ठप सर्वर ने फाड़ दिया ई-गवर्नेंस का ढोल

ठप सर्वर ने फाड़ दिया ई-गवर्नेंस का ढोल
December 26 01:51 2023

बल्लभगढ़ (देओल)। बड़े बड़े जुमले उछाल कर काम न करने में माहिर मोदी-खट्टर की ई गवर्नेंस पॉलिसी भी ढिंढोरा ही साबित हो रही है। ई गवर्नेंस के लिए आवश्यक मूलभूत संसाधन अबाध इंटरनेट, हैकिंग मुक्त सर्वर, मैलवेयर-वायरस मुक्त कंप्यूटर और इससे भी जरूरी इसे ऑपरेट करने के लिए ट्रेंड ऑपरेटर होना जरूरी है। खट्टर सरकार ने सरकारी सेवाएं ऑनलाइन तो कर दीं लेकिन व्यवस्था अपग्रेड नहीं की। इसका खामियाजा आम जनता को कभी कंप्यूटर हैंग होने तो कभी सर्वर ठप पडऩे जैसी अव्यवस्थाओं के कारण भुगतना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी राजस्व विभाग से जुड़ी सेवाओं के ठप होने से होती है।

कहने को तो राजस्व विभाग रोजाना स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्री आदि सेवाओं के जरिए करोड़ों रुपये कमा रहा है लेकिन आम जनता को समय पर सेवा देने के लिए बेहतर और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है। बुधवार को बल्लभगढ़ तहसील में सैकड़ो लोगों की रजिस्ट्री से लेकर राजस्व से जुड़े अन्य काम इसलिए नहीं हो पाए कि विभाग का सर्वर ठप हो गया था। सरकार ने राजस्व विभाग में भी तत्काल प्रीमियम सेवा शुरू कर रखी है। इसके तहत आवेदक के 25 हजार रुपये तत्काल शुल्क जमा करवाने पर एक दिन के भीतर ही सारा काम पूर्ण कर दिया जाता है। यह शुल्क केवल एक दिन के लिए ही मान्य होता है। बुधवार को कई लोगों ने तत्काल शुल्क जमा करवाया ताकि इसी दिन उनका काम पूर्ण हो जाए लेकिन सर्वर डाउन हो गया जो शाम को कार्यालय बंद होनेे तक नहीं चला। इन लोगों का प्रीमियम शुल्क तो गया ही काम भी नहीं हो पाया। अन्य सैकड़ो लोगों को भी दिन भर इंतजार करने के बाद शाम को निराश लौटना पड़ा। अधिकतर लोग अपना काम काज छोडक़र नौकरी से छुट्टी लेकर या परिवार और बच्चों को किसी दूसरे के भरोसे छोड़ कर तहसील आए थे लेकिन शाम तक कुछ नहीं हुआ।

घोषणावीर मनोहर लाल खट्टर ने चार वर्ष पूर्व जोर शोर से ढोल पीटा था कि प्रदेश की किसी भी तहसील में किसी भी शहर की जमीन की रजिस्ट्री कराई जा सकती है। चार वर्ष बाद भी सच्चाई कुछ और है। दूसरे शहर को तो छोडि़ए अपने शहर की जमीन की रजिस्ट्री करवाने में तहसील का कई दिन चक्कर काटना पड़ता है। काम न होने निराशा में लौटते लोग खट्टर सरकार को कोसते हुए देखे जा सकते हैं। जमीन के कारोबार से जुड़े सुधीर बैंसला कहते हैं कि बीते आठ वर्षों में राजस्व विभाग में आम आदमी के लिए समस्याओं में बढ़ोत्तरी ही हुई है लेकिन कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है।

कलेक्टर सर्किल रेट बढ़ाए जाने पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए हुई समीक्षा बैठक में प्रॉपर्टी डीलरों ने अतिरिक्त उपायुक्त के सामने यह समस्या रखी थी। कम से कम राजस्व विभाग के कंप्यूटर, इंटरनेट सेवा और सर्वर अपडेट रखने की मांग की गई थी ताकि आम जनता को परेशानी न हो। उन्होंने जल्दी ही इसका समाधान करने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। मंत्री और राजनेताओं को इस समस्या से अवगत कराया गया लेकिन उनके दावे भी आज तक कोरा आश्वासन ही साबित हुए और जनता ठगी जा रही है। बुधवार को सैकड़ों महिला-पुरुष और बुजुर्गों को ई गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया की तल्ख सच्चाई का सामना करते हुए निराश होकर लौटना पड़ा। उनके साथ आए हुए डॉक्युमेंट राइटर, एडवोकेट और बैंक के पैनल पर लोन का चेक सौंपने आए बैंक के लीगल एडवाइजर सेलर, परचेजऱ, प्रॉपर्टी कंसलटेंट, गवाह और अन्य पारिवारिक जनों, ईष्ट मित्रों, सगे-संबंधियों सभी को भी बेवजह परेशान होना पड़ा। सब दुखी मन से शासन और प्रशासन की नाकामी को कोसते हुए नजर आए।

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Mazdoor Morcha
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