फरीदाबाद (म.मो.) दिनांक 18 सितम्बर को भाजपाईयों ने सेक्टर 11-12 की विभाजक सड़क पर स्थित कांग्रेसी कार्यालय पर एक धरने व प्रदर्शन का टुच्चा सा आयोजन किया। पूर्व सूचना के आधार पर कांग्रेसी भी पर्याप्त संख्या में, उनसे निपटने को, अपने दफ्तर में मौजूद थे। भाजपाईयों द्वारा तमाम तरह के भड़कावे के बावजूद वे भड़के नहीं। भड़कने के बजाय उन्होंने भाजपाईयों को गुलाब भेट करने के साथ-साथ चाय-नाश्ता आदि पेश किया। इससे अपमानित होकर भाजपाईयों ने नाश्ते पर ठोकर मारकर बिखेर दिया।
अपमान से झल्लाए भाजपाईयों ने उग्र रूप धारण करते हुए नारेबाज़ी शुरू कर दी। भाजपाई बोलते, ‘भूपेन्द्र हुड्डा तो जवाब में कांग्रसी बोलते, ‘जिंदाबाद। इसी तरह शैलजा व राहुल गांधी पर लगाए गए नारों का जवाब भी कांग्रेसियों ने अपने हिसाब से दिया। संख्या बल में कांग्रेसी अधिक होने के चलते, नारेबाज़ी में कांग्रेसी भारी पड़े। इस पर बौखलाए भाजपाईयों ने कांग्रेसियों के साथ हाथापाई करने की जब कोशिश की तो उनकी रक्षा के लिये आई पुलिस ने बीच-बचाव करा कर उनको पिटने से बचा दिया।
भाजपाईयों का यह प्रदर्शन उस कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध था जिसके पल्ले आज न हरियाणा में कुछ है और न ही दिल्ली में। यह प्रदर्शन पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र के उस बयान को लेकर किया गया था जिसमें उन्होंने किसानों को पंजाब में आन्दोलन करने की बजाय केन्द्र सरकार के विरुद्ध दिल्ली में जाकर करना चाहिये। अब पंजाब में तो भाजपाईयों की, अपने बिलों से निकलने की हिम्मत है नहीं, क्योंकि पंजाब के लोग उन्हें ढूंढ-ढूंढ कर व दौड़ा-दौड़ा कर ठोकते हैं। ऐसे में खिसियानी बिल्ली की तरह ये लोग हरियाणा में इस तरह की नौटंकी करते हैं।
आते-जाते लोगों ने भाजपाईयों पर टिप्पणियां करते हुए कहा कि जनता जिस महंगाई, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा व नरक बने इस शहर को लेकर परेशान हैं उसके विरुद्ध क्यों नहीं आवाज उठाते? जिस अमरेन्द्र के बयान से इन्हें तकलीफ है तो उसका फरीदाबाद से क्या ताल्लुक है?