प्रशांत भूषण अब पुलवामा टू और बालाकोट टू की तैयारी चल रही है। क्या तैयारी चल रही है, जो मुझे सुनने में मिला है मै उसकी पुष्टि तो नहीं कर सकता और न ही ये बता सकता हूं कि किन लोगों ने मुझे ये बताया है, कि पुलवामा टू जो होगा वो अयोध्या राम मंदिर पर कोई अटैक होगा जो कि जैश ए मोहम्मद या अलकायदा द्वारा किया जाएगा या करवाया जाएगा। और बालाकोट टू जो होगा वो पाकिस्तान ऑक्युपाइड कश्मीर में इन्कर्जन यानी कि ग्राउंड मूवमेंट, सिर्फ अबकी बार बमबारी नहीं, अबकी बार जो सुना है और मल्टीपल सूत्रों से सुनने में आ रहा है कि अबकी बार थोड़े से ग्राउंड ट्रूप्स भी भेजे जाएंगे। इसलिए नहीं भेजे जाएंगे कि हम पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर पर कब्जा कर लेें, लेकिन ये दिखाने के लिए जैसे बालाकोट में इन्होंने दिखाने की कोशिश की कि हमने पाकिस्तान पर बम गिरा दिए। बम से कुछ हुआ हो न हुआ हो बम कहां गिरे कुछ किसी को पता नहीं लेकिन बम गिरा दिए और उसके आधार पर 2019 का चुनाव बिलकुल पलट गया। यही बात सत्यपाल मलिक जी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बोली कि ये लोग चुनाव जीतने के लिए कुछ भी करवा सकते हैं। ये बात बिलकुल सही है जो प्रधानमंत्री तीन घंटे तक पुलवामा जैसे हमले के बारे में कुछ नहीं बोलता, जो प्रधानमंत्री तीन महीने तक मणीपुर के बारे में कुछ नहीं बोलता और जिसके पिट्ठू एंकर खुशी से उछल जाते हैं जब हमारे 40 जवान शहीद हुए, वो लोग कुछ भी करवा सकते हैं। ओप इंडिया जो भाजपा का मीडिया ऑर्गनाइजेशन है उसमें ये छप चुके हैं अलकायदा और जैश ए मोहम्मद के बयान कि हम लोग राम मंदिर पर अयोध्या के मंदिर पर हमला करेंगे। अब अगर उस पर आपने सरकार ने सिक्योरिटी नहीं टाइट इन नहीं की और इतनी टाइट इन नहीं की कि वहां हमला हो ही नहीं सकता, और फिर भी अगर हमला हो जाता है तो हम क्या मानेंगे कि हमला होने दिया गया कि हमला करवाया गया? और इसकी बहुत आशंका है ये मान कर चलिए अयोध्या नहीं तो कहीं और हो सकता है। और इन लोगों को ये समझ में आ गया है कि ये चुनाव 2024 का ये हार रहे हैं, ये सारे के सारे संकेत साफ हैं कि 2024 का चुनाव हार रहे हैं, और एक ही तरह से जीत सकते हैं या तो इस देश को पूरे देश को मणीपुर बनवा दें और उसकी तैयारी चल रही है। कल जो यहां नूंह में, गुडग़ांव में हुआ, कल जो हुआ ट्रेन पर, ये सब इन सब चीजों के संकेत दे रहे हैं कि इस देश को, पूरे देश को मणीपुर बनाने की पूरी तैयारी चल रही है। इसलिए पूरे देश को इसके बारे में सतर्क रहना होगा और सबसे पहले पुलवामा की जवाबदेही मांगनी होगी कि आपने ये कैसे होने दिया? और जिन लोगों ने होने दिया उन लोगों को क्यों आज तक जवाबदेह नहीं ठहराया गया है? उस इन्क्वायरी का क्या हुआ? उन लोगों को क्यों प्रमोट कर दिया गया है जिनको जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए था। अगर हम यह भी मान लें कि आपको नहीं पता था, आपने नहीं करवाया तो जिन लोगों ने होने दिया जिन लोगों की लापरवाही थी, ये तो साफ है कि लापरवाही थी आपने 11 इंटेलिजेंस अलर्ट्स इग्नोर किए आपने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर वॉयलेट किया, और उसके बाद भी किसी की जवाबदेही नहीं तय होती है? तो इसलिए हम लोगों को ये सवाल पूछना होगा, इसकी इन्क्वायरी रिपोर्ट मांगनी होगी और पूरे देश का आगाह करना होगा कि इस तरह की घटना फिर से करवाई जा सकती है। (प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं।)