फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) बिल्डरों-भू माफिया के चहेते मुख्यमंत्री खट्टर अपने इन खास लोगों के हित में काम करने से पीछे नहीं हटते। उन्होंने इन माफिया के गलत निर्माणों को वैध करने के लिए भवन निर्माण पॉलिसी में भी बदलाव करने की घोषणा की है। रविवार को अंबाला में आयोजित जन सुनवाई बैठक के दौरान खट्टर ने घोषणा की कि आवासीय क्षेत्र में बने व्यावसायिक भवन, प्रतिष्ठान और शोरूम को अनुमति देने के लिए सरकार नई नीति पर काम कर रही है। यानी खट्टर अब प्रदेश भर में अपने उन चहेते बिल्डर, विधायक, उनके रिश्तेदारों, पार्टी कार्यकर्ताओं के नियम विरुद्ध और अवैध ढंग से बनाए गए अरबों रुपये कीमत के निर्माण को वैध कर उन्हें उपकृत करेंगे। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सहूलियत पहले से ही व्यावसायिक भवनों में तब्दील हो चुके आवासीय क्षेत्रों को ही मिलेगी नए आवासीय क्षेत्र में इस तरह की कार्रवाई की अनुमति नहीं दी जाएगी। पुराने भवनों के लिए पॉलिसी बना कर उन इलाकों को व्यावयायिक क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा।
खट्टर ने यह घोषणा कर उन लोगों को मायूस किया है जो नियम कानून का पालन करते हैं और उन लोगों के हौसले बुलंद हुए हैं जो नियम विरुद्ध निर्माण कर मोटा पैसा कमा रहे हैं। बडख़ल विधायक सीमा त्रिखा भी सरकार का अंग हैं बहुत संभव है कि खट्टर की भविष्य मेें बनने वाली इस पॉलिसी की उन्हें पहले से ही जानकारी हो इसीलिए उनके देवर ने एनआईटी तीन ए ब्लॉक के आवासीय परिसर को व्यावसायिक भवन में तब्दील कर उसमें बाकायदा किराए पर खाली है का बोर्ड भी टांग दिया। सरकार बनने के बाद से ही खट्टर सरकार पर बिल्डर और भू माफिया के पक्ष में काम करने के आरोप लगते रहे हैं। अब चुनावी वर्ष शुरू हो गया है और राजनीतिक पार्टियों को फाइनेंसरों की जरूरत है, ऐसे में खट्टर ने यह घोषणा करके अपने फाइनेंसरों को खुश कर दिया है।
हालांकि खट्टर ने कहा कि यह पॉलिसी केवल पुराने भवनों पर ही लागू होगी, नए भवन नहीं बनने दिए जाएंगे। प्रशासनिक अमले से लेकर राजनेताओं में लुंज पुंज नेता की पहचान रखने वाले खट्टर की इस बात को बिल्डर और भू माफिया शायद ही कोई भाव देंगे क्योंकि उन्हें मालूम है कि मुख्यमंत्री ऐसे नियम विरुद्ध निर्माणों को वैध कराने के लिए फिर से नई पॉलिसी लाने की घोषणा कर देंगे। खट्टर भी अन्य राजनेताओं की तरह इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं कि सत्ता एक दिन जानी ही होती है, ऐसे में अपना और अपने चहेतों का जितना भला हो सकता है कर लिया जाए।