आगजनी से रेल को 300 करोड़ का नुकसान, लेकिन खरबों की संपत्ति कौडिय़ों के भाव पूंजीपतियों को देने पर कितना नुकसान?

आगजनी से रेल को 300 करोड़ का नुकसान, लेकिन खरबों की संपत्ति कौडिय़ों के भाव पूंजीपतियों को देने पर कितना नुकसान?
July 13 18:40 2022

हाल ही में सेना की अग्निपथ योजना के खिलाफ में आंदोलनकारियों द्वारा जलायी गई ट्रेनों और बोगियों से आंकड़ों के मुताबिक कुल नुकसान अधिकतम 300 करोड़ रुपए का हुआ है।
जबकि उस तुलना में अब तक लाखों करोड़ों के मूल्य की ट्रेनें, प्लेटफॉर्म, स्टेशन और रेल रूट कौडिय़ों के भाव में पूंजीपतियों के हवाले कर दी जा रही हैं, उस नुकसान का ब्योरा कौन देगा?
ये सवाल है डॉ कमल उसरी का, जो कि इंडियन रेलवे इम्पलाइज फेडरेशन (आईआरईएफ) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।

वे कहते हैं कि जब प्रदर्शनकारियों ने रेल कोचों पर आग लगाई तब जांबाज रेल कर्मचारियों ने अपनी जान पर खेल कर उसे बचाया।

रेल मंत्री ने भी आक्रोशित प्रदर्शनकारियों से यही कहा कि रेल जनता की और देश की संपत्ति है, इसलिए उसमें आग ना लगाई जाए।

और फिर एक ही सांस में वह उसी रेल को पूंजीपतियों को बेचने की नई युक्ति लगाते हैं।

देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का हक सिर्फ सरकार को उनका कहना है कि राष्ट्र की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का हक सिर्फ सरकार के पास है।

मोदी सरकार ने नवंबर 2021 में रेल के निजीकरण के लिए तरह तरह के हथकंडे इस्तेमाल किये, जिसमें से एक भारत गौरव योजना थी।

इस योजना के तहत दो साल के लिए ट्रेन का संचालन प्राइवेट हाथों में दिया जाएगा।

हालांकि इन ट्रेनों का मेन्टेनेंस सरकार के ही हिस्से में होगा, प्राइवेट खिलाडिय़ों को सिर्फ फीस भरनी होगी।

इस योजना में अनगिनत ट्रेनें शामिल हैं, जिसे कोई भी कान्ट्रैक्टर टेन्डर डाल के ले सकेगा।

मुनाफे वाले रूट जा रहे प्राइवेट कब्जे में यह ट्रेनें खासकर के सबसे मलाईदार रूटों पर चलाई जाएंगी, जहां भारी मुनाफा कमाए जाने का रास्ता है।

शुरुआत में जब मोदी सरकार ने राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन योजना के तहत पूरी ट्रेन को ही बेचने का प्रयास किया, तब बहुत काम ऑपरेटरों ने रुचि दिखाई।

जिसके बाद सरकार ने इसे लीज पर देने का फैसला किया।

रेल निजीकरण के बड़े प्लान का ही यह भारत गौरव एक छोटा सा भाग है जिसमें गौरव की आड़ में रेल की संपत्ति कौडिय़ों के भाव लीज पर दी जा रही है।

कोयम्बटूर से शिर्डी तक 14 जून को चलने वाली ट्रेन भारत गौरव योजना के अंतर्गत सिर्फ पहली ही ट्रेन है।

प्राइवेट होगी सिर्फ बुकिंग, देखरेख, सफाई सरकार के ही जिम्मे इस योजना के तहत जिन ट्रेनों को लीज पर दिया गया है, उनकी टिकट या रिजर्वेशन की देख रेख का जिम्मा प्राइवेट मालिकों की ही होगी। लेकिन ट्रेन जिस स्टेशन में भी रुकेगी- वहां कम दामों में सफाई और मेंटेनेंस किया जाएगा जिसका जिम्मा सरकार के पाले ही है।

चूंकि यह ट्रेन दोनों धार्मिक स्थलों के बीच चलेगी, इसलिए सुरक्षा के नाम पर दो सिक्युरिटी गार्ड रखे जाएंगे।

भारत गौरव के नाम पर ट्रेन का प्राइवेट संचालन, प्रोडक्शन यूनिटों को भी निजी कब्जे में देने की तैयारी में सरकार भारत गौरव के नाम पर ट्रेनों का संचालन प्राइवेट हाथों में देने का भारी विरोध, आईआरईएफ ने कहा नहीं बेचने देंगे रेल कोयम्बटूर नॉर्थ रेलवे स्टेशन, जहां से ट्रेन रवाना हुई, वह स्वघोषित धर्मगुरु जग्गी वसुदेव के आश्रम के पास है। जबकि गंतव्य शिर्डी साईंनगर था जो कि साईं बाबा के धाम के रूप में प्रचलित है।

आईआरईएफ का कहना है कि ये स्पष्ट रूप से रेल का निजीकरण है जहां प्राइवेट ऑपरेटर अपने हिसाब से दाम तय कर रहा है।

सरकारी मान्यता प्राप्त फेडरेशन भी अड़ंगा इस प्राइवेटाइजेशन के कदम का स्थानीय दक्षिण रेलवे एमप्लॉइज यूनियन (ष्ठक्रश्व) ने प्रतीकात्मक विरोध किया था।

देशव्यापी आंदोलन के लिए ढ्ढक्रश्वस्न की रणनीति यह है कि जिन जिन स्टेशनों पर उनकी ताकत है, वहां पर विरोध प्रदर्शन किया जाए।

वो मानते हैं कि उनकी ताकत सरकार द्वारा समर्थन और मान्यता प्राप्त फेडरेशनों जितनी नहीं है और यह भी कि ज्यादातर उनकी लड़ाई इन्हीं फेडरेशनों से होती है।

वे कहते हैं हैं कि अगर कोई कर्मचारी सरकारी नीतियों का विरोध करता है तो उसका ट्रांसफर कर दिया जाता है। परिवार सहित बार बार ट्रांसफर होना कर्मचारियों के लिए कठिन होता है, जिसका नतीजा सरकार को कर्मचारियों के मौन के रूप में मिलता है।

26 जून को संभावित है देश भर में विरोध संभावित है कि आईआरईए$फ की तरफ से 26 जून को देश भर में सरकार के निजीकरण के नीति का सिम्बॉलिक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

इस प्लान पर अभी ढ्ढक्रश्वस्न काम कर रही है। राष्ट्रय मौद्रिकारण पाइपलाइन के तहत चाहे सामानों की बुकिंग हो या रेल रूट हो, सभी को लीज पर दिए जाने या प्राइवेटाइजेशन के प्लान का ही ये एक छोटा हिस्सा है।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles