खुद को मंत्री मूलचंद शर्मा की मौसी का लडक़ा बताता है चालक नेत्रपाल, सुपर एसडीओ कहा जाने वाला अमरपाल बेलदार एसडीओ सुरेंद्र हुड्डा का है खास फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) भ्रष्टाचार के गढ़ नगर निगम का बड़ी लूट कमाई करने वाला तोडफ़ोड़ विभाग एसडीओ सुरेंद्र हूड्ड के ख़ास अमरपाल बेलदार और मूलचंद शर्मा के कथित मोसेरे भाई नेत्रपाल चालक द्वारा चलाया जा रहा है। शहर में होने वाले हर एक अवैध निर्माण इन दोनों की सहमति से ही धड़ल्ले से होते हैं। अवैध इमारतों को नहीं तोडऩे के लिए ये ही मोटी रकम वसूलते हैं और ऊपर तक हिस्सापत्ती पहुंचाते हैं। यही कारण है कि बेलदार और चालक होने के बावजूद तोडफ़ोड़ विभाग के काम अधिकारी नहीं ये दोनों ही निपटाते हैं। यदि कोई अधिकारी इनकी मर्जी के खिलाफ चलता है तो दोनों मंत्री की धौंस दिखा कर उसे चुप कर देते हैं, यही कारण है कि भ्रष्ट आचरण के कारण एफआईआर दर्ज होने के बावजूद इन दोनों को तोडफ़ोड़ विभाग से कोई हटा नहीं पाया है।
राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा का कथित भाई नेत्रपाल को कई साल पहले विजिलेंस टीम ने बल्लभगढ़ नगर निगम के गेट पर रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। महीनों निलंबन के बाद बहाली हुई तो मंत्री के इशारे पर उसे फिर से तोडफ़ोड़ विभाग में ही चालक पद दे दिया गया। वह कहने को ही चालक है लेकिन लाइसेंसी पिस्टल लगाकर अधिकारियों की तरह रौब झाड़ता है। बहाली के बाद इसने एसडीओ विनोद को विश्वास में लेकर जमकर लूट कमाई शुरू कर दी है। बताया जाता है कि विनोद ने बल्लभगढ़ इलाके में होने वाले अवैध निर्माणों से वसूली का पूरा अधिकार नेत्रपाल को दे रखा है। यहां तक कि वह ठेका लेकर अवैध निर्माण करवाता है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार सेक्टर 22 श्मशान के सामने अवैध औद्योगिक शेड भी नेत्रपाल की देखरेख में बना डाले गए। औद्योगिक शेड के आस-पड़ोस में भी कई शेड बनाए जा रहे हैं यह काम भी नेत्रपाल और विनोद की शह पर चल रहा है। बताया जाता है कि नेत्रपाल केवल उन्हीं अवैध निर्माण से वसूली नहीं करता जो मंत्री के करीबियों की हों, दूसरे का अवैध निर्माण केवल मोटा चढ़ावा चढ़ाने से ही छूटता है। नगर निगम मुख्यालय में यही काम अमरपाल कर रहा है। कहने को वो बेलदार है लेकिन आज तक उसने कस्सी-तसला नहीं उठाया बल्कि किसी भी निर्माण स्थल पर पहुंच कर खुद को नगर निगम के बड़े अधिकारी की तरह पेश करता है। एसडीओ सुरेंद्र हुड्डा अमरपाल को गाड़ी में बिठा कर उससे अवैध उगाही करवाता है, अमर पाल के खिलाफ भी रिश्वतखोरी में एफआईआर दर्ज है और यशपाल यादव ने आयुक्त रहते हुए अमरपाल का तबादला भी तोड़-फोड़ विभाग से कर दिया था परन्तु दलाली में माहिर होने और सिर पर सुरेंद्र हुड्डा का हाथ होने के कारण उसे फिर से तोडफ़ोड़ विभाग में तैनाती दे दी गई।
वर्तमान में एनआईटी एक दो, तीन, पांच और बडख़ल इलाके में बड़ी संख्या में अवैध निर्माण चल रहे हैं। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार अमरपाल बेलदार ही इन अवैध निर्माणकर्ताओं से वसूली करता है। अधिकारी खुद आगे न आकर उससे वसूली करवाते हैं जिसमें वह तीस से चालीस प्रतिशत तक खुद रखता है और बाकी साठ प्रतिशत में एसडीओ से लेकर ऊपर तक बैठे सभी अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है।
शहर में धड़ल्ले से चल रहे अवैध निर्माण की रिपोर्ट संयुक्त आयुक्त जीतेंद्र गर्ग से लेकर निगमायुक्त् मोना ए श्रीनिवास तक है। इन अधिकारियों को ये भी मालूम है कि नेत्रपाल चालक है और अमरपाल बेलदार है। इन दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी के केस अदालत में विचाराधीन हैं।
बावजूद इसके उन्हें तोडफ़ोड़ विभाग में दोबारा तैनाती दिया जाना बताता है कि निगमायुक्त भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही हैं, यदि ऐसा नहीं होता तो वो अभी तक इन दोनों भ्रष्ट कर्मचारियों को तोडफ़ोड़ विभाग से हटा चुकी होतीं।