अंसल क्राउन हाइट्स फ्लैट बायर्स एसोसिएशन ने बिल्डर-सरकार मिलीभगत के विरुद्ध किया धरना प्रदर्शन

अंसल क्राउन हाइट्स फ्लैट बायर्स एसोसिएशन ने बिल्डर-सरकार मिलीभगत के विरुद्ध किया धरना प्रदर्शन
March 26 16:16 2023

रीदाबाद (मजदूर मोर्चा) पिछले कई साल से अपने आशियाने का सपना संजोए लोग आज भी वहीं खड़े हैं। जहां पहले खड़े थे। पैसे खर्च करने के बाद भी अंसल क्राउन इनफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सैक्टर 80, फरीदाबाद, ने उन्हें फ्लैट्स उपलब्ध नहीं कराए हैं। इस संबंध में अंसल क्रॉउन हाइट्स फ्लैट बायर्स एसोसिएशन ने जोरदार प्रदर्शन कर सरकार से फ्लैट शीघ्र दिलाने की मांग की है। इस आशय की जानकारी एसोसिएशन के प्रधान राकेश मल्होत्रा ने पत्रकारों को देते हुए बताया कि लगभग 15 साल पहले बिल्डर ने फ्लैेट्स बेचने शुरू किए थे और यह फ्लैट बनते हुए दिखाकर लगभग 90 से 95 प्रतिशत पैसे ले लिए। पहले तो कई साल तक झूठ बोलते रहे कि उन्हें फ्लैट दे दिए जाएंगे, लेकिन बाद में बिल्कुल मना कर दिया गया। मल्होत्रा ने कहा कि जीवन भर की जमा पूंजी को एक व्यक्ति घर का सपना देखने के लिए एकत्र करता है और वह पैसा एक झटके में डूब जाए तो उसके परिवार और उस पर क्या बीती है यह वह स्वयं भोगी व्यक्ति बता सकता है। मल्होत्रा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में लगभग 550 खरीदारों का पैसा लगा हुआ है।

संस्था के महासचिव जगमोहन गुप्ता ने बताया कि अधिकतर फ्लैट मालिकों ने बैंक से लोन लिया हुआ है। वह बेचारे आज की स्थिति के अनुसार बैंक की किस्त घरों के किराए देने में भी असमर्थ हो रहे हैं। सभी ओर से हार कर एसोसिएशन ने कोर्ट में केस किया। एनसीडीआरसी से खरीदारों के पक्ष में फैसला आने के बाद भी बिल्डर उस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं और प्रशासन की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिला। बिल्डर के विरुद्ध फरीदाबाद में भी एफ आईआर सेक्टर 12 पुलिस थाने में दर्ज कराई है। हरेरा में भी एसोसिएशन ने केस भेजा, लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। कोई भी सरकारी विभाग मदद करने के लिए तैयार नहीं। एसोसिएशन के अन्य सदस्यों में संजय चांडक, मेहुल धवन, गिरधारी ग्रोवर, गुलाटी और भाटिया कोर्ट और सरकारी विभागों के चक्कर काट काट कर थक गए हैं। सतिंदर दुग्गल, एडवोकेट, पूर्व सैनिक विंग कमांडर ने ग्रेटर फऱीदाबाद के निवासियों की हर संभव मदद का आश्वासन दिया। आखिर में धरने और प्रदर्शन का मार्ग अपनाना पड़ा है।

उक्त सोसायटी में फ्लैट खरीदने के नाम पर फंसे लोगों को समझ लेना चाहिए कि उन्हें ठगने वाला कॉलोनाइजर अकेला नहीं है। ठगी एवं लूट मार की इस खेल में पूरी सरकार तथा तमाम सम्बंधित सरकारी विभाग भी शामिल हैं। यदि सरकार ठगी के इस खेल में शामिल न होती तो उक्त कॉलोनाइजर उसी दिन गिरफ्तार हो जाता, जिस दिन उसने ठगी का यह खेल रचा था। हरेरा-नरेरा जैसे तमाशे तो केवल ठगी के शिकार लोगों को सहलाने के लिए बनाए गए हैं। सबसे बड़ी हैरानगी की बात तो यह है कि राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग से केस जीतने के बावजूद पीडि़त जहां के तहां खड़े हैं। यदि सरकार की मिलीभगत इस ठग के साथ न होती तो अब तक वह जेल में बैठा होता और उसकी तमाम जायदाद कुर्क हो चुकी होती।

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Mazdoor Morcha
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