अनीता यादव ने फोन कर पूछा कि उनकी फोटो और खबर कैसे लगा दी?

अनीता यादव ने फोन कर पूछा कि उनकी  फोटो और खबर कैसे लगा दी?
October 16 11:03 2021

 सतीश कुमार, सम्पादक मजदूर मोर्चा  गतांक में ‘फोगाट स्कूल में एचपीएससी परीक्षा केन्द्र बनने के पीछे हैं उसके वीआईपी अभ्यार्थी’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार से उद्वेलित अनीता यादव आईएएस ने मुझे दो अक्टूबर शाम चार बजे फोन कर पूछा कि ‘मज़दूर मोर्चा’ अखबार आप ही छापते हैं? मैने पूछा कि आप कौन बोल रही हो तो उन्होंने कहा कि मैं अनीता यादव बोल रही हूं। मेरे हां कहने पर उन्होंने कुछ ऊंचे स्वर में कहा कि मेरी फोटो व खबर कैसे छाप दी? तो मैंने भी उसी स्वर में जवाब दिया कि फोटो व खबर किसी से पूछ कर नहीं छापी जाती। इस पर उनका स्वर ठीक धुन में आ गया वे बोली कि आपने सेटिंग का आरोप कैसे लगा दिया? उनकी बात को बीच में ही काटते हुए मैने पूछा कि ‘सेटिंग? इस पर उन्होंने बात को थोड़ा घुमाते हुए कहा कि खबर का अर्थ तो यही निकलता है कि सेटिंग से यह सेंटर बनवाया गया है।

फिर स्वत: बोली कि वे तो खुद पीडि़त पक्ष हैं। वे खुद वहां गई थी और देखा कि कितनी कीचड़ भरी गलियों से बच्चों को गुजरना पड़ रहा था। उनके देखते-देखते तीन-चार बच्चे कीचड़ में फिसल कर गिर गये, कीचड़ सने हालत में उन्होंने भला कैसे पेपर दिया होगा? मैंने इसके लिये डीसी को डांटा, मैने पूछा कि ‘डीसी को डांटा?’ इस पर उन्होंने कहा हां, डीसी को डांटा कि ऐसी गंदी जगह उन्होंने कैसे सेंटर बनवा दिया? उनका जवाब सुनकर फिर एडीसी से पूछा कि ऐसे जगह सेंटर कैसे बनवा दिया, क्या आप लोग सेंटर को देखते नहीं हो, केवल पैसे लेकर सेंटर बनवा देते हो?

जवाब में अनीता यादव को बताया गया कि ये सेंटर बनाने का काम तो डीईओ का होता है। कोई ऋतु चौधरी ने ये सेंटर बनाये थे। मैंने बीच में टोकते हुए कहा कि डीईओ कहती हैं कि ये तमाम सेंटर तो उनसे पहले वाली डीईओ सतिन्द्र कौर वर्मा बना गई थी। इसको अनसुना करते हुए अनीता यादव ने कहा कि उन्होंने तुरंत एचपीएससी के सेक्रेटरी व एक पूर्व सदस्य को फोन लगा कर पूछा कि आप लोग सेंटर बनाने से पहले कुछ देखते भी हो या पैसे लेकर सेंटर बना देते हो? उन्होंने पुन: दोहराते हुए कहा कि उन्होंने जितेन्द्र व सतबीर मान को भी कहा कि सेंटर बनाने से पहले जांचना चाहिये।

अपनी बच्चियों की तारीफ करते हुए अनीता यादव ने कहा कि वे बहुत होशियार हैं। भगवान की कृपा से उन्हें किसी सेटिंग की आवश्यकता नहीं है। वे जहां भी जायेंगी नम्बर वन ही रहेंगी। मुझे ताकीद करते हुए कहा कि अपनी पॉपुलरिटी के लिये उनके नाम का इस्तेमाल न किया करें। जाहिर है कि इससे उनका अभिप्राय ‘मज़दूर मोर्चा’ उनका नाम छापकर अपनी पॉपुलरिटी बढ़ा रहा है। हकीकत शायद इससे उलट ही है। मोर्चा खुद ही काफी पॉपुलर है, इसके लिये इसे किसी अनीता यादव की जरूरत नहीं है। वैसे अच्छा लगा वर्षों बाद किसी आईएएस कर्मचारी ने मजदूर मोर्चा प्रकाशन का इस तरह से संज्ञान लिया। बीसियों साल पहले तत्कालीन उपायुक्त रामनिवास तथा एसएस प्रसाद ने भी कुछ ऐसा ही संज्ञान लिया था और मुंह की खायी थी।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles