फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) दो सौ करोड़ के गबन की जांच ‘ईमानदार भाजपा’ सरकार द्वारा ठंडे बस्ते में डाले जाने से उत्साहित नगर निगम के अधिकारी जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने में जुटे हैं। विकास कार्यों के नाम पर बजट का रोना रोने वाले अधिकारी मोटी कमाई वाले विकास कार्यों पर निगमायुक्त से लेकर चीफ इंजीनियर तक सबके हस्ताक्षर तुरंत हो जाते हैं। राजीव कॉलोनी में भी ठेकेदार और अधिकारी मिल कर एक ही काम को दोबारा दिखा कर पचास लाख रुपयों की बंदरबांट करने जा रहे थे लेकिन मामला खुल गया, तो बेचारी निगमायुक्त ने मामले की जांच के आदेश दे दिए। अब क्योंकि जांच भी भ्रष्ट एक्सईएन ओपी कर्दम के बड़े भाई बीके कर्दम के सहयोग से अतिरिक्त निगमायुक्त आर पाटिल करेंगे तो रिपोर्ट क्या आनी है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। विधायक नीरज शर्मा ने इस भ्रष्टाचार की जांच स्टेट विजिलेंस से कराने की मांग की है।
एनआईटी विधायक नीरज शर्मा विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों नहीं होने के कारण विरोध स्वरूप कफन पहनने और धरना देने में लगे रहे वहीं कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए उनके इलाके में विकास कार्य बांट रहे थे। दो सौ करोड़ रुपये घोटाले में जेल जा चुके ठेकेदार सतबीरा से गिफ्ट में चार पहिया वाहन लेने वाले कैबिनेट मंत्री मूूलचंद शर्मा लगता है कि अब चहेते ठेकेदार ब्रजलाल चौरसिया को भी उसके मुकाम पर पहुंचाना चाहते हैं। नीरज शर्मा के अनुसार मूलचंद शर्मा ने एनआईटी विधानसभा क्षेत्र की राजीव कॉलोनी के प्रेरणा पॉकेट में 1800 मीटर पाइप लाइन और 1798 वर्ग मीटर पुरानी व 798 वर्ग मीटर नई इंटरलॉकिंग टाइलें बिछाने का आदेश 2022 में नगर निगम को दिया था। उनके आदेश पर नगर निगम ने 61 लाख 49 हजार रुपये का ठेका ब्रजलाल चौरसिया ठेकेदार को जारी किया था, ये विकास कार्य आज भी चल रहा है। इसी काम के लिए 2023 में कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा की ओर से नगर निगम को एक बार फिर पत्र लिखा गया। इस बार नगर निगम अधिकारी इस काम के लिए 49 लाख 23 हजार 460 रुपये का वर्क ऑर्डर ठेकेदार ब्रजलाल चौरसिया को देने की तैयारी में थे लेकिन विधायक नीरज शर्मा को इसकी जानकारी हो गई। उन्होंने दोनों फाइलें चेक कीं। दोनों ही फाइलों में पहले के छह पेज एक से थे, कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा से लेकर एक्सईएन ओपी कर्दम और संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर भी दोनों में एक से ही थे लेकिन दोनों में बस वर्ष का फर्क था, एक में 2022 पड़ा था और दूसरी में 2023। ओपी कर्दम के हस्ताक्षर बिना तारीख के ही दर्ज थे। मंगलवार को उन्होंने एक ही काम के लिए दो बार भुगतान करने की साजिश की शिकायत निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास से की। नगर निगम में होने वाले हर काम की जानकारी रखने वाले चीफ इंजीनियर बीके कर्दम और निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास ने विधायक के खुलासे पर आश्चर्य जताते हुए अतिरिक्त निगम आयुक्त (एसीएमसी) आर पाटिल को मामले की जांच सौंपी दी।
दो सौ करोड़ के घोटाले के कारण नगर निगम की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ही 11 महीने पहले निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास को यहां भेजा गया था। यानी सरकार की नजर में वो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए निगम के हर काम की बारीकी से समीक्षा और पड़ताल करने में सक्षम अधिकारी थीं। ऐसे में यदि उनकी नाक के नीचे बिना काम के ही पचास लाख रुपये की बंदरबांट हो रही हो तो उनकी क्षमता पर प्रश्न चिह्न लगता है। उनके कार्यकाल में नगर निगम में एसीबी ने रिश्वत लेते हुए चार-पांच कर्मचारियों को रंगेहाथ पकड़ा। आईएएस मोना ए श्रीनिवास यदि सच में ईमानदार हैं तो नगर निगम में हो रहे छोटे बड़े हर तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाएं अन्यथा मानना गलत नहीं होगा वह भी लूट कमाई के खेल में शामिल रहती हैं।