जैविक अपशिष्ट को खाद में बदलने के नाम पर दो सौ पार्कों में कूड़ा इकट्ठा करने का खेल कर रहे निगम अधिकारी फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) कूड़ा निस्तारण में असफल साबित हो रही चाइनीज कंपनी ईकोग्रीन पर खट्टर सरकार के भ्रष्ट और निकम्मे अधिकारी इतने मेहरबान हैं कि अब पार्कों को ही कूड़ाघर बनाने पर उतर आए हैं। बहाना बनाया जा रहा है कि पार्कों में कूड़े से खाद बनाने की मशीनें लगाई जाएंगी। बंधवाड़ी में कूड़ा डंप करने पर लगे प्रतिबंध और विधानसभा क्षेत्रों में डंप यार्ड बनाए जाने के विरोध को देखते हुए अब निकम्मे अधिकारी जनता को कूड़े से खाद बनाने के नाम पर वरगला कर पार्कों को ही डंप यार्ड बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के साथ ही स्मार्ट सिटी बनाने का जुुमला फेका था। स्वच्छ भारत के तहत स्मार्ट सिटी चुने गए फरीदाबाद में कूड़ा निस्तारण के लिए मेड इन इंडिया का ढोल पीटने वाली मोदी-खट्टर सरकार ने चीन की कंपनी ईकोग्रीन को ठेका दिया था। ठेके के मुताबिक कंपनी डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट करेगी और इससे रिफ्यूज़ डिराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) अलग कर बिजली बनाने में इस्तेमाल करेगी। कंपनी ने कभी भी अपनी कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई। उसके पास तो डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए और खत्तों से डंपिंग यार्ड तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त वाहन भी नहीं हैं। बावजूद इसके मोदी-खट्टर की चहेती इस कंपनी को नगर निगम के अधिकारियों ने अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली आदि संसाधन उपलब्ध कराए। हालांकि धांधली का खुलासा होने पर भ्रष्ट अधिकारियों ने बेमन से कंपनी की यह सुविधा बंद कर दी।
इधर एनजीटी ने 2022 में बंधवाड़ी में लगे कूड़े के ऊंचे ढेर समाप्त करने का आदेश जारी किया। कंपनी को कार्यशैली में सुधार करने और रोजाना इकट्ठा किए गए कूड़ें का उसी दिन निस्तारण करने का आदेश देने के बजाय निकम्मे और भ्रष्ट अधिकारियों ने शहर में ही कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाने का फैसला ले लिया। सबसे पहले मंत्री मूलचंद ने सीही गांव वालों से झूठ बोलकर वहां कचरा निस्तारण संयंत्र बनवाने का प्रयास किया लेकिन लोगों ने विरोध कर दिया। पाली, रिवाजपुर और फतेहपुर में भी डंपिंग यार्ड बनाने का विरोध हुआ।
एनजीटी का दबाव और जनता का विरोध देखते हुए अब लूट कमाई में माहिर निगम अधिकारी शहर के दो सौ पार्कों को डंपिंग यार्ड बनाएंगे। पार्कों में कूड़ा डाले जाने का विरोध न हो तो इसे जैविक अपशिष्ट परिवर्तन संयंत्र लगाए जाने का जामा पहना कर लोगों को बहलाया जा रहा है। नगर निगम के कार्यकारी अभियंता पदम भूषण के मुताबिक पार्कों के कूड़े के निस्तारण के लिए ऑर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर (ओडब्ल्यूसी) मशीनें लगाई जाएंगी। बताते चलें कि इस मशीन की कीमत बीस लाख रुपये है यानी दो सौ पार्कों में यह मशीन लगाने के लिए 40 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा, यह पैसा कहां से आएगा पद्म भूषण यह नहीं बता सके।
कूड़े से जैविक अपशिष्ट अलग कर उसकी खाद और ईंधन बनाने का काम ईकोग्रीन कंपनी तो आज तक नहीं कर सकी। अब निगम अधिकारी पार्कों में जैविक ईंधन व खाद तैयार करने के नाम पर हवाई किले बनाने की घोषणा कर रहे हैं। मालूम हो कि बंधवाड़ी का कूड़ा संयंत्र भी अस्थायी ही बनाया गया था लेकिन इसका वर्तमान स्वरूप देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि जहां एक बार कूड़ा डालना शुरू किया गया वहां पहाड़ बनने में ज्यादा देर नहीं लगती।
इस सबके पीछे निगम अधिकारियों की मंशा मात्र इतनी है कि इन पार्को को ही कूड़ा निस्तारण केंद्र बना दिया जाए तो ईकोग्रीन की भी समस्या कम हो जाएगी और एनजीटी में भी अपनी पीठ थपथा लेंगे, इस सबके बीच आम जनता प्रदूषण झेले या कूड़े की बदबू निगम के बदतरीन अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।