अस्पतालों से इलाज न करा सकी, टेलिमेडिसिन से करायेगी सरकार

अस्पतालों से इलाज न करा सकी, टेलिमेडिसिन से करायेगी सरकार
November 19 12:34 2022

जनता को बेवकूफ बनाने के लिये ख्याल अच्छा है
फरीदाबाद (म.मो.) बिना कोई फली फोड़े सुर्खियों में छाये रहने के लिये हरियाणा की खट्टर सरकार ने मीडिया द्वारा प्रकाशित कराया है कि वह ग्रामीण स्तर तक के मरीज़ों को बेहतरीन चिकित्सा सेवायें उपलब्ध कराने के लिये टेलीमेडिसिन सेवा शुरू करने जा रही है। सरकार के मंत्री-संत्री तो छींक आने पर गुडग़ाव स्थित पंचतारा मेदांता अस्पताल में आकर दाखिल हो जाते हैं। आम जनता के लिये वे टेलिफोन एवं इंटरनेट के माध्यम से ‘बेहतरीन’ चिकित्सा सेवायें दिलवायेंगे।

मीडिया में प्रकाशित समाचारों के अनुसार राज्य भर के तमाम प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ-साथ जि़ला अस्पतालों को भी टेलीमेडिसिन पद्धति के द्वारा रोहतक मेडिकल कॉलेज से जोड़ा जायेगा। इसके लिये एक विशेष सॉफ्टवेयर ऐप तैयार किया जायेगा। इसके माध्यम से उक्त तमाम छोटे-बड़े स्वास्थ्य केन्द्र रोहतक मेडिकल कॉलेज से जुड़ जायेंगे। इस पद्धति द्वारा गंभीर से गंभीर मरीजों को रोहतक मेडिकल कॉलेज में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा इलाज की सुविधा मिला करेगी। कितना सुन्दर विचार है खट्टर महोदय का! उन्हें कितनी चिन्ता रहती है अपनी प्रजा की! न अस्पताल खोलने की जरूरत, न डॉक्टरों व स्टाफ के वेतन पर पैसा बर्बाद करने की जरूरत और न ही दवायें व उपकरण आदि की खरीद पर पैसा लुटाने की जरूरत! बस सारी जनता का इलाज टेलीमेडिसिन से हो जायेगा।

सुधी पाठकों ने ‘मज़दूर मोर्चा’ में पढ़ा होगा कि रोहतक मेडिकल कॉलेज में 200 पद तो केवल असिस्टेंट प्रोफेसरों के खाली पड़े हैं। इनके अतिरिक्त सैंकड़ों की संख्या में अन्य विभिन्न पद भी खाली पड़े हैं। वहां मौजूद डॉक्टरों के बाहर इतनी लम्बी लाइने लगी रहती हैं जिन्हें वे दिन भर में निपटा भी नहीं सकते। इतने पुराने मेडिकल कॉलेज से भी हर रोज सैंकड़ों मरीज या तो अस्पताल द्वारा बाहर रेफर किये जाते हैं या समझदार लोग स्वत: ही अन्य अस्पतालों की ओर हो लेते हैं। इन परिस्थितियों से आंखें मुंद कर खट्टर महोदय पूरे राज्य भर के मरीजों का इलाज इन विशेषज्ञ डॉक्टरों से कराने का जो छलावा कर रहे हैं, वह साफ नजर आ रहा है।

प्रकाशित समाचारों में कहा गया है कि छलावा भरी इस योजना के लिये ई-संजीवनी नामक ऐप का सॉफ्टवेयर तैयार कराया जायेगा। इसी योजना के तहत बड़े पैमाने पर कम्प्यूटर एवं लैपटॉप खरीदे जायेंगे। इन्टरनेट आदि की व्यवस्था की जायेगी। जाहिर है कि इस पर करोड़ों रुपया खर्च किया जायेगा जिसका परिणाम निल बटा सन्नाटा होगा। हां, इसकी प्रस्थापना पर जो खर्च होगा उससे सम्बन्धित लोगों को ठीक-ठाक मुनाफा हो जायेगा। बहुत दूर जाने की जरूरत नहीं, कुछ वर्ष पहले ही शिक्षा विभाग के लिये भी ऐसी ही एक हवाई योजना, ‘एजुसेट’ तैयार की गई थी। इसके अनुसार चंडीगढ़ से ही एक मास्टर जी सारे राज्य के बच्चों को पढ़ा देने वाला था। इसके लिये बड़े पेमाने पर, अरबों रुपये के कम्प्यूटरों के साथ-साथ निर्वाध बिजली आपूर्ति के लिये स्कूलों में डीजल जनरेटर सेट भी रखवाये गये थे। आज न तो अरबों रुपये के कम्प्यूटरों, जनरेटर सेटों व अन्य साजो-सामान का कोई अता-पता है और न ही एजुसेट नामक चिडिय़ा का। कहां उड़ गई? देर-सवेर यही हश्र खट्टर की टेलीमेडिसिन का होने वाला है।

खट्टर जी रोहतक मेडिकल कॉलेज से जुडऩे की बात करते हैं, गवर्नर दत्तात्रेय जब राज्य में 12 मेडिकल कॉलेज होने की बात करते हैं तो सारा बोझ अकेले रोहतक पर ही क्यों डाला जा रहा है? जाहिर है कि खट्टर के आधीन आने वाले पांच मेडिकल कॉलेज ही उनकी ताबेदारी कर सकते हैं, अन्य तो कोई हाथ भी न रखने दे। सरकारी पांच कॉलेजों में से रोहतक ही एक ऐसा मेडिकल कॉलेज है जिसकी स्थिति कुछ बेहतर है, बाकियों का तो और भी बुरा हाल है। खट्टर की योजना के अनुसार मेडिकल कॉलेज से सीधे जुडऩे की बजाय ग्रामीण स्वास्थ केन्द्रों को, पहले जि़ला अस्पतालों से जोड़ा जायेगा। इन अस्पतालों का एक नमूना बीके अस्पताल है। इससे भला कोई टेलीमेडिसिन के माध्यम से क्या इलाज करा लेगा जिसके यहां पहले ही मरीज़ टकराते फिर रहे हैं।

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Mazdoor Morcha
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