मज़दूर मोर्चा ब्यूरो वीडियाकॉन पर बैंक का 42 हज़ार करोड़ का लोन था, वीडियोकॉन ने अपनी कंपनी वेदांता ग्रुप को बेच दी। बैंक से उन्होंने 2900 करोड़ रुपये में सेटलमेंट कर लिया, बैंक ने 39100 करोड़ रुपये एनपीए में डाल दिए। रूचि सोया कंपनी पर बैंक का 9400 करोड़ का बैंक लोन था। रुचि सोया को स्वामी रामदेव ने खरीद लिया, और बैंक ने रुचि सोया का 5000 करोड़ रुपये एनपीए में डाल दिया। अब आप की समझ में आया कि रामदेव क्यों चाहता था कि मोदी सरकार आए।
डीएचएफएल पर बैंक का एक लाख 64 करोड़ का कर्ज था पिरामल ग्रुप ने डीएचएफएल को खरीद लिया और बैंक ने 63 हजार करोड़ रुपये एनपीए में डाल दिए। भूषण स्टील को टाटा स्टील ने 35 हजार 200 करोड़ रुपये में खरीद लिया और उसके बाकी 18 हजार करोड़ रुपये बैंक ने एनपीए में डाल दिए। एस्सार पावर को अदाणी ने खरीदा, एस्सार पावर पर बैंक का 12,000 करोड़ का लोन था, बैंक से सेटलमेंट मात्र 2600 करोड़ रुपये में हो गया, बाकी 9400 करोड़ एनपीए में चले गए। एस्सार स्टील को आर्सेलर मित्तल ने 42 हजार करोड़ में खरीदा। एस्सार स्टील पर बैंक का 49,400 हजार करोड़ का बैंक लोन था।
बैंक से 30,000 करोड़ में सेटलमेंट हो गया, बाकी 19,400 करोड़ बैंक ने बट्टे खाते यानी एनपीए में चले गए। ये चंद मिसाले हैं जिनसे आप समझ सकते हैं कि आपको चिंदी चोरी में उलझा कर देश को कैसे लूटा जा रहा है। मंदिर के नाम पर जो लूट चल रही है उसकी तुलना अगर इस लूट से की जाए तो ये रत्ती भर भी नहीं है। लेकिन सारी राजनीतिक पार्टियां और सभी लोग 18 करोड़ की मामूली हेरफेर के लिए दिन रात एक किए हुए हैं और लाखों करोड़ की लूट को चुपचाप देख रहे हैं। हम लोग इतने अंधे हो गए हैं कि राजनीतिक पार्टियां और राजनीतिक कार्यकर्ता भी ये मानने लगे हैं कि आस्था और धर्म से ही वो हमें अपने साथ जोड़ लेंगे। इतना ध्यान रखिए कि मंदिर में दाल लूट रहा है लेकिन कॉरपोरेट आपका और आपके बच्चों का भविष्य लूट रहे हैं, देश को खोखला कर रहे हैं। हो सके तो देश को बचाइए, अपने बच्चों के भविष्य को बचाइए, जय हिंद।