फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) संघ-भाजपा ने समाज का ध्रुवीकरण कर राजनीतिक हित में इस्तेमाल करने के लिए जिन लोगों और संगठनों को खड़ा किया था, वही अब सरकार को चुनौती देने लगे हैं। सरकारी संरक्षण मिला होने के घमंड में, गोरक्षा के नाम पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने, हिंसक घटनाओं को अंजाम देने में आगे रहने वाले ये लोग अब सरकार द्वारा धोखा देने से दुखी हैं। इन्हेंं इस बात का अहसास हो गया है कि संघ-भाजपा ने उनका इस्तेमाल किया और अब कानून-व्यवस्था का बहाना बना कर भुगतने के लिए उन्हें अकेला छोड़ दिया गया। ये कट्टरपंथी तत्व अब सावर्जनिक कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री और सरकार को चुनौती देते नजर आ रहे हैं।
चुनावी वर्ष होने के कारण मुख्यमंत्री खट्टर और भाजपा को पन्ना प्रमुखों की याद आई है। भाजपा को बूथ जिताने वाले अधिकतर पन्ना प्रमुख ही ‘गोरक्षक’, हिंदू धर्म की रक्षा करने वाले कट्टरपंथी तत्व हैं। बीते रविवार को खट्टर इन पन्ना प्रमुखों को भाजपा को जिताने का संदेश देने आए थे। इस बीच अजरौंदा गांव निवासी राजेश शर्मा उर्फ राजू पुत्र खूबी राम ने खट्टर को काले कपड़े दिखाते हुए ‘‘मोनू मानेसर को रिहा करवाओ, नूंह दंगे में मरने वाले वालों को शहीद का दर्जा दो’’ के नारे लगाए। सीएम को काला झंडा दिखाने के कारण तुरंत ही पुलिस ने उसे दबोच लिया, हालांकि बाद में उसे छोड़ दिया गया। इस्तेमाल कर बेदखल करने की परंपरा के वाहक सीएम खट्टर राजू को ऐसे नजरअंदाज कर गए जैसे वह भाजपा कार्यकर्ता और पन्ना प्रमुख हो ही नहीं। राजू के मुताबिक मोनू मानेसर हो या कोई अन्य ‘गोरक्षक’ सबने धर्म की रक्षा के लिए मुसलमानों से लड़ाई मोल ली। उनके पर्व-कार्यक्रमों में विघ्न डालने का भी काम किया। गोरक्षक और धर्म रक्षकों ने इतनी घटनाएं अंजाम दी हैं कि यदि सरकारी संरक्षण नहीं मिला तो वो कानून की गिरफ्त में तो आएंगे ही, समाज में इतनी दुश्मनी हो गई है कि जीना मुश्किल हो जाएगा।
पन्ना प्रमुख हों, भाजपा कार्यकर्ता या कट्टरपंथी तत्व, गोरक्षक मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी की गिरफ्तारी के कारण इनमें सरकार के प्रति रोष और अविश्वास व्याप्त है। अधिकतर कट्टरपंथियों का मानना है कि खट्टर और सरकार ने ही इन दोनों की गिरफ्तारी कराई है, अगला नंबर किसी और गोरक्षक या धर्म रक्षक का हो सकता है। अब चुनाव आ रहे हैं तो सरकार अपनी छवि चमकाने के लिए उन गोरक्षक, धर्म रक्षकों से किनारा कर रही है जो उसके लिए जान लेेने पर उतारू रहते हैं, इन्हें सरकार ने बेसहारा छोड़ दिया है।
राजू की ही तरह स्वयंभू संस्था श्री सनातन धर्म महासभा व महिला एवं बाल विकास परिषद के चेयरमैन डॉ. तरुण अरोड़ा एडवोकेट भी खट्टर सरकार से नाराज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार और हरियाणा गौसेवा आयोग गोसेवा का दिखावा मात्र करते हैं, सही मायने में सरकार व गौसेवा आयोग को न तो ‘गौरक्षकों’ के जीवन की कोई चिन्ता है और न ही गौमाता व गौवंश की। गौसेवा के नाम पर सनातन प्रेमियों को धोखे के सिवा कुछ और नहीं दिया जा रहा। हरियाणा सरकार व हरियाणा गौसेवा आयोग गौसेवकों व गौभक्तों से बड़े-बड़े वादे करते हैं परन्तु सभी खोखले ही नजर आते हैं। उन्होंने सडक़ पर भूखे और बेसहारा घूम रहे गोवंश के प्रति चिंता जताते हुए इसके लिए सरकार, नगर निगम को दोषी करार दिया। सरकार को चेतावनी दी कि जब-जब गौमाता पर अत्याचार हुआ है तब-तब अत्याचार करने वालों का पतन हुआ है।
ये वही लोग हैं जो चंद महीने पहले तक सरकार के गुणगान किया करते थे लेकिन अब गोरक्षकों को सरकारी संरक्षण नहीं मिलने से इनमें बेचैनी साफ नजर आ रही है। कोई सीधे मुख्यमंत्री को चुनौती दे रहा है तो कोई बैठक कर गोरक्षा नहीं करने वाली सरकार को सबक सिखाने की चेतावनी दे रहा है।