फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) करीब 15 वर्ष पूर्व ग्रेटर फरीदाबाद के नाम से नहरपार एकदम नया शहर बसाने की योजना बनी थी। इसमें 72 सेक्टर बनाये गये थे। रिहायशी के अलावा कुछ कमर्शियल तो कुछ इंस्टीट्यूशनल सेक्टर बनाये गये थे। अधिकतर सेक्टर निजी डेवलपरों एवं बिल्डरों को दिये गये थे। इन निर्माणकर्ताओं ने मोटे मुनाफे तथा सडक़, सीवर, जलापूर्ति एवं बिजली सप्लाई जैसे तमाम विकास कार्यों के पैसे अपने ग्राहकों से वसूल कर लिये थे। इसके बावजूद इन विकास कार्यों में से कोई भी कार्य अभी तक सम्पन्न नहीं हो पाया है। नियमानुसार सरकार ने इन डेवलपरों से विकास कार्य की पूरी रकम वसूल कर ली थी या जिन लोगों से नहीं की थी उनसे मोटी रिश्वतें वसूल करके सेक्टरों को आबाद होने दिया। परिणामस्वरूप अब यहां तीन लाख से अधिक की आबादी बस चुकी है। इसमें नवागन्तुकों के अलावा वे पचासों गांव भी हैं जो पहले से ही आबाद थे। जाहिर है कि सीवर व्यवस्था न होने के चलते सेप्टिक टैंक बनाये गये और उन्हें ट्रैक्टर-सकर-मशीनों द्वारा खाली करके इधर-उधर बिखेरा जाता रहा। बिजली आपूर्ति की व्यवस्था न होने के चलते लोगों को डीजल जेनरेटरों की महंगी बिजली का सहारा लेना पड़ा।
सीवर की समस्या हल करने के लिये ‘हूडा’ ने 44 किलोमीटर लम्बी उस सीवर लाइन का निर्माण किया जो सीवेज को शोधन प्लांट तक ले जाये। लेकिन नालायक एवं भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा बिछाई गई यह लाइन सीवेज को प्लांट तक पहुंचाने में असफल रही क्योंकि बिछाई गई सीवरेज लाइन का लेवल ही गलत है। गलत भी इतना कि इसे आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता। इसके लिये अनेकों मीटिंगे बैठेंगी जांच के नाटक होंगे, तब कहीं जाकर वर्षों बाद नये टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी, तब तक क्षेत्रवासी इसी सीवेज में सड़ते रहेंगे। दरअसल सरकार द्वारा किसी भी विकास कार्य का उद्देश्य जनहित न होकर लुटेरे राजनेताओं और उनके मातहत काम कर रहे निकम्मे निकृष्ट एवं चोर अधिकारियों को अपनी जेबें भरना होता है। इसी उद्देश्य को लेकर तमाम सीवेज शोधन प्लांट, चाहे वे नगर निगम द्वारा बनाये जायें या ‘हूडा’ द्वारा, कभी सही ढंग से नहीं चल पाते। अव्वल तो इन तक सीवेज पहुंचता ही नहीं क्योंकि बिछाई गई सीवरेज लाइनें इस लायक होते नहीं और जो कुछ पहुंच भी जाए तो प्लांट इस लायक नहीं होता कि इसका शोधन कर सके। जाहिर है जब तक चोरों की सरकार रहेगी और निकम्मे निकृष्ट अधिकारी क्रियान्वयन करेंगे तब तक ऐसे स्थिति बनी रहेगी। पीएम मोदी द्वारा स्मार्ट सिटी घोषित करने के बावजूद!