भाजपा सरकार न डॉक्टरों का भला करने वाली है न ही जनता का

भाजपा सरकार न डॉक्टरों का भला करने वाली है न ही जनता का
July 20 11:58 2024

ऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) आयुष्मान, चिरायु का ढिंढोरा पीटने वाली खट्टर-सैनी सरकार न तो जनता का हित कर रही है न ही डॉक्टरों का। सरकार की तुगलकी नीतियों से परेशान प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों ने हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (एचसीएमएस) के आह्वान पर बीते सोमवार को दो घंटे सांकेतिक हड़ताल की। पूरे प्रदेश में हजारों ओपीडी और आईपीडी मरीजों को बिना इलाज और चिकित्सिकीय परामर्श के दो घंटे परेशान होना पड़ा। खुद को जनता का हितैषी बताने वाली सरकार डॉक्टरों की जायज मांगें मानने में भी रुचि लेती नहीं दिख रही है। बुधवार को भी एचसीएमएस का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य सचिव से मिलने के लिए घंटों उनके कार्यालय के बाहर इंतजार करता रहा लेकिन वो नहीं मिले। सरकार की बेरुखी से नाराज एसोसिएशन के राज्य प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया ने मांगे नहीं माने जाने पर 25 जुलाई से इमरजेंसी से लेकर सभी स्वास्थ्य सेवाएं ठप करने का ऐलान किया लेकिन अभी तक सरकार ने कोई पहल नहीं की है।

एचसीएमएस के पदाधिकारियों के अनुसार 22 जिलों वाले प्रदेश में लंबे अर्से से डॉक्टरों के 700 पद खाली हैं। इस कारण डॉक्टरों पर काम का बहुत ज्यादा बोझ है, ओपीडी, सर्जरी, पोस्टमॉर्टम, वीआईपी ड्यूटी, कोर्ट केस-एविडेंस आदि कार्यों के बीच संतुलन बैठाना डॉक्टरों के लिए मुश्किल हो रहा है। सरकार इन खाली पदों को बार बार मांग किए जाने के बावजूद नहीं भर रही है। स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की वैसे ही कमी है लेकिन डॉक्टरों की कमी होने के कारण इन विशेषज्ञ चिकित्सकों से भी जनरल फिजिशियन वाले काम लिए जा रहे हैं जबकि उनकी जरूरत विशेष मरीजों को ज्यादा है। सरकार स्पेशलिस्ट चिकित्सकों का काडर भी नहीं बना रही है न ही इनकी भर्ती कर रही है। एसोसिएशन सरकार की सीनियर मेडिकल ऑफिसर पद पर सीधी भर्ती करने की पॉलिसी का कड़ा विरोध कर रही है।

दरअसल सरकार एसएमओ पद के लिए चयन प्रक्रिया शुरू कर सीधी भर्ती करने की तैयारी कर रही है जबकि एसोसिएशन का विरोध है कि इससे पदोन्नति के योग्य और कई साल तक चिकित्सा सेवाएं देने वाले डॉक्टर वंचित रह जाएंगे और उनका जूनियर एसएमओ बन जाएगा, यह न्याय संगत नहीं है। इसकी जगह एसोसिएशन सरकार से एश्योर्ड कॅरियर प्रोग्रेशन (एसीपी) लागू करवाना चाहती है जिसमें वरिष्ठता के आधार पर एसएमओ पद मिलेगा। सरकार की नीतियों के जानकारों के अनुसार एसमएओ पद पर सीधी भर्ती के जरिए भाजपा सरकार अपने चहेतों को लाभ पहुंचाना चाहती है। संघी पृष्ठभूमि के परिवारों से आने वाले बच्चे जो भाजपा सरकार में ही डॉक्टर बन कर सरकारी नौकरी भी हासिल करने वाले हैं उन्हें ही सरकार एसएमओ बनाएगी।

पूंजीपतियों की हिमायती भाजपा सरकार ने गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले डॉक्टरों के लिए पीजी करना मुश्किल कर दिया है। सरकार की नई पॉलिसी के तहत यदि कोई ग्रेजुएट डॉक्टर पीजी करना चाहता है तो उसे बतौर गारंटी एक करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी बंधक रखनी होगी। एसोसिएशन की मांग है कि गारंटी की राशि घटा कर पचास लाख रुपये की जाए और प्रॉपर्टी गिरवी रखवाने के बजाय अभ्यर्थी से पोस्ट डेटेड चेक लिए जाएं। यहां समझने वाली बात है कि जो व्यक्ति एक करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी गिरवी रख कर या पचास लाख रुपये के पोस्ट डेटेड चेक लगाकर डॉक्टर बनेगा वो समाज सेवा करेगा या फिर इतने रुपये चुकाने के लिए मरीजों को लूटेगा।

सुधी पाठकों को बताते चलें कि एसोसिएशन ने छह महीने पहले भी सरकार के सामने अपनी मांगे रखीं थीं, लोकसभा चुनाव करीब होने के कारण तब सीएम खट्टर ने उनकी मांगें मानने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार सरकार इस बार भी मांगों पर सहमति तो जता रही है लेकिन कुछ भी लिखित में नहीं दे रही है। काम निकल जाने के बाद किसी को भी दूध की मक्खी की तरह निकाल कर फेकने और वादा खिलाफी करने में माहिर झूठ, मक्कारी में निपुण भाजपा और उसके सीएम सैनी शायद इसीलिए कोई लिखित आश्वासन नहीं दे रहे है।

आयुष्मान और चिरायु योजना का भुगतान समय से नहीं होने के कारण प्रदेश में निजी अस्पताल पहले से ही गरीब मरीजों को इलाज देने से मना कर चुके हैं, इनके लिए सरकारी अस्पताल ही बचते हैं। यदि वहां भी सेवाएं ठप हो जाएंगी तो ये लोग कहां जाएंगे। सरकार तो बस चुनावी मोड में धड़ाधड़ घोषणाएं करने में जुटी है, उनसे आम आदमी को कोई लाभ हो या न हो इससे उसे कोई मतलब नहीं।

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Mazdoor Morcha
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