बडख़ल झील पर प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाने की हसरत रह न जाए

बडख़ल झील पर प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाने की हसरत रह न जाए
September 13 17:23 2023

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) उत्सवजीवी प्रधानमंत्री का जन्मोत्सव भाजपाई इस बार भी बडख़ल झील पर नहीं मना पाएंगे। केंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर, विधायक सीमा त्रिखा सहित अनेक भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री का जन्मदिन बडख़ल झील में मनाने की घोषणा की थी। अभी तक तो झील भरने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे। आसार भला कैसे नजर आ सकते हैं जब तक सीवर का गंदा पानी वहां पहुंचाने का नाला पूरा बन कर तैयार न हो जाए। झील का नजारा देखने के लिए बनाया जाने वाला कथित मरीन ड्राइव आधा अधूरा ही पड़ा है।

घोषणावीर भाजपाई नेता खट्टर की नौ साल की सरकार में फरीदाबाद में नगर निगम से लेकर लगभग हर विभाग में छोटे बड़े घोटाले ही खुले, यानी सरकार इस शहर में अपने दम पर कोई खास विकास कार्य नहीं करा सकी। अरबों रुपये बर्बाद करने के बावजूद स्मार्ट सिटी तैयार नहीं हो सकी। जनता को सडक़, पेयजल, ड्रेनेज और सफाई जैसी आधारभूत सुविधाएं दिलाने में भी सरकार नाकाम ही साबित हुई है।

नौ साल में विकास तो कुछ करा नहीं पाए अब जनता को दिखाने के लिए बार-बार बडख़ल झील का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। मुख्यमंत्री खट्टर ने 2015 में ही इसका रूप लौटाने की घोषणा की लेकिन कोई काम नहीं किया गया। 2019 में लोकसभा व विधानसभा चुनाव के पहले एक बार फिर विधायक सीमा त्रिखा, सांसद किशनपाल गूजर और सीएम खट्टर ने बडख़ल का राग अलापना शुरू किया था। जून 2022 तक बडख़ल झील विकास को तरसती रही। जुलाई 2022 में मंत्री किशनपाल गूूजर ने पत्रकार वार्ता कर प्रधानमंत्री का जन्मदिन बडख़ल झील पर मनाने की घोषणा की थी। भाजपाई घोषणावीरों की तरह ही किशनपाल का दावा भी जुमला ही साबित हुआ। खिसियाए भाजपाई 2023 का जन्मदिन झील पर मनाने का दावा करने लगे।

बडख़ल झील तो छोड़ ही दीजिए अभी मुख्य सडक़ से इस झील तक जाने वाला रास्ता ही नहीं बन पाया है। झील के किनारे अरावली के पत्थरों को गढ़ कर बनाए गए गेट, सीढिय़ों और रास्ते को तोडक़र नैसर्गिक सुंंदरता खत्म कर सीमेंट से बनाई जा रही दीवारें भी अभी पूरी नहीं हो पाई हैं। सेक्टर 21 में एसटीपी से तथाकथित शोधित जल को भेजने की तैयारियां भी अभी आधी अधूरी हैं। केवल ट्रायल लाइन से ही पानी डाला जा रहा है जो अपर्याप्त है।

पूरा शहर जानता है कि नेता इस तरह की घोषणा कर जनता के बीच चर्चा का विषय बने रहना चाहते हैं, अभी तो इनमें झील के निर्माण का श्रेय लेने की होड़़ लगेगी। लोकसभा चुनाव अब दिसंबर में हों या मई में किशनपाल गूजर झील बनवाने की उपलब्धि अपने नाम करना चाहेंगे।

विधायक सीमा त्रिखा भी झील के जीर्णोद्धार का श्रेय लेना चाहती हैं, यही कारण है कि वह धीमी गति से चल रहे जीर्णोद्धार के काम को गति देने का दबाव नहीं बना रही हैं। झील को पर्याप्त रूप से भरने के लिए वर्षाजल का भी बड़ा योगदान रहेगा, समझा जा रहा है कि इसका उद्घाटन लोकसभा चुनाव के बाद ही हो सकेगा। खैर, उद़्घाटन तो जब भी हो इस बार प्रधानमंत्री का जन्मदिन बडख़ल झील पर मनाने की बात भाजपाइयों की हसरत ही रहने वाली है।

संदर्भवश सुधी पाठक जान लें कि इस झील को बरसाती पानी से भरने के लिए प्रकृति प्रेमियों ने एक योजना नगर निगम व उक्त तमाम नेताओं को प्रस्तुत की थी। मजे की बात तो यह थी कि उस योजना में सरकार की एक चवन्नी भी खर्च नहीं होनी थी, और शुद्ध वर्षाजल से झील को भर जाना था, इसके बावजूद करदाता के धन पर गिद्ध दृष्टि रखने वाले नेताओं व अफसरों ने इसे सीवर से गंदे पानी से भरने की योजना बना दी, जिस पर पचास से सौ करोड़ रुपये तक खर्चा होने की संभावना है, सरकार इसका कभी खुलासा नहीं करती।

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Mazdoor Morcha
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