फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) दुनिया का सबसे अमीर बनने की लालसा में कम पढ़ा लिखा होना बाधा बना तो मोदी ने अडाणी को मुखौटा बना लिया। श्रीलंका, हो या बांग्लादेश हर जगह के बिजली के ठेके अडाणी को दिलाए, नियमों को ताक पर रख कर एयरपोर्ट लिए, बेहतरीन कोयले को वेस्ट बताकर मुफ्त में अडाणी को दिलवाया, देश भर के बिजली उत्पादन प्लांटों को दस प्रतिशत कोयल आयातित यानी अडाणी की कंपनी से लेने को मजबूर किया। यही कारण है कि 2014 में विश्व के अमीरों में 609वें नंबर से 2022 में अडाणी या यूं कहें मोदी विश्व के दूसरे नंबर के अमीर बने। यह आरोप दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा सत्र में दिए भाषण में लगाए।
केजरीवाल ने सदन में सीधा आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी आजादी के बाद से देश में सबसे भ्रष्ट और सबसे कम पढ़े लिखे प्रधानमंत्री हैं। अडाणी की कंपनी में नरेंद्र मोदी का धन लगा है, मोदी को अब दुनिया का सबसे धनी व्यक्ति बनने की तमन्ना है। जिस मोदी ने अपनी मां, भाई रिश्तेदारों यहां तक कि राजनीतिक गुरु के लिए कुछ नहीं किया वह डूबते हुए अडाणी को बचाने के लिए एसबीआई, ईपीएफओ आदि से अभी भी उसके शेयरों में धन लगाने का दबाव बना रहे हैं।
दरअसल अडाणी तो मुखौटा है उसकी कंपनियों में सारा धन मोदी का है। अडाणी को तो 10 से 15 प्रतिशत कमीशन ही मिलता है वह तो मोदी का मैनेजर है। अडाणी तो मोदी का सलाहकार या मैनेजर है, सारा धन तो प्रधानमंत्री मोदी ही लगाते हैं। अगर जेपीसी, ईडी, सीबीआई जांच हुई तो अडाणी नहीं बल्कि मोदी डूबेंगे।
एक भाजपा नेता से बातचीत का हवाला देते हुए केजरीवाल ने मोदी पर श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे पर दबाव डाल कर वहां का विंड पावर प्रोजेक्ट अडाणी को दिलाने का आरोप लगाया। बांग्लादेश में 1500 मेगावाट का प्रोजेक्ट भी अडाणी को दिलाया।
इजराइल के साथ किए गए सारे रक्षा सौदे भी अडाणी को दिलाए। अडाणी को एयरपोर्ट के प्रबंधन का कोई अनुभव नहीं था बावजूद इसके छह एयरपोर्ट अडाणी को दिला दिए। दरअसल यह सब अडाणी के नाम पर मोदी ने खुद के लिए किया। ईडी, सीबीआई का अडाणी यानी मोदी के हित में दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया। अक्तूबर २०१८ को कृष्णापट्टनम पेोर्ट पर इनकम टैक्स की रेड हुई, छह अप्रैल २०२० को अडाणी ने वह पोर्ट खरीद लिया। दिसंबर २०२० एसीसी, अंबुजा सीमेंट पर रेड हुई, अक्तूबर २०२२ को अडाणी ने खरीदे। मुंबई एयरपोर्ट के मालिक जीवीके पर सीबीआई की रेड हुई और एक माह बाद ही मुंबई एयरपोर्ट भी अडाणी के पास चला गया। देश में कोयला आयात करने का अडाणी का एकाधिकार है।
मोदी ने सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया कि उनके पावर प्लांट में दस प्रतिशत कोयला अडाणी से आयातित खरीदना होगा। जो कि दस गुना महंगा है। सुप्रीम कोर्ट ने निजी कंपनियों को कोयला खानें दिए जाने पर रोक लगा दी थीं लेकिन मोदी जी ने अडाणी पर विशेष अनुकंपा की। अडाणी को २८०० करोड़ रुपये कीमत का कोयला बेकार बता कर प्रतिवर्ष मुफ्त में दिया जाता है।
विश्व का सबसे अमीर व्यक्ति बनने की लालसा में मोदी ने देश को हर तरह से लूटा, देशवासियों को रिकॉर्ड कर्ज में लाद दिया। 1955 से 2017 तक सरकारों ने 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया। 2014 के बाद आई मोदी की कथित राष्ट्रवादी सरकार ने 85 लाख करोड़ रुपये कर्ज ले लिया। कर्ज के नाम पर लिया गया यह धन इन दोनों की जेब में चला गया, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा।
२०१४ में अडाणी यानी मोदी की हैसियत ५० हजार करोड़ आंकी गई थी। सात साल बाद यानी २०२२ में यह साढ़े ग्यारह लाख करोड़ रुपये हो गई। मोदी जी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बनना चाहते हैं लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण उनकी लालसा मिट्टी में मिल गई। केजरीवाल यहीं नहीं रुकेे उन्होंने मोदी की तुलना इतिहास में हुए अनपढ़ बादशाहों से भी कर डाली, जिनकी मूर्खता के कारण सोने की चिडिय़ा जैसा देश विदेशियों द्वारा लूट लिया गया। विदेशी बादशाहों के दरबार में आने उनके गुणगान करते, चापलूसी करते और न जाने कहां कहां उनसे दस्तखत करा ले जाते थे, ऐसा ही कुछ आजकल विदेशियों द्वारा मोदी के साथ किया जा रहा है।