अवैध कॉलोनियों में तो बरसों से है बिजली, खट्टर ने अब कनेक्शन देने की घोषणा की

अवैध कॉलोनियों में तो बरसों से है बिजली,  खट्टर ने अब कनेक्शन देने की घोषणा की
December 16 06:46 2023

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) विपक्षी दलों की सरकारों पर मुफ्त की रेवडिय़ां बांटने का आरोप लगाने वाले भाजपाई सीएम खट्टर भी चुनाव करीब आते ही एक के बाद एक मुफ़्त रेवडिय़ों की झड़ी लगा रहे हैं। स्वच्छ राजनीति का ढिंढोरा पीटने वाले खट्टर ने पहले तो वोट की राजनीति करते हुए प्रदेश भर की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा की थी, अब इन कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन देने की घोषणा भी कर दी है।

सिद्धांतों की राजनीति का ढोल पीटने वाले खट्टर को यह सलाह देने वाले अधिकारियों ने उन्हें बेवकूफ बनाया या वोट की लालच में खट्टर ने जानते बूझते घोषणा यह की। सर्व विदित है और खट्टर भी यह बात भली भांति जानते हैं कि सभी अवैध कॉलोनियों में बिजली ही नहीं पानी और रोड नेटवर्क बहुत पहले से ही है। बताते चलें कि खट्टर के आदेश पर शहर की 59 अवैध कॉलोनियों को नियमित किया जाना है। यदि प्रति कालोनी सौ मकान का औसत माना जाए तो करीब छह हजार मकान हैं, हालांकि यह संख्या और ज्यादा हो सकती है।

शहर की राहुल कॉलोनी हो या सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तोड़ी गई खोरी कॉलोनी, एसी नगर स्लम बस्ती, जमाई कॉलोनी या अन्य सभी अनियमित कॉलोनियां, जब से ये बनी हैं नगर निगम ने इनमें पाइप लाइन और बिजली के कनेक्शन दे रखे हैं। हर घर में टीवी, फ्रिज, कूलर वाशिंग मशीन जैसे आधुनिक बिजली उपकरण इस्तेमाल होते हैं। खट्टर की घोषणा को माना जाए तो इसका अर्थ है कि इन अनियमित कॉलोनियों में लंबे समय से बिजली भी अवैध रूप से जलाई जा रही थी। यदि खट्टर की घोषणा को माना जाए तो अभी तक इन कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन नहीं था, यानि इन घरों में चोरी से बिजली जलाई जा रही थी।
छह हजार से अधिक घरों में बिजली निगम के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना बिजली नहीं जलाई जा सकती। यानी एक दशक से भी कहीं अधिक समय से बिजली निगम के अधिकारी की देखरेख में बिजली चोरी करवाई जा रही थी। एक अवैध कॉलोनी में रहने वाले व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लाइन मैन और मीटर रीडर यहां हर महीने आते हैं और घर में उपलब्ध बिजली के उपकरणों के आधार पर सौ रुपये से ढाई सौ रुपये तक वसूलते हैं। जाहिर है कि लाइनमैन या मीटर रीडर यह रकम खुद नहीं हड़प लेता होगा, क्योंकि लाइन लॉस दिखाने वाले तो आला अधिकारी ही होते हैं, उन तक बिजली चोरी की इस कमाई का हिस्सा भी पहुंचता होगा।

सीएम खट्टर की घोषणा का राजनीतिक फायदा उठाने के लिए स्थानीय विधायक भी अपने क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन का पोस्टर लगा कर वाहवाही लूटने में लगे हैं। यही जन प्रतिनिधि हैं जिन्होंने अवैध कॉलोनियां बसने में सहयोग किया और इन्हीं लोगों के इशारे पर इन अवैध कॉलोनियों में बिजली आपूर्ति की गई थी। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक खट्टर को बिजली चोरी की जानकारी है, उन्होंने चुनाव के पहले यह घोषणा कर अवैध बस्तियों और स्लम के वोटरों को लुभाने की चाल चली है लेकिन इससे बहुत बड़ा बदलाव नहीं होने वाला। वजह यह कि इनमें से अधिकतर लोगों को चोरी की बिजली की आदत पड़ चुकी है। लाइनमैन से लेकर आला अधिकारियों को भी ऊपर की कमाई की आदत पड़् चुकी है। सरकार को दिखाने के लिए कुछ परिवारों को कनेक्शन दे दिया जाएगा जबकि अधिकतर पुरानी व्यवस्था के तहत बिजली जलाते रहेंगे।

बिजली चोरों से होने वाली लूट कमाई की लालच में बिजली निगम के आला अधिकारी तब तक कार्रवाई नहीं करते जब तक रिकॉर्ड मेनटेन करने के लिए ऊपर से दबाव नहीं आए। यही कारण है कि बिजली चोरी की शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय ये अधिकारी हीलाहवाला कर शिकायतकर्ता को ही परेशान करने लगते हैं। यदि किसी बड़े बिजली चोरी करने वाले की शिकायत की जाए तो ये अधिकारी बिजली चोरी के आरोपी को शिकायत और शिकायत करने वाले के नाम की जानकारी देकर मामला सुलटाने की सलाह दे देते हैं। मोटी कमाई के लालची अधिकारी बिजली चोरी रोकने के बजाय शिकायतकर्ता को नगर निगम, पुलिस आदि से शिकायत करने की सलाह देकर हतोत्साहित करने से भी बाज नहीं आते।

प्रदेश के सबसे कमाऊ जिलों में एक फरीदाबाद में लूट कमाई वाला पद ऐसे ही नहीं मिल जाता। इसके लिए अधिकारी केंद्रीय मंत्री किशन पाल गूजर, खट्टर के कलेक्शन एजेंट अजय गौड़ जैसे बड़े नेताओं को चढ़ावा चढ़ाते हैं तब कहीं जाकर मलाई वाली कुर्सी हासिल होती है। सीएम खट्टर भी सबकुछ जानते हुए अपने करीबियों की सिफारिश पर मुहर लगा कर ‘बड़ी ही ईमानदारी’ से शासन चला रहे हैँ।

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Mazdoor Morcha
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