करनाल (जेके शर्मा) आयकर विभाग केवल आम आदमी को लूटने के लिए ही रह गया है वरना एक संगठित गिरोह बंदी बना ली है किसी सरकारी संविधान के कानून को नहीं मानते इन गिरोह कट अधिकारियों की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को भी की गई लेकिन कोई परवाह नहीं करनाल हरियाणा के शिकायतकर्ता प्रवीण कुमार ने एक स्थानीय व्यापारी राजेंद्र गांधी के पुत्र ठाकुरदास गांधी सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई। जिसमें आयकर विभाग व विक्रीकर में लाखों का घोटाला दर्ज हुआ बिक्री कर विभाग ने तो शिकायतकर्ता का संज्ञान लेकर 84 लाख 48 हजार 74 रु. रिकवरी बना दी और 15 लाख 60 हजार रु. श्री आर सी मितल तत्कालीन उप आबकारी कराधान अधिकारी करनाल ने वसूल भी किए। लेकिन आयकर विभाग अधिकारियों ने गिरोह बंदी कर अपने अधिकारी पुत्र को बचाने की कसम उठा ली। लगातार 20 साल तक शिकायतकर्ता ने स्थानीय कार्यालय से मुख्य कार्यालय तक निजी तौर पर विभागीय स्तर पर सभी प्रकार के साक्ष्यों के साथ लगातार शिकायतें भेज कर उचित कार्रवाई करने की गुहार लगाई लेकिन आयकर अधिकारी जी अपने ही पद का लाभ लेकर अधिकारी पुत्र राजेंद्र गांधी को बचाने में हर संभव प्रयास कर रहे है ।
करनाल स्थित एक्टिव फुटवियर के मालिक राजेन्द्र गांधी पुत्र टी.डी गांधी (ठाकुर दास गांधी) तत्कालीन आयकर अधिकारी के खिलाफ एक शिकायत पत्र आयकर व बिक्रीकर दोनो विभागों को दिया गया था । जिसे बिक्रीकर कार्यालय ने पूरी जांच करने के बाद जिसके तहत 84 लाख 48 हजार 74 रु का डिमांड की जानकारी आने के बाद नोटिस दिया आयकर विभाग ने शिकायत को सही तो और आयकर अधिनियम 1961की धारा 271/274 के तहत पैनल्टी नोटिस देना पड़ा।
सबसे हैरानी वाली बात ये रही की एक्टिव फुटवियर मौजूदा आयकर अधिकारी का पुत्र राजेन्द्र गांधी के नाम के साथ उसमें उसकी मां आयकर अधिकारी ठाकुरदास गांधी की पत्नी भी हिस्सेदार बताई गई थी। लेकिन विभाग का कमाल देखिये की जांच कर्ता अधिकारी ने आयकर कानून 1961 की धारा 142 के अन्तर्गत नोटिस जारी कर निष्कर्ष निकाला की फर्म की उक्त दुकान काफी समय से बन्द कर दी गई है तथा मालिक का कोई अता पता नही है। जबकि एक्टिव फुटवियर की हिस्सेदार शीला गांधी ठाकुर दास गांधी तत्कालीन आयकर अधिकारी की 103/13 के साथ रह रही थी । आयकर कानून की धारा 144 के अन्र्तगत केस को पैनल्टी नोटिस देकर 271 के तहत डिमांड नोटिस घर पहुंचाने की बजाये दुकान पर चस्पा दिया।, लेकिन उसके बाद की कारवाई को आगे नही बढ़ाई गई और मामला फाईलो में ही दफन कर दिया ।
इस बारे में शिकायतकर्ता ने कई बार कार्यालय से सम्पर्क किया, लेकिन हर बार किसी न किसी बहाने मामले को टाल दिया गया। अन्त में शिकायतकर्ता प्रवीण कुमार ने जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अन्र्तगत सूचना मांगी तथा सम्बधित कार्यालय से बार बार सम्पर्क किया। लेकिन सम्बधित अधिकारी ने बदनियती के साथ एक पत्र 20 जनवरी 2021 क्रमांक न0 4046 के तहत जानकारी देने से मना करते हुये यह टिप्पणी दे दी कि सूचना तीसरे व्यक्ति से सम्बधित है और तीसरे पक्ष की जानकारी की सूचना के रूप में प्रकटीकरण सम्भव नही है।
प्रथम अपीलीय अधिकारी प्रेम सिहं संयुक्त आयकर आयुक्त को अपील की गई तो उनका पत्र क्रमांक 2591 दिनांक 12.2.21में निराला उतर था कि नो लार्ज पब्लिक इनटरैस्ट इज फाऊण्ड इस लिये केस को फाईल करते हुये डिसमिस किया जाता है ।
सूत्रों की माने तो करनाल स्थित एक्टिव फुटवियर के मालिक राजेंद्र पुत्र टीडी गांधी तत्कालीन आयकर अधिकारी के खिलाफ लगभग 25 लाख की देनदारी है । लेकिन तमाम शिकायतें कागजों में दफन करके शिकायत को गोलमाल कर दिया कि इन्हीं के अधिकारी की पोल ना खुल जाए ।
भारत सरकार के भ्रष्टाचार उन्मूलन की तमाम कोशिशें विभाग द्वारा स्वयं ही खत्म की जा रही हैं। विभागीय अधिकारी अभी भी यह बताने की कोशिश नहीं कर रहा कि यह तृतीय पक्ष कैसे हैं? जबकि शिकायतकर्ता का पक्ष है कि यह मामला भ्रष्टाचार विरुद्ध और पब्लिक इंटरेस्ट की हैं । और मामला अधिकारी पुत्र को लाभ पहुँचाने के लिये ठण्डे बस्ते में है।