फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) हूडा व नगर निगम के हरामखोर और भ्रष्ट अधिकारियों ने आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बहाने शहर में अवैध निर्माण करने वालों को छूट दे दी है। राजनेताओं की शह पर सेक्टरों से लेकर नगर निगम क्षेत्र मेंं बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर बहुमंजिला इमारतें धड़ल्ले से बनाई जा रही हैं, इस धांधली पर अंकुश लगाने के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि आचार संहिता लागू होने केे कारण वह कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
प्रदेश में वर्तमान में स्टिल्ट पार्किंग के साथ तीन मंजिल तक भवन बनाने की अनुमति है। हालांकि, सरकार स्टिल्ट के साथ चार मंजिल भवन बनाने की पॉलिसी पर विचार कर रही है लेकिन अभी इस पर मुहर नहीं लग सकी है। इसके विपरीत सेक्टर 21 सी 459 में बहु मंजिला इमारत धड़ल्ले से बनाई जा रही है। वर्तमान में यह पांच मंजिल तक बन चुकी है और अभी निर्माण जारी है। हूडा की गेस्ट हाउस पॉलिसी के तहत बनाई जा रही ये इमारत वैध रूप से स्टिल्ट के साथ तीन मंजिल तक ही बनाई जा सकती है। स्थानीय लोगों के अनुसार शिकायत करने के बावजूद न तो हूडा और न ही नगर निगम ने कोई कार्रवाई की।
दरअसल, यह इमारत भाजपा से जुड़े सेक्टर 21 ए निवासी राजीव शर्मा नाम के व्यक्ति की है। रोहतक से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे अरविंद शर्मा का रिश्तेदार बताए जाने वाले राजीव शर्मा दिल्ली विकास प्राधिकरण से एक्सईएन पद से रिटायर हुए हैं। सीमा त्रिखा से लेकर कृष्णपाल गूजर से भी उनके अच्छे संबंध हैं। यही कारण है कि अधिकारी शिकायत होने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाते। अपनी इमारत बनाने के लिए उन्होंने ग्रीन बेल्ट तहस नहस कर डाली, उसे सीमेंट, सरिया आदि निर्माण सामग्री रखने का स्टोर बना डाला, मज़दूरों को भी ग्रीन बेल्ट में अस्थायी झुग्गी डाल कर बसा दिया, लेकिन किसी अधिकारी ने मना करना तो दूर उनसे पूछने तक की हिम्मत नहीं जुटाई।
सिर्फ यही इमारत नहीं बन रही नगर निगम के बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में एनआईटी एक, दो और तीन में धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी है। एनआईटी तीन डी ब्लॉक में भी एक बहु मंजिला इमारत बन रही है। शिकायतोंं के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, निगम के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार अधिकारी कार्रवाई करना चाहते हैं तो मंत्री के पीए का फोन आ जाता है कि चुनाव खराब मत करो, कोई कार्रवाई नहीं करनी है। मंत्री नेताओं की आड़ में भ्रष्ट अधिकारी बिल्डरों से मोटा सुविधा शुल्क वसूल कर उन्हें भी अतिरिक्त अवैध निर्माण करने की छूट दे रहे हैं। दरअसल सबको लगता है कि ये नेता-मंत्री अपने चहेतों के अवैध निर्माण को बचाने के लिए सरकार पर दबाव बना सकते हैं, ऐसे में अवैध निर्माण करने वाले बिल्डरों का भी फायदा होना निश्चित है। हूडा के एसडीओ राजेंद्र कुमार ने आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव समाप्त होने के बाद ही अवैध निर्माण की शिकायतों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
लोकसभा चुनाव के कारण आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है। संहिता का मुख्य उद्देश्य ऐसे कार्यों को रोकना या उन पर प्रतिबंध लगाना होता है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी राजनीतिक दल या प्रत्याशी की जीत का कारण बन सकती हैं। इसके तहत रुटीन के प्रशासनिक कार्यों पर किसी तरह की रोक नहीं है। समझा जा सकता है कि अधिकारी केवल इसकी आड़ में बिल्डर माफिया और नेताओं के चहेतों को फायदा पहुंचाने में जुटे हैं।