कविता/ फेक और फेंक दोनों की….

कविता/ फेक और फेंक दोनों की….
July 09 06:43 2024

डॉ. रामवीर

फेक और फेंक दोनों की
भाजपा ने ली फ्रेंचाइजी,
फेक न्यूज फैला देते हैं
जब होती है इनकी मर्जी।

और हमारे पन्त प्रधान
फेंकने में हैं इतने कुशल,
जब अपनी पर आते हैं तो
बन जाते नोन-बायोलोजिकल।

सुना है भीम फेंक देता था
अन्तरिक्ष तक में भी हाथी,
वह द्वापर की बात है कलि में
तो मोदी ही भीम के साथी।

भीम फेंकता होगा ऊंची
मोदी ऊंची एवं लम्बी,
दुनिया के इतिहास में ऐसा
अब तक हुआ न कोई दम्भी।

दस सालों से फेंक रहा है
अधकचरे औ झूठे दावे,
भक्त मंडली यही चाहती
उसको ऐसी चीजें भांवे।

राजनीति भी तो बाजार के
सिद्धान्तों पर देखी चलती,
मांग और पूर्ति की थ्योरी
पर ही टिकी है दुकानदारी।

भाजपाइयों ने भक्तों का
बना दिया है ऐसा टेस्ट,
फेक न्यूज और लम्बी फेंकने
में ही बचा है अब इंटरेस्ट।

वैसे रोज रोज कहां से
ले आते हो झूठी न्यूज,
सिवा तुम्हारे और किसी की
हो नहीं सकती ऐसी सूझ।

हमें याद है तुम ने ही तो
गणेशजी को पिलाया दूध,
अफवाहों औ आडम्बर की
तुम में प्रतिभा भरी अकूत।

फेक न्यूज पढऩे सुनने का
जिसको लग जाता है चस्का,
ब्रह्मा जी भी यदि चाहें तो
भला नहीं कर सकते उसका।

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