फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) नोट छापने की मशीन बन चुके एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने 2021 में जिस दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू किया था उसे 2023 के मध्य तक पूरा हो जाना था। लेकिन इसका सेक्टर 37 से लेकर सेक्टर 65 तक यानी कि करीब 27 किलोमीटर का भाग सबसे बड़ी अड़चन बनकर खड़ा हो गया। सुधी पाठक समझ गए होंगे कि यह वही भाग है जो आगरा व गुडग़ांव नहर के पश्चिम में सेक्टरों के साथ से गुजरता है। वास्तव में यह पहले फरीदाबाद का बाईपास होता था। राजमार्ग का निर्माण कार्य शुरू करने से पूर्व प्राधिकरण द्वारा जो जगह चिह्नित की गई थी उसे स्थानीय सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल ने बदलवा दिया था।
इसके परिणामस्वरूप जहां एक ओर बिजली की बड़ी ट्रांसमिशन लाइनों को हटाने पर सैंकड़ों करोड़ का खर्चा हुआ वहीं दूसरी ओर नई एलाइंटमेंट करने में कई महीने लग गये। इतना ही नहीं बाईपास व सेक्टरों के बीच छोड़ी गई हरित पट्टी भी उजाड़ दी गई। जाहिर है कि इससे जहां निर्माण लागत में सैंकड़ों करोड़ वृद्धि हो गई वहीं निर्माण समय में वक्त भी सुरसा के मुंह के तरह बढ़ता जा रहा है। हालात को देखते हुए लगता नहीं कि 2024 में भी यह परियोजना पूरी हो पायेगी।
कोढ़ में खाज की मानिंद दिल्ली के सरिता विहार फ्लाईओवर भी अब नोएडा जाने वालों की मुसीबत बढ़ाने जा रहा है। समयबद्ध यह फ्लाईओवर इतना जर्जर हो चुका है कि इसके मरम्मत कार्य को एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य पूरा होने तक रोका नहीं जा सकता। इसी माह इसकी मरम्मत शुरू होने के चलते कालिंदीकुंज के रास्ते नोएडा जाने वाले लाखों लोगों की समस्या अति गंभीर होने वाली है। जनता की समस्या बढ़ती है तो बढ़ती रहे, इससे जनता को बहकाने वाले नेताओं व भ्रष्ट अधिकारियों को कोई फर्क पडऩे वाला नहीं है। जनता को अपने द्वारा चुनी गई सरकारों द्वारा देय फल तो खाने ही पड़ेंगे।