बजरंगी दंगाइयों ने अपराध की आड़ में माहौल खराब करने का प्रयास किया

बजरंगी दंगाइयों ने अपराध की आड़ में माहौल खराब करने का प्रयास किया
September 20 00:18 2023

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) अपराध की किसी भी घटना को हिंदू-मुस्लिम चश्मे से देखने वाले बजरंगी सांस्कृतिक चरमपंथियों ने बीते रविवार को शहर माहौल खराब करने का प्रयास किया। बजरंगी गुंडों ने इसके लिए शनिवार को बाकायदा बैठक कर रविवार के खेल की रूपरेखा तैयार की लेकिन जी-20 बैठक के कारण माहौल खराब नहीं कर सके तो मृत आलोक की आड़ में अर्थी पर लेट कर पुलिस पर दबाव बनाया और मुसलमानों को कोस कर सांप्रदायिक भावनाएं भडक़ाने का प्रयास किया।

दिल्ली के जैतपुर निवासी आलोक को उसका दोस्त 8 सितंबर की शनिवार रात उसके घर से बुलाकर ले गया था। रात करीब साढ़े बारह बजे आलोक, शिवम और एक अन्य दोस्त राहुल नेगी सराय थानाक्षेत्र के पंचशील कॉलोनी के पास एक शराब ठेके के पास थे। इसी दौरान जैतपुर निवासी बुगा उर्फ गोगा उर्फ अजहर, रजा और यामीन उर्फ अमीन उन्हें वहां मिले। पुलिस के मुताबिक दोनों ही पक्ष के लोग आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। अजहर का कुछ महीने पहले आलोक के एक दोस्त से झगड़ा हुआ था। जिसको लेकर आलोक ने आरोपी बुगा उर्फ गोगा उर्फ अजहर को धमकाया था। आलोक से अजहर इसी बात की रंजिश पाले था। शनिवार रात करीब साढ़े बारह बजे आमना सामना होने पर अजहर ने आलोक को गलत लहजे में बेटा-बेटा कह कर बुलाया तो बात बढ़ गई। अजहर, यामीन और रजा ने मिलकर आलोक और शिवम पर चाकू से वार कर दिया। इसमें आलोक की मौत हो गई जबकि शिवम गंभीर रूप से घायल हो गया।

आलोक की हत्या की खबर बजरंगी गुंडों तक पहुंच गई, तुरंत ही माहौल खराब करने वाले सक्रिय हो गए। बजरंग दल हरियाणा के प्रांत कार्यकारिणी सदस्य पंकज जैन ने सोशल मीडिया गु्रप पर संदेश भेज कर बताया कि एक बजरंगी कार्यकर्ता की मृत्यु हो गई और दूसरा कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल है। इस संबंध में रविवार को धरना प्रदर्शन आदि करने के लिए शनिवार शाम साढ़े सात बजे पल्ला स्थित तरुण निकेतन स्कूल में बैठक भी की गई। पंकज जैन ने दिल्ली में हो रही जी-20 की बैठक को लेकर बेचारगी जताई, यानी यदि फरीदाबाद में कुछ गड़बड़ होगी तो जी-20 बैठक मेें इसका गलत संदेश जाएगा और आका यानी मोदी की छवि खराब होगी। ऐसे में बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन करने के बजाय पुलिस पर दबाव बनाने और मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने वाला प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई गई। इन्हें मृतक के परिवार वालों से कोई सरोकार नहीं था, इन्हें तो बस हिंदू-मुस्लिम करना था। पंकज जैन और अन्य बजरंगी गुंडे आलोक और शिवम के बजरंगदल का कार्यकर्ता होने का दावा करते रहे, इन दोनों का पुलिस में आपराधिक रिकॉर्ड है। ऐसे में पंकज जैन के दावे को सही माना जाए तो समझा जा सकता है कि बजरंग दल में आपराधिक प्रवृत्ति वालों को प्रमुखता से सदस्यता दी जाती है। रविवार को भी श्मशान घाट पर विरोध प्रदर्शन करने जुटे अधिकतर कार्यकर्ता लफंडर प्रकार के ही नजर आ रहे थे, जो अपने कारनामे छिपाने के लिए इस तरह के सत्ता समर्थित संगठनों के साथ हो जाते हैं।

मृतक के पिता नवीन चौधरी ने बेटे के बजरंग दल से जुड़े होने से साफ इनकार किया लेकिन बजरंगी दंगाई मृतक आलोक को बंजरंग दल का सदस्य बताते रहे। बताते चलें कि मृतक आलोक भी आपराधिक प्रवृत्ति का था और पुलिस के मुताबिक उसके खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज हैं।

