गुस्ताखी माफ़ हरियाणा पवन कुमार बंसल क्या मनोहर लाल और अब उनके डमी नायाब सैनी की जन विरोधी नीतियों की आलोचना का काम केवल आर टी आई एक्टिविस्ट कपूर, ढींगरा और “गुस्ताखी माफ़ हरियाणा” का ही है -? क्या रात को सीएम बन कर सोने वाले ट्विटर मुख्यमंत्रियों भूपिंदर हुड्डा और उनके लाल दीपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला की कोई जिम्मेवारी नहीं है? चाहे नायाब सैनी सरकार द्वारा मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लघंन करके कर्मचारी चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त करने का मामला हो या विवादित ब्लैक लिस्टेड याशी कम्पनी को क्लीन चिट देने का मामला, या फिर पंचकुला में हो रहे अरबों रुपये के जमीन घोटालों का, या महिरा होम्स अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट गुरुग्राम के मालिक कांग्रेस विधायक द्वारा हजारों फ्लैट खरीददारों से धोखाधड़ी करने का। मीडिया तो पेड न्यूज और विज्ञापन की अफीम खाकर चुप है। कांग्रेस के इन भावी सीएम के मुंह में क्यों दही जम जाती है? आज चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में हवा है तो यह कांग्रेस नेता इस भ्रम में नहीं रहे कि यह उनके कारण है। असल में यह भाजपा और मनोहर लाल विरोधी लहर है जिसका फायदा कांग्रेस को मिल रहा है। कांग्रेस के ये ट्विटर सीएम तो रात को लिस्ट बना कर सोते हैं कि सीएम की कुर्सी हथियाने पर अपने किस दामाद को मानवाधिकार आयोग का सदस्य बनना है या फिर किस बिल्डर को कॉलोनी बनाने का लाइसेंस देना है। हुड्डा साहिब कह रहे हैं कि दो लाख नौकरी देंगे। कोई उनसे पूछे कि उनके सीएम रहते एमडीयू रोहतक में उनके एक परिवार के एक सदस्य की असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति कैसे हुई थी? सीएम बनने को बेताब जूनियर हुड्डा कह रहे हैं कि दिल्ली का रास्ता चंडीगढ़ से होकर जाएगा और बुढ़ापा पेंशन छह हज़ार रुपए कर देंगे, बजट कहां से आएगा? इनके पास बेरोजगारी की समस्या से निपटने का कोई विजन है क्या ?