चण्डीगढ़ (म.मो.) 45 साल पहले मंत्री सुषमा स्वराज और चीफ मिनिस्टर देवीलाल भी आमने सामने हुए थे। क्या इतिहास दोहराया जा रहा है ? तब देवीलाल ने फरीदाबाद में एक सार्वजनिक समारोह में सुषमा स्वराज को अयोग्य बता मंत्री पद से बर्खास्त करने का ऐलान कर दिया था। फरीदाबाद में मजदूरों पर गोली चलाने के विरोध में लेबर मिनिस्टर सुषमा स्वराज आग बबूला हो गयी थी और आंदोलन में शामिल मजदूरों से मिलने चली गयी थी। तब चन्द्रशेखर के दवाब में देवीलाल को अपना फैसला वापिस लेना पड़ा था। राजनीतिक हलकों में यह सवाल पूछा जा रहा है कि मनोहर लाल क्या स्टैंड लेंगे क्योंकि विज द्वारा खुलकर डॉक्टरों के समर्थन में आने से हीरो बन गए है और मनोहर की छवि विलेन जैसी बन गयी है ?
हालांकि मुख्यमंत्री अपने महकमे के मंत्री की बात मानने के लिए बाध्य नहीं है, लेकिन विज द्वारा स्टैंड लेने से मनोहर लाल की स्थिति हास्यपद हो गयी है।