रविवार दोपहर बाद पंकज जैन और उनके साथी सेक्टर 37 स्थित श्मशान घाट पहुंचे और अर्थी पर लेटकर आलोक के हत्यारों को पकड़े जाने की मांग के नाम पर पुलिस और मुसलमानों को कोसने लगे। इन लोगों ने दो गुटों के विवाद मेें हुई हत्या को हिंदू-मुसलमान का रूप दिया और पुलिस पर हिंदुओं को ही प्रताडि़त करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। बजरंगियों ने तामिलनाडु के डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को भी कोसा। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने समझाया कि आपसी विवाद में हत्या हुई है इसमें हिंदू-मुसलमान की कोई बात नहीं है बावजूद इसके ये लोग काफी देर तक मुसलमानों और पुलिस के खिलाफ भडक़ाऊ बयानबाजी करते रहे। इन लोगों ने हत्यारों को चौबीस घंटे के अंदर नहीं पकड़े जाने पर बड़ी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी। हालांकि सोमवार को ही पुलिस ने तीनों हत्यारोपियों को पकडक़र बजरंगियों के शहर का माहौल खराब करने की तैयारियों को नाकाम कर दिया। एसीपी क्राइम अमन यादव ने बताया कि हत्यारोपियों को तो पकड़ लिया गया है, जिन लोगों ने हिंदू-मुसलमान कर सांप्रदायिकता फैलाने का प्रयास किया है जांच करने के बाद उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। अमन यादव को जांच करने के लिए किसका इंतजार है, जहर फैलाने वालों का वीडियो सार्वजनिक है तो फिर देर क्यों हो रही है।
उल्टे सराय एसएचओ पर कर दी कार्रवाई

एसीपी क्राइम अमन यादव दावा तो माहौल खराब करने वालों पर कार्रवाई का करते रहे लेकिन उल्टे कार्रवाई सराय ख्वाजा थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर दिलीप सिंह के खिलाफ ही कर दी। उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया। हालांकि लाइन हाजिर किए जाने का कारण नहीं बताया गया लेकिन यदि उन्हें दंगाइयों को काबू करने की सजा दी गई है तो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह तो दंगाइयों के आगे नतमस्तक होने जैसा है। दिलीप सिंह ने तो इन बजरंगी दंगाइयों को सांप्रदायिकता फैलाने से पूरी तरह रोका था, उनकी ही मुस्तैदी थी कि यह बजरंगी दंगाई माहौल खराब करने में सफल नहीं हो पाए। एक मजबूत अफसर को लाइन भेजा जाना पुलिस की निष्पक्ष कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न है।

गवाह राहुल नेगी की भूमिका भी संदिग्ध
आलोक के पिता नवीन चौधरी ने बताया कि रात करीब एक बजे राहुल नेगी ने उन्हें फोन कर बेटे को चाकू मारे जाने की सूचना दी थी। वह परिजनों के साथ पंचशील कॉलोनी स्थित मौके पर पहुंचे तो वहां राहुल नेगी शिवम के पास बैठा मिला और आलोक नदारद था। नवीन का आरोप है कि राहुल उन्हें भटकाता रहा जिस कारण वह लोग रात भर आलोक को तलाश नहीं सके। सुबह करीब चार बजे आलोक पंचशील कॉलोनी के पार्क में ही घायल हालत में पड़़ा मिला तो उसे आनन फानन एम्स ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। नवीन कुमार के मुताबिक राहुल नेगी ने उन्हें जानबूझ कर रात भर आलोक की सही जानकारी नहीं दी। सवाल यह है कि हत्यारों ने यदि शिवम और आलोक पर हमला किया तो उन्होंने राहुल नेगी को क्यों छोड़ दिया। यदि मान लिया जाए कि राहुल घटना के बाद वहां पहुंचा तो सवाल यह है कि वह इतनी रात में वह वहां करने क्या गया था? ऐसा तो नहीं कि वह आरोपियों से मिला हो और उसे पहले से ही इस प्लान की जानकारी हो। वह हमले के बाद माहौल का जायजा लेने पहुंचा और उसने शिवम को तो बचाने का प्रयास किया और जानबूझ कर आलोक को मरने के लिए छोड़ दिया। मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने राहुल को गवाह बनाया है जबकि उसको भी शक के दायरे में लेकर शामिल तफ्तीश किया जाना चाहिए तो असली कहानी सामने आएगी।

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Mazdoor Morcha
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