फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) बीते लगभग 12 साल में नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर अनेकों रेन हार्वेस्टर लगा दिये, बताये जाते हैं। मजे की बात तो यह है कि इनके द्वारा एक बूंद भी बरसाती पानी ज़मीन में नहीं उतर पाया है। जाहिर है हरामखोर एवं रिश्वतखोर अधिकारियों ने केवल टेंडर पास करके बिलों का भुगतान करके अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर ली।
उनकी इस लूट एवं सार्वजनिक डकैती की जांच करके लुटेरों को पकडऩे की बजाय अब यही काम एफएमडीए (फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण) के द्वारा कराये जाने की बात कही जा रही है। किसी से छिपा नहीं है कि एफएमडीए में भी कोई दूध के धुले इंजीनियर नहीं लगाये गये हैं। यहां भी वही सब हैं जो नगर निगम व ‘हूडा’ में डकैतियां मार कर रिटायर होने के बाद, नई पारी खेलने के लिये एफएमडीए में आ जुटे हैं। कुछ समय बाद जब ये भी लूट-मार करके निकल लेंगे तब सरकार कोई नया प्राधिकरण खड़ा करके उसे भी डकैती मारने का पूरा अवसर प्रदान करेगी। संदर्भवश सुधी पाठक जान लें कि करीब छ: वर्ष पूर्व सीएम खट्टर ने फरीदाबाद में एक हजार रेन-हार्वेस्टर लगाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक बात जबानी जमा खर्च से आगे नहीं बढ़ पाई है।
सीएम खट्टर की घोषणा से प्रेरित होकर एक समाजसेवी एवं पूर्व पार्षद योगेश ढींगड़ा ने एमसीएफ से बाकायदा परमीशन लेकर मैट्रो रोड स्थित रोज़ गार्डन में लाखों रुपया खर्च करके एक रेन हार्वेस्टर लगाने का काम शुरू किया था।
ज्यों ही इसकी भनक स्थानीय विधायक सीमा त्रिखा को लगी, उन्होंने काम को बीच में ही रुकवा दिया। इससे स्वत: सिद्ध है कि भाजपाई न खुद कुछ करते हैं और न ही दूसरों को कुछ करने देते हैं।