके बाद पांच वर्ष जेजेपी में रहकर उन्होंने सत्ता की खूब मलाई चाटी है।
अब जब देखा कि राजनीतिक मौसम बदल रहा है तो एक झटके में जेजेपी को लात मार कर कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र प्रताप के सहारे कांग्रेस में घुसपैठ कर पुराने कांग्रेसियों को भी चुनावी सभाओं में पीछे धकेल कर खुद को सच्चा वाला कांग्रेसी साबित करने में जुटे हैं। पिछले सप्ताह होडल व हथीन विधानसभा क्षेत्रों में हुईं कांग्रेस की चुनावी सभाओं में पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं व समर्थकों को किनारे करके उन्होंने अपने समर्थकों को इन जनसभाओं में स्थापित करने का खेल भी कर दिया। उनके इस काम से कांग्रेस के समर्थकों व टिकट के दावेदार नेताओं की मनोदशा देखने लायक है। वे न तो विरोध कर पा रहे हैं और न ही इस स्थिति को पचा पा रहे हैं।
हालांकि इस बार चुनाव खुद जनता लड़ रही है फिर भी कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी महेंद्र प्रताप व कांग्रेस के अध्यक्ष व होडल विधान सभा के भावी उम्मीदवार उदयभान को अपने हित अधिक दिखाई दे रहे हैं जिस कारण वे कांग्रेस के समर्थकों की चिंताओं की अनदेखी कर रहे हैं। होडल व हथीन विधानसभा क्षेत्रों में हुई जन सभाओं में मंचो पर हर्ष समर्थकों का कब्जा था। बहीन की सभा में तो मंच संचालक को रावत पाल के लोगों ने टोक भी दिया कि यहां हर्ष के नारे मत लगाओ यहां रावतों के नारे लगेंगे जिस पर हर्ष कुमार ने मंच से ही लोगों से पूछ लिया कि मेरे नाम से किस किस को आपत्ति है। पिछले कई दशक से उदयभान और उससे पहले उनके पिता दिवंगत गयालाल का हर्ष कुमार व उनके पिता दिवंगत राजेंद्र सिंह से हमेशा विरोध रहा है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के वर्तमान विधायक जगदीश नायर का विरोध करते हुए हर्ष कुमार ने उदयभान का समर्थन किया था और आगे भी उदयभान को लाभ दिखाई दे रहा है।
अब हर्ष कुमार उदय भान व महेंद्र प्रताप से आशा कर रहे हैं कि वे उन्हें हथीन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट दिलवाएंगे। इसमें एक पहलू कर्ण दलाल का भी है जो टिकट न मिलने पर अपनी करनी से अपनी विश्वसनीयता खोते जा रहे हैं, दूसरे रिश्तेदारी के बावजूद उनका हर्ष कुमार से छत्तीस का आंकड़ा है, इसलिए कर्ण दलाल को भी अहसास करवाया जा रहा है कि हमारे पास बहुत विकल्प हैं। लोग इस तरह की चर्चा करने से भी नहीं चूकते कि कर्ण दलाल महेंद्र प्रताप को नहीं बल्कि अपने कारोबारी मित्र किशन पाल को जितवाना चाहते हैं। हरियाणा में ऐसी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने बकायदा लिखित चेतावनी जारी कर अच्छी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उन लोगों को टिकट नहीं मिलेगी जो एक दूसरे से राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण या टिकट नहीं मिलने के कारण लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी का भरपूर समर्थन नहीं कर रहे हैं।
इस चेतावनी के बाद कर्ण दलाल चुनाव के अंतिम पड़ाव में महेंद्र प्रताप के प्रचार में शामिल हुए हैं। जो भी हो कुल मिला कर उनके सक्रिय होने से पलवल, होडल और हथीन में कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत बताई जा रही है। महेंद्र प्रताप की जीत पक्की देख कर ही दल बदलू मौसम विज्ञानी हर्ष कुमार ने भी विधानसभा चुनाव में हथीन सीट की दावेदारी की तैयारियां शुरू कर दी हैं, यह सीट चुनने का कारण बताया जा रहा है कि कांग्रेस यहां सबसे मजबूत स्थिति में है।