मनीष आजाद
बहुत से लोग दाएं हाथ से लिखते हैं लेकिन कुछ लोग बाएं हाथ से भी लिखते हैं..
दाएं हाथ से लिखने वालों का तर्क था कि बाएं हाथ से लिखने वाले लेखन कला को भ्रष्ट कर रहे हैं इसके खिलाफ बाएं हाथ से लिखने वालो के मजबूत तर्क थे लेकिन वे अल्पमत में थे।
दाएं हाथ से लिखने वालों ने कहा हम दाएं हाथ से लिखने वालों का राष्ट्र बनाएंगे और राष्ट्र बन गया..
दाएं हाथ से लिखने वालों में बहुत से लोग नीली स्याही से लिखते थे लेकिन कुछ लोग काली स्याही से भी लिखते थे नीली स्याही से लिखने वालों का तर्क था कि काली स्याही वाले अक्षर के भविष्य को काला कर रहे हैं इसके खिलाफ काली स्याही वालो के मजबूत तर्क थे लेकिन वे अल्पमत में थे।
इस तरह नीली स्याही से लिखने वालों का राष्ट्र बन गया..
नीली स्याही से लिखने वाले बहुत से लोग सादे पेज पर लिखत थे लेकिन कुछ लोग रूलदार पेज पर भी लिखते थे सादे पेज वालो का तर्क था कि रूलदार पेज पर लिखने वाले शब्दों को दो लाइनों के बीच कैद कर रहे हैं इसके खिलाफ रूलदार पेज पर लिखने वालों के मजबूत तर्क थे लेकिन वे अल्पमत में थे..
इस तरह सादे पेज पर लिखने वालों का राष्ट्र बन गया..
सादे पेज पर ज्यादा लोग प्रार्थनापत्र लिखते थे लेकिन कुछ कविता भी लिखते थे प्रार्थनापत्र लिखने वालों का तर्क था कि कविता युवाओं को भ्रष्ट करती है इसके खिलाफ कविता लिखने वालों के मजबूत तर्क थे लेकिन वे अल्पमत में थे।
और इस तरह प्रार्थनापत्र लिखने वालों का राष्ट्र बन गया..
लेकिन इस राष्ट्र में बाएं हाथ से लिखने वाले काली स्याही से लिखने वाले रूलदार पेज पर लिखने वाले और कविता लिखने वाले नहीं थे
राष्ट्र अब बुरी तरह डरा हुआ था क्योंकि अब वह अल्पमत में था…