बदरपुर बॉर्डर से होडल बॉर्डर तक महेंंद्र प्रताप का बोलबाला

बदरपुर बॉर्डर से होडल बॉर्डर तक महेंंद्र प्रताप का बोलबाला
May 19 08:45 2024

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी महेंद्र प्रताप का प्रताप दिल्ली बॉर्डर स्थित लक्कड़पुर से लेकर उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित पलवल तक फैला हुआ है। यहां तक कि कृष्णपाल गूजर के गोद लिए गांव तिलपत और उनका गढ़ कहे जाने वाले मेवला महराजपुर व नहर पार के क्षेत्र में भी आम जनता से लेकर अधिकतर मतदाता महेंद्र प्रताप का ही नाम ले रहे हैं।

पांच बार विधायक और दो बार हरियाणा के कैबिनेट मंत्री रहे महेंद्र प्रताप को कांग्रेस से लोकसभा का टिकट मिलते ही फरीदाबाद की राजनीतिक फिजा बदल गई है। दस साल में कृष्णपाल की खुदगर्जी और मनमानी से ऊब चुकी जनता ने महेंद्र प्रताप को टिकट दिए जाने का स्वागत किया। लोग उनके साथ स्वत: स्फूर्त ही जुड़ते चले गए। जहां कृष्णपाल गूजर अपने कार्यकर्ताओं को रुपये पैसे देकर क्षेत्र में अपने कार्यक्रम तय कर रहे थे वहीं लोग महेंद्र प्रताप के पास खुद ही जाकर उनसे अपने इलाके में जनसभा करने का अनुरोध करते हैं।
तीन मई को उनके नामांकन में उमड़ी भीड़ ने ही बता दिया था कि जनता सत्ता परिवर्तन करेगी। इतनी बड़ी भीड़ देख कर दस लाख वोटों से जीत हासिल करने का दावा करने वाले कृष्णपाल गूजर को भी अपनी हार का अहसास होने लगा। सत्ता के दम पर प्रशासन का दुरुपयोग और रुपये खर्च करने के बावजूद कृष्णपाल आज तक उतनी बड़ी जनसभा नहीं करा सके जितनी भीड़ महेंद्र प्रताप के नामांकन में अपने आप पहुंची थी।

महेंंद्र प्रताप की जीत सुनिश्चित होने की संभावनाओं के कारण ही अनेक भाजपा पार्षद व कार्यकर्ता कृष्णपाल का खेमा खाली कर उनके साथ जुड़ रहे हैं। जनता के उत्साह से ऊर्जावान होकर वह भी सुबह से देर रात तक जनसंपर्क के लिए गांव-गांव, वार्डों और सेक्टरों का दौरा कर रहे हैं। वो रोजाना दर्जनों गांवों का दौरा कर हजारों लोगों से मिल रहे हैं, इतनी ही जनसभाएं कर कांग्रेस और अपनी जीत सुनिश्चित करने में जुटे हैं।

राजनीतिक मामलों के जानकारों के अनुसार महेंद्र प्रताप को गूजर के निकम्मेपन और जनता से दूरी बनाए रखने का लाभ मिल रहा है। जनता मोदी के झूठ को समझ चुकी है, दस साल में मोदी ने पूंजीपति वर्ग के हित में उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी लगाकर, दाम बढ़ाकर आम जनता को लूटा है। शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी आधारभूत सुविधाओं का बाजारीकरण करने, महंगाई- बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जनता को गुमराह करने की सरकार की पोल खुल चुकी है। यही कारण है कि इस बार मोदी की गारंटी फ्लॉप हो गई। दस साल तक सत्ता की मलाई खाकर जनता के लिए कोई काम नहीं करने वाले कृष्णपाल गूजर भी अपनी जीत के लिए उस मोदी की गारंटी पर ही सवार हैं जिसे जनता चार चरणों के मतदान में नकार चुकी है। जनता में महेंद्र प्रताप सांसद के श्रेष्ठ विकल्प के रूप में उभरे हैं।

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Mazdoor Morcha
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