फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा)। ईमानदारी का ढिंढोरा पीट रहे मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के जिम्मेदार प्रशानिक अधिकारी प्रॉपर्टी डीलरों के साथ गलबहियां करते घूम रहे हैं। सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि ये अधिकारी नियम कानून का पालन करेंगे या फिर सत्ता समर्थित प्रॉपर्टी डीलरों की चाकरी करेंगे।
शहर में होने वाली गड़बडिय़ों की गुप्त सूचना तैयार कर सरकार को रिपोर्ट देने का काम गुप्तचर विभाग करता है। गुप्तचर विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सीएम फ्लाइंग स्क्वाड कार्रवाई करता है। मुनीष सहगल फरीदाबाद में डीएसपी सीआईडी हैं साथ ही उनके पास सीएम फ्लाइंग का अतिरिक्त चार्ज है। यानी यदि कहीं अवैध निर्माण हो रहा है या भ्रष्टाचार हो रहा है, भू माफिया, शराब माफिया कहां सक्रिय हैं जैसे गैर कानूनी कामों और भ्रष्टाचार की जानकारी इकट्ठा करना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना ये दोनों ही अधिकार और दायित्व डीएसपी मुनीष सहगल के पास हैं।
यह डीएसपी मुनीष सहगल हाल ही मेें विवादित प्रॉपर्टी डीलर गोल्डी अरोड़ा की कंपनी की वर्षगांठ में वफादार सहयोगी की तरह पहुंचे। खुफिया विभाग के आला अधिकारी सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस तरह भाग लेते देखे नहीं जाते हैं, लेकिन कार्यक्रम क्योंकि केंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर के भांजे अमर चेची के करीबी गोल्डी अरोड़ा का था इसलिए दिए गए समय पर मुस्कुराते हुए पहुंच गए। इस स्तर के अधिकारी का ऐसे समारोहों में शामिल होने से जहां गोल्डी जैसों की प्रतिष्ठा में इजाफा होता है वहीं आम लोगों को भी संदेश जाता है कि सरकार इनके साथ है।
अक्तूबर 2022 में थानों में सक्रिय दलालों की सूची पुलिस विभाग से लीक हुई थी। इन दलालों में केंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर के मामा राजपाल और भांजे अमर चेची का भी नाम शामिल था। ग्रेटर फरीदाबाद के प्रॉपर्टी डीलर और भाजयुमो महासचिव गोल्डी अरोड़ा के अमर चेची से प्रगाढ़ रिश्ते हैं।
बताया जाता है कि जमीन पर कब्जा करने, खाली कराने के लिए इन लोगों ने भाड़े के गुंडे भी पाल रखे हैं। ओमेक्स हाइट्स निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर पंकज विश्वामित्र को मार्च 2023 में रिंकू चंदीला, पवन चंदीला आदि ने नोएडा में बुरी तरह से पीट कर अपाहिज कर दिया था। बताया जा रहा है कि इन दोनों हमलावरों की जमानत करवाने में गोल्डी अरोड़ा ने अहम भूमिका निभाई थी।
इसी गोल्डी अरोड़ा ने अपनी कंपनी प्रॉपर्टी मास्टर की वर्षगांठ पर ग्रेटर फरीदाबाद बीपीटीपी स्थित अपने कार्यालय पर मुनीष सहगल सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाया था। विभाग के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार जब पुलिस विभाग ने दलालों की सूची जारी किए जाने की जिम्मेदारी से इनकार कर दिया था तो राजपाल मामा और गोल्डी अरोड़ा ने सीआईडी की ओर नजरें टेढ़ी की थीं। तब डीसीपी मुनीष सहगल ने अपनी वफादारी जताते हुए किसी तरह मामा एंड कंपनी को शांत किया था। हालांकि बाद में इन लोगों ने मिल कर दलालों की सूची बनाने वाले की पहचान करने के प्रयास भी किए थे। यानी डीसीपी पुलिस विभाग की ही मुखबिरी करने के स्तर तक चले गए थे।
कार्यक्रम में सिर्फ मुनीष सहगल ही नहीं पहुंचे थे। एसडीएम फरीदाबाद परमजीत चहल और एसीपी मुजेसर सुधीर कुमार तनेजा भी वफादारी साबित करने पहुंचे थे। एक प्रॉपर्टी डीलर की कंपनी की वर्षगांठ पर पुलिस, प्रशासन और खुफिया विभाग के आला अधिकारी शामिल होकर जनता को कया संदेश देना चाह रहे थे यह तो सत्ता की दलाली करने वाले लोग ही समझते हैं।
कार्यक्रम में किशनपाल गूजर सहित सत्ता और भाजपा के कई बड़े नेता, कई वरिष्ठ पत्रकार, कथित समाजसेवी, भू माफिया भी पहुंचे थे। गोल्डी अरोड़ा से बुके लेते हुए मुनीष सहगल, परमजीत सहगल और एसीपी सुधीर तनेजा मानो खुद को कृतार्थ और गदगद महसूस कर रहे थे। अनुमान लगाया जा सकता है कि यदि कोई पीडि़त या भुक्तभोगी प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ इन अधिकारियों के यहां शिकायत लेकर पहुंचेगा तो उसको कितना इंसाफ मिलेगा। गोल्डी अरोड़ा ने अपना रसूख दिखाने के लिए ये सभी फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी हैं। फोटो वायरल होने के साथ ही ये सभी प्रशासनिक अधिकारी अपने विभाग में चर्चा का विषय बने हुए हैं।