एक्सईएन नासवा का अवैध निर्माण बचाने में जुटे निगम अधिकारी

एक्सईएन नासवा का अवैध निर्माण बचाने में जुटे निगम अधिकारी
July 09 05:54 2024

ऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) शहर का बेड़ा गर्क करने में अहम भूमिका निभाने वाले नगर निगम के फर्जी डिग्रीधारक एक्सईएन पद्मभूषण नासवा के चार मंजिला अवैध निर्माण को बचाने में नगर निगम का पूरा अमला लग गया है। कार्रवाई न करने का बहाना बनाने के लिए डीटीपी एन्फोर्समेंट, जिसके अनुसार सैनिक कॉलोनी उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आती, को पत्र लिखा गया है। इधर, वैध को अवैध बता कर तोडऩे और अवैध को वैध कह कर छोडऩे की कला में माहिर एक्सईएन पद्मभूषण नासवा, बताया जा रहा है कि अपने चार मंजिला निर्माण को वैध कराने के लिए चंडीगढ़ में भी जुगाड़ भिड़ा रहा है।

पद्म भूषण की पारिवारिक सदस्य स्वाति नासवा के नाम दर्ज सैनिक कॉलोनी बी ब्लॉक के प्लॉट नंबर 581 पी में अवैध रूप से चार मंजिला इमारत का निर्माण किया गया है। इस इमारत का नक्शा स्टिल्ट प्लस दो मंजिल का ही पास है। न केवल नक्शे का उल्लंघन किया गया बल्कि फ्लोर एरिया रेश्यो एफएआर का भी पालन नहीं किया गया है। इमारत के चारों फ्लोर पूरा एरिया कवर करके बनाए गए हैं। मज़दूर मोर्चा ने आठ जून 2024 के अंक में एक्सईएन पद्मभूषण के चार मंजिला निर्माण पर मेहरबान नगर निगम शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। निगम के भ्रष्ट अधिकारियों ने करना तो कुछ था नहीं तो दिखावे के लिए चौथी मंजिल सील करने का नोटिस भेजा लेकिन पद्मभूषण के खास संयुक्त आयुक्त जीतेंद्र गर्ग ने उस पर अमल दरामद नहीं होने दी थी।

कमाऊ पूत पद्मभूषण को बचाने के लिए संयुक्त आयुक्त ने अवैध निर्माण को नगर निगम के अधिकार क्षेत्र से बाहर बता कर इसके लिए डीटीपी एन्फोर्समेंट को जिम्मेदार करार देकर पल्ला झाड़ लिया। निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास को संतुष्ट करने के लिए उन्होंने डीटीपी एन्फोर्समेंट को कार्रवाई करने के लिए चिट्ठी भी लिखवा दी। निगम सूत्रों के अनुसार संयुक्त आयुक्त का ख्याल था कि अधिकार क्षेत्र के बाहर का मामला होने के कारण डीटीपी उसकी चिट्ठी डस्टबिन में डाल देंगे और वो मामला डीटीपी के यहां लंबित होने की बात कह कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। लेकिन

उनकी चिट्ठी  पर डीटीपी एन्फोर्समेंट ने तीन जुलाई को निगमायुक्त को जवाब भेजा है। डीटीपी के पत्र के अनुसार सैनिक कॉलोनी बी ब्लॉक में 581 पी जो चार मंजिला बनाई गई है उसका नक्शा नगर निगम ने ही स्वीकृत किया है, जो कि स्टिल्ट प्लस दो मंजिल का ही है। डीटीपी कार्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार इस भवन का बिल्डिंग प्लान या ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट इस कार्यालय द्वारा कभी जारी नहीं किया गया है। यह प्लॉट डीटीपी के लाइसेंस आवंटन क्षेत्राधिकार के बाहर स्थित है। प्लॉट नगर निगम के क्षेत्राधिकार में होने के कारण निगमायुक्त से इसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश भी की गई है।

पद्मभूषण के अवैध निर्माण को बचाने में जुटे अधिकारियों का तर्क है कि सैनिक कॉलोनी को डीटीपी ने ही लाइसेंस जारी किया था इसलिए वह नगर निगम के क्षेत्राधिकार में नहीं आती है। ये अधिकारी इस तथ्य को छिपा रहे हैं कि पूर्व सीएम खट्टर के आदेश पर पांच साल पहले यह कॉलोनी नगर निगम को हस्तांतरित की जा चुकी है। इधर, डीटीपी एन्फोर्समेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि सैनिक कॉलोनी के मकान का नक्शा ही जब नगर निगम ने स्वीकृत किया है तो नक्शे से अधिक निर्माण होने पर उसको तोडऩे का जिम्मा भी नगर निगम का ही है।
संयुक्त आयुक्त जीतेंद्र गर्ग ने बार बार संपर्क करने के बावजूद फोन नहीं उठाया। निगम मामलों के जानकारों के अनुसार नियमों को तोड़ मरोड़ करने और झूठे तथ्य पेश कर मातहत का अवैध निर्माण बचाने के प्रयास में आला अधिकारी खुद को फंसाने में लगे हैं, यदि उच्च स्तरीय जांच हुई तो इन पर भी कार्रवाई होना तय है। रही बात निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास की तो लगता नहीं कि मोटी मलाई इकट्ठा करने वाले कमाऊ पूत पद्मभूषण के खिलाफ वो कोई कदम उठाएंगी।

निगम में यह भी चर्चा है कि पद्मभूषण नासवा अपना चार मंजिला अवैध निर्माण बचाने के लिए चंडीगढ़ में बैठे बिकाऊ अफसरों को भी सेट करने में लगा है, और ज्यों ही सेटिंग हो जाएगी उस अफसर की जानकारी भी पाठकों को उपलब्ध कराई जाएगी। उसकी कोशिश है कि पूर्व सीएम खट्टर द्वारा दिसंबर 2022 में घोषित की गई स्टिल्ट प्लस चार मंजिल पॉलिसी के तहत उसकी इमारत का जनवरी 2023 की किसी डेट में अप्रूवल मिल जाए, क्योंकि सरकार ने फरवरी 2023 में यह पॉलिसी वापस ले ली थी। जिस शिद्दत से निगमायुक्त और नगर निगम का अमला पद्मभूषण के अवैध निर्माण को बचाने में लगा है, उससे लगता नहीं कि कोई कार्रवाई होगी।

ब्लैक मेलिंग पर उतारू हुए नासवा बंधु
फर्जी डिग्री वाले इंजीनियर पद्मभूषण नासवा के अवैध निर्माण को बचाने की जंग में उसका भाई मनोज नासवा भी कूद पड़ा है। उसने पद्मभूषण के घर के ही पड़ोस में चार मंजिल बनाई जा रही एक अन्य इमारत की लिखित शिकायत निगमायुक्त को दी है। साथ ही निगम अधिकारियों को यह धमकी दी है कि अगर उसके भाई की बिल्डिंग टूटी तो वह नगर निगम के सारे अधिकारियों की पोल खोल देगा। बताया जा रहा है कि पद्मभूषण के अवैध निर्माण के पड़ोस में जो इमारत चार मंजिल की बनाई जा रही है वो भी नगर निगम के किसी अधिकारी के करीबी की है। निगम सूत्रों के अनुसार तोड़ फोड़ विभाग के अधिकतर अफसर और कर्मचारी मोटी रकम लेकर किसी को भी अवैध निर्माण करने की छूट दे देते हैं। मोटी रकम लेने के बाद उस अवैध निर्माण के संरक्षण की जिम्मेदारी उस अधिकारी की हो जाती है। अब क्योंकि सभी इस तरह ऊपरी कमाई करते हैं तो अवैध निर्माण पर कार्रवाई के दौरान साथियों के क्लाइंट का भी ख्याल रखा जाता है। यह धंधा केवल तोड़ फोड़ विभाग तक सीमित नहीं है आला अधिकारियों की भी अवैध निर्माण पर डील होती है। एक्सईएन पद्मभूषण का भाई और पूर्व पार्षद होने के नाते मनोज नासवा भी इस खेल में माहिर है। अब अपने भाई को बचाने के लिए उसने धमकी दी है कि वह अधिकारियों के क्लांइट और करीबियों के अवैध निर्माण भी गिरवा देगा, बताया जा रहा है कि मनोज की धमकी से अधिकारी पद्मभूषण के अवैध निर्माण को छोडऩे की तरकीबें तलाशने में जुटे हैं।

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Mazdoor Morcha
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