घोषणा मात्र से मोदी के मुरीद हुए नौटंकीबाज नेता रेवाड़ी (मज़दूर मोर्चा) रेवाड़ी जि़ले की उप तहसील कुंड में बेमियादी धरने पर बैठी ‘एम्स’ संघर्ष समिति ने अपना धरना समाप्त कर दिया है क्योंकि जुमलेबाज़ एवं झूठ बोलने में माहिर प्रधानमंत्री मोदी ने यहां के गांव माजरा में 16 फरवरी को शिलान्यास करने की घोषणा कर दी है। विदित है कि 2 अक्टूबर 2018 से ये नौटंकीबाज़ नेता क्षेत्र में ‘एम्स’ खुलवाने के लिये धरने का नाटक कर रहे थे। अब शिलान्यास की घोषणा के बाद 19 फरवरी को ये लोग मोदी के समर्थन में धन्यवाद रैली का आयोजन करने जा रहे हैं।
दिल्लीस्थित ‘एम्स’ (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) देश का एक ऐसा अति प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है जिसे एमसीआई (मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया) से किसी प्रकार की मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं। दूसरे शब्दों में यह संस्थान पूर्णतया स्वायत्त है। इसकी ख्याति को देखते हुए देश भर के कोने-कोने से मरीज़ इलाज कराने यहां पहुंचते हैं। मरीज़ों को राहत देने के लिये देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में ‘एम्स’ खोलने पर काफी समय से चर्चा होती रही है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ऐसे सात संस्थान बनाने की घोषणा की थी। इस योजना पर अमल करते हुए मनमोहन सरकार ने वर्ष 2012 तक काफी हद तक अमल पूरा कर दिया था।
वर्ष 2014 में आई मोदी सरकार ने सात की इस संख्या को बढ़ा कर 22 करने की घोषणा कर डाली। करना-धरना तो कुछ था नहीं फिर घोषणा करने में जाता ही क्या है, सो कर डाली। इन्हीं घोषणाओं में से एक रेवाड़ी के उक्त ‘एम्स’ के लिये फरवरी 2019 में कर दी गई थी। इसी घोषणा को 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने जम कर भुनाया और जीतने के बाद कान में तेल डालकर सो गये। अब फिर चुनाव आये तो शिलान्यास करने की घोषणा कर दी। यदि चुनाव जीत गये तो फिर से आगामी पांच साल के लिये सो जायेंगे। देखा जाए तो इससे अधिक कुछ करने की जरूरत भी क्या है जब भक्त जनता इतने भर से ही गद्गद हो जाए।
गौरतलब है कि दिल्ली वाले एम्स की तर्ज पर नए एम्स खोलने की घोषणा एक बहुत बड़ा धोखा है। दिल्ली एम्स के मुकाबले किसी भी एम्स में वह गुणवत्ता नहीं है। नए खोले जाने वाले ये संस्थान मात्र एक घटिया से मेडिकल कॉलेज के बराबर ही हैं। एम्स का मुखौटा ओढ़ाने के बाद ये संस्थान एमसीआई (जो अब एनएमसी हो गया है) के निरीक्षण एवं नियंत्रण से मुक्त हो गए हैं। दूसरे शब्दों में इनमें बिना किसी रोकटोक के तमाम नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है और किया जाता रहेगा क्योंकि ये एम्स हैं।
जहां तक मोदी एवं उनकेगिरोह द्वारा झूठ बोलने की बात है वह दिन प्रतिदिन उनकी किसी भी घोषणा में देखी जा सकती है। एम्स को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसद में बोलते हुए कहा कि मदुरई में एम्स की इमारत पूरी हो चुकी है, इस पर वहां से आने वाले सांसद हैरान हो गए, उस वक्त तो वो चुप रहे क्योंकि हो सकता है इमारत बन गई हो और उन्हें पता न चला हो, अगले ही दिन उन्होंने उस जगह का निरीक्षण करवाने पर पाया कि इमारत तो क्या वहां एक ईंट भी नहीं लगी। इसी तरह का किस्सा भागलपुर के एम्स को लेकर भी हुआ। मजे की बात ये है कि इनका झूठ पकड़े जाने पर भी इन पर कोई असर नहीं होता और अगला झूठ बोलने की तैयारी करते हैं। इन झूठे जुमलेबाजों की हकीकत को आए दिन देखने के बावजूद रेवाड़ी के वे नाटकबाज़ मोदी को धन्यवाद देने के लिए रैली का आयोजन करने जा रहे हैं